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कल बुधवार, 27 अगस्त 2025 से शुरू होने वाले गणेशोत्सव (Ganeshotsav) के लिए शहर में उत्साह का माहौल है। मध्यप्रदेश के जिला प्रशासन और नगर निगम ने इस बड़े उत्सव को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
इस साल शहर में करीब 4 हजार गणेश पंडाल सजेंगे, जिनमें से 250 जगहों पर भव्य झांकियां बन रही हैं। प्रशासन ने खासकर सुरक्षा, बिजली, साफ-सफाई और भीड़ प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया है ताकि भक्तों को किसी तरह की असुविधा न हो।
सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम
बता दें कि, पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। संवेदनशील इलाकों में विशेष निगरानी रखी जाएगी और जरूरत के मुताबिक पुलिस बल (1-4 का बल) भी तैनात रहेगा। मुख्य बाजारों और प्रमुख मार्गों पर स्थापित होने वाले पंडालों के लिए यातायात की विशेष व्यवस्था की गई है ताकि ट्रैफिक जाम की समस्या न हो।
आयोजकों को उनके संबंधित थाना प्रभारियों के मोबाइल नंबर दिए गए हैं, जिससे किसी भी आपात स्थिति में तुरंत संपर्क किया जा सके। साथ ही, निगरानीशुदा बदमाशों और असामाजिक तत्वों पर भी खास नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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चप्पे-चप्पे पर रहेगी प्रशासन की नजर
इस साल सुरक्षा के लिए कुछ कड़े नियम बनाए गए हैं। सभी बड़े पंडालों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है। यह कदम न केवल किसी अनहोनी को रोकने में मदद करेगा, बल्कि किसी भी घटना के बाद जांच में भी सहायक होगा।
इसके अलावा, आयोजकों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि रात में झाँकियों की सुरक्षा के लिए समिति के सदस्य मौजूद रहें। पुलिस और प्रशासन सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी रख रहे हैं। किसी भी तरह की भड़काऊ पोस्ट या अफवाह फैलाने वालों पर तुरंत
कार्रवाई की जाएगी ताकि सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे। यह एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि अक्सर ऐसे बड़े त्योहारों पर सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया जाता है।
बिजली के खतरे और सुरक्षा के उपायगणेश पंडालों में बिजली का कनेक्शन सबसे बड़ी चिंता का विषय होता है क्योंकि अगर सही व्यवस्था न हो तो यह खतरनाक हो सकता है। पिछले कुछ सालों में पंडालों में करंट लगने से कुछ दुखद हादसे भी हो चुके हैं, जिनमें 2022 में नेहरू नगर में और 2024 में बिलखिरिया में बच्चों की मौतें शामिल हैं। इन हादसों से सबक लेते हुए, प्रशासन ने आयोजकों के लिए कुछ खास दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
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स्वच्छता और भीड़ प्रबंधन पर जोर
गणेशोत्सव (गणेशोत्सव शुरू) में स्वच्छता एक और महत्वपूर्ण मुद्दा है। नगर निगम ने हर झांकी से रोज निर्माल्या (पूजा सामग्री) इकट्ठा करने के लिए विशेष वाहनों की व्यवस्था की है।
इससे शहर की साफ-सफाई बनी रहेगी और पूजा सामग्री का सही निस्तारण भी होगा। पंडालों और झांकियों में उमड़ने वाली भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आयोजकों को विशेष इंतजाम करने होंगे।
सोमवार को सभी थानों में हुई बैठक में समिति के ऑफिशल्स को भीड़ को व्यवस्थित रखने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। बिजली, पानी, स्वच्छता और भीड़ प्रबंधन जैसे मुद्दों पर भी गहन चर्चा हुई ताकि उत्सव के दौरान किसी तरह की अव्यवस्था न हो।
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