गर्भकाल: धर्म और विकास को साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं मोहन

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 13 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। 13 सितंबर 2024 को सरकार के कार्यकाल के 9 माह पूरे हो जाएंगे। कैसा रहा सरकार का गर्भकाल, 9 महीने में कितने कदम चली सरकार, 'द सूत्र' लेकर आया है पूरा एनालिसिस, पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार हरीश दिवेकर का विशेष आलेख...

Advertisment
author-image
The Sootr
New Update
Harish Diwekar
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

हरीश दिवेकर@भोपाल.

बीजेपी में हिंदुत्व के कई फ्लेवर हैं। एक फ्लेवर है यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का...सख्त और कड़क हिंदुत्व। तो दूसरा फ्लेवर है एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का। जो उल्टे नारियल की तरह है। यानी बाहर से तो नर्म दिखाई देता है, लेकिन भीतर से संघ की तर्ज पर चलने वाला है। तीसरा फ्लेवर है मध्यप्रदेश के मौजूदा सीएम डॉ.मोहन यादव का हिंदुत्व। एक नारा, एक ही नाम... जय श्रीराम, जय श्रीराम का उन्माद भी रखता है और कृष्ण की बांसुरी की सुरीली धुन जैसा सुकून भरा अहसास भी देता है। 

मोहन यादव को मध्यप्रदेश की कमान संभाले नौ महीने हो गए हैं। इन 9 महीने में उन्होंने अपने अलग अलग फैसलों से ये साबित कर दिया कि वो धर्म और विकास दोनों को साथ लेकर आगे बढ़ेंगे। उनकी सरकार में धर्म की बात होगी और हर तबके के विकास पर जोर होगा। उनके कुछ पुराने फैसले यही बताते भी हैं। 

गर्भकाल …

मोहन यादव सरकार के नौ माह और आपका आंकलन…

कैसी रही सरकार की दशा और दिशा…

आप भी बताएं मोहन कौन सी तान बजाएं…. 

इस लिंक पर क्लिक करके जानें सबकुछ…

https://thesootr.com/state/madhya-pradesh/cm-mohan-yadav-garbhkal-the-sootr-survey-6952867

राम और कृष्ण दोनों के मोहन

मोहन यादव महाकाल की नगरी से आते हैं। शिव की भक्ति का रस शायद बचपन में ही चख लिया होगा। सत्ता की कमान संभाली तो तेवरों में श्रीराम के तीर कमान जैसी सख्ती दिखी और जुबां पर श्री कृष्ण की बांसुरी जैसी मिठास। सीएम बनते ही डॉ.मोहन यादव जबरदस्त एक्शन मोड में दिखाई दिए। पहले ही हफ्ते में उन्होंने जाहिर कर दिया कि उनकी अगुआई में बीजेपी सरकार हिंदुत्व के ट्रैक से भटकने वाली नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री के पद की शपथ ग्रहण की और तुरंत बाद ऐलान कर दिया कि मध्यप्रदेश में खुले में मांस की बिक्री नहीं होगी।

लाउड स्पीकर पर बैन लगाने का फैसला भी सुर्खियों में रहा। इसके बाद उन्होंने अशोक नगर की सभा में भरे मंच से बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत में रहना है तो राम और कृष्ण के जयकारे लगाने ही होंगे। राममय तो पूरी बीजेपी अब तक थी ही। मोहन यादव ने उसमें कृष्ण भक्ति का रस भी मिला दिया है...। कृष्ण भक्ति के नए फ्लेवर से बीजेपी को सराबोर करने वाले मोहन यादव ने इस तरह यह साफ कर दिया कि उनके आगे का सफर बीजेपी के बाकी मुख्यमंत्रियों से जुदा होने वाला है।

योगी, शिवराज और हिमंता से अलग मोहन

हिंदुत्व का एजेंडा इन सारे सीएम (शिवराज सिंह चौहान के केस में पूर्व सीएम) की खासियत है। ताजा उदाहरण ही देखें तो योगी आदित्यनाथ बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद से फिर अपने फायरब्रांड हिंदुत्व के ट्रैक पर आ गए हैं। असम के सीएम हिमंता बिस्व सरमा नमाज ब्रेक के साथ फिर हिंदुत्व की पिच पर शॉट लगा रहे हैं।

मोहन यादव भी हिंदुत्व के ट्रैक पर ही आगे बढ़ रहे हैं। जन्माष्टमी के कुछ दिन पहले जिस तरह से उन्होंने कृष्ण भक्ति का चोला ओढ़ा है, तब से हिंदुत्व के रास्ते पर उनकी रफ्तार सबसे अलग नजर आ रही है। मथुरा वृंदावन जैसे स्थान उत्तरप्रदेश में हैं, लेकिन कृष्ण मंदिरों के उत्थान और रख रखाव का ऐलान करके सीएम मोहन यादव योगी आदित्यनाथ और हिमंता बिस्व सरमा से एक कदम आगे निकलते दिखाई दे रहे हैं। इस ऐलान के साथ वो ये भी जाहिर करते नजर आते हैं कि वो धर्म के रास्ते पर। राम नाम के जाप के साथ कृष्ण के पाठ भी पढ़ते और पढ़ाते रहेंगे।

श्रीकृष्ण के भक्त मोहन

जन्माष्टमी के मौके पर सीएम मोहन यादव पूरी तरह से कृष्ण भक्ति में रमे ही दिखाई दिए। उज्जैन से होने के नाते आप मोहन यादव को महाकाल का सेवक मान सकते हैं। ये जान लेना भी जरूरी है कि यही वो नगरी है, जहां भगवान कृष्ण ने शिक्षा हासिल की। इसी नगरी में सांदिपनी आश्रम में श्रीकृष्ण ने अध्ययन किया। इसलिए उज्जयनी जितनी महाकाल की है, उतनी ही श्रीकृष्ण की धरा है। सीएम मोहन यादव ने भी उज्जयनी की इस पहचान को जन्माष्टमी पर सार्थक किया। सांदिपनी आश्रम में मोहन यादव ने जन्माष्टमी का उत्सव मनाया और छोटी छोटी गईया छोटे छोटे ग्वाल भजन भी गाया।

कृष्ण तीर्थ स्थल बनाने का ऐलान

मध्यप्रदेश में कई सालों से राम वन गमन पथ की बात होती रही है। ये पहली बार है जब प्रदेश में कृष्ण पथ और कृष्ण तीर्थ स्थलों की बात हो रही है। सीएम मोहन यादव ने प्रदेश के चार स्थानों को कृष्ण तीर्थ के रूप में डेवलप करने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में कृष्ण लीलाओं से जुड़े चार पौराणिक स्थल हैं। एक है इंदौर जिले का जानापाव। दूसरा है उज्जैन का सांदिपनी आश्रम। तीसरा है नारायणा गांव। और चौथा है धार जिले का अमझेरा। सीएम की इस नई पहल के साथ प्रदेश में श्रीकृष्ण की भक्ति का बिगुल बजेगा।

हिंदुत्व के ट्रैक के 10 अहम पड़ाव

सीएम मोहन यादव ने हिंदुत्व के रास्ते पर आगे बढ़ते हुए कुछ ऐसे ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, जो उनके सियासी सफर के अहम पड़ाव साबित होंगे। चलते चलते आठ माह के उन अहम फैसलों पर भी नजर डालते हैं।

  •  पहली ही कैबिनेट में लाउड स्पीकर बैन और खुले में मांस बिक्री बंद करने का बड़ा ऐलान।
  • सरकारी स्कूलों में पूरे 19 दिन तक श्रावण उत्सव मनाने के निर्देश दिए, अलग अलग स्थानों की लाड़ली बहनों से राखी भी बंधवाई।
  • जन्माष्टमी के मौके पर सरकारी स्कूलों के बच्चों को छुट्टी नहीं दी गई, स्कूलों में श्रीकृष्ण की भक्ति और मित्रता से जुड़े पाठ पढ़ाने के निर्देश दिए।
  • प्रदेश में पहली बार कृष्ण जन्मोत्सव को सरकारी तौर पर मनाया गया। अलग अलग स्थानों पर संस्कृति विभाग ने कार्यक्रम करवाए।
  • हर ब्लॉक में एक बरसाना गांव बनाने और तहसील स्तर पर गीता भवन खोलने के निर्देश।
  • श्रीकृष्ण से जुड़े स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित करने का ऐलान।
  • भगवान राम से जुड़े स्थानों को भी तीर्थ के रूप में विकसित करने का फैसला।
  • उप्र, मप्र औऱ राजस्थान के सात कृष्ण मंदिरों को कृष्ण पथ के रूप में तैयार करने का एक्शन प्लान।
  • संघ से जुड़े प्रभावशाली हिंदु नेता, विचारक और पदाधिकारियों से जुड़े पाठ प्रदेशों के कॉलेजों में पढ़ाए जाने का फैसला।
  • मदरसों में गैर मुस्लिम बच्चों को पढ़ाने के खिलाफ सख्ती और ऐसा करने पर मान्यदा रद्द होने का फैसला।

(लेखक द सूत्र के मैनेजिंग एडिटर हैं।)

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

 

CM Mohan Yadav सीएम मोहन यादव हरीश दिवेकर MP Government मप्र सरकार मोहन यादव Mohan Yadav Harish Diwekar Journalist Harish Diwekar Bhopal गर्भकाल सीएम मोहन यादव का गर्भकाल द सूत्र गर्भकाल