इस दरमियां क्या अच्छा हुआ, क्या बुरा... कहां चूक हुई, क्या उपलब्धियां... 'द सूत्र' ने अपने पाठकों/दर्शकों के लिए 360 डिग्री से पूरा विश्लेषण किया है। इसमें देश के जाने मानें पत्रकार और समीक्षकों ने अपने विशेष आलेख के जरिए सरकार के गर्भकाल की समीक्षा की। गूगल सर्वे व सोशल मीडिया के जरिए हमने मध्यप्रदेश के लोगों से उनकी राय जानी। पड़ताल भरी खबरों से बताया कि सरकार के हिस्से में क्या आया और कहां कमी रह गई। घोषणाओं पर कितना अमल हुआ? इस पूरी कवायद से जो निचोड़ निकलकर सामने आया है, वह सरकार के लिए सबक भी है और पेशानी पर बल भी डालता है।
मध्यप्रदेश के सभी 55 जिलों में किए गए 'द सूत्र' के सैंपल सर्वे में लोगों ने अपनी राय रखी है। इसमें किसान, युवा, महिला, विद्यार्थी और नौकरीपेशा...यानी सभी वर्गों के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी की।
अब बात सर्वे की...
सवाल 1: मोहन सरकार के 9 माह के कार्यकाल से आप कितने संतुष्ट हैं ?
इस सवाल के लिए जवाब के लिए तीन विकल्प थे। पहला- असंतुष्ट, दूसरा- बहुत संतुष्ट और तीसरा- संतुष्ट। इसके जवाब में 46 फीसदी लोगों ने कहा कि वे संतुष्ट हैं, जबकि 27 फीसदी लोगों की राय है कि वे मोहन यादव के कार्यकाल से बहुत संतुष्ट हैं। 27 फीसदी लोग सरकार के कामकाज से असंतुष्ट नजर आए।
सवाल 2: मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की छवि को आप कैसे देखते हैं?
इस सवाल के जवाब में रोचक जानकारियां सामने आईं। 46 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव को हिंदूवादी नेता करार दिया, जबकि 22 फीसदी लोगों ने कहा कि वे सख्त प्रशासक हैं। 15 प्रतिशत लोग मानते हैं कि सीएम डॉ.यादव विद्वान वक्ता हैं, वहीं 10 प्रतिशत ने उन्हें लोकप्रिय नेता और 7 परसेंट लोगों ने कहा कि वे विजनरी लीडर हैं।
सवाल 3: मोहन सरकार के प्रयासों से रोजगार की क्या स्थिति होगी, आपका क्या है अनुमान ?
इस प्रश्न के उत्तर में 43 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मध्यप्रदेश में रोजगार की स्थिति अभी जैसी है, आगे भी वैसी ही रहेगी। वहीं, 23 फीसदी जनता ने माना कि निकट भविष्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। 34 प्रतिशत युवाओं ने कहा कि रोजगार कम होंगे।
सवाल 4: मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव को किस मुद्दे पर पहले और सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए?
रोजगार मध्यप्रदेश में बड़ा मुद्दा है। लिहाजा, 'द सूत्र' के सर्वे में भी 66 फीसदी युवाओं ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव को सबसे पहले और सबसे ज्यादा रोजगार के मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए। 13 प्रतिशत ने कहा कि विकास प्राथमिकता हो। वहीं, 9 प्रतिशत लोग कहते हैं कि भ्रष्टाचार पर प्रहार किया जाए। 8 प्रतिशत लोग अफसरशाही और 4 प्रतिशत जनता चाहती है कि मुख्यमंत्री बढ़ते अपराधों पर ध्यान दें।
सवाल 5: आपके आकलन के मुताबिक, सरकार के प्रयासों से किसानों और खेती के लिए कुछ होगा?
इस सवाल के जवाब में मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आई। 44 प्रतिशत किसानों ने कहा कि सरकार की नीतियों और प्रयासों से खेती में बहुत सुधार होगा। 29 प्रतिशत किसान बोले कि थोड़ा सुधार होगा, जबकि 27 प्रतिशत अन्नदाताओं का मानना है कि कोई बदलाव नहीं होगा। जैसी स्थिति अभी है, आगे भी वैसी ही बनी रहेगी।
सवाल 6: क्या अफसरशाही में सुधार हुआ है, प्रशासन में कसावट आई है ?
अफसरशाही की कसावट पर भी लोगों की अलग अलग राय सामने आई है। 43 प्रतिशत लोग मानते हैं कि अफसरशाही के मामले में सुधार हुआ है। 37 प्रतिशत ने कहा कि कुछ नहीं हुआ, जबकि 20 फीसदी जनता कहती है कि पहले से खराब स्थिति हो गई है।
सवाल 7: शिवराज की जगह मोहन को सीएम बनाने से क्या फर्क दिखता है?
मध्यप्रदेश की राजनीति में यह महत्वपूर्ण सवाल है। द सूत्र के सर्वे में इस प्रश्न के जवाब में 48 प्रतिशत लोगों ने कहा कि स्थिति में सुधार हुआ है। 31 फीसदी जनता का कहना है कि सब पहले जैसा है। 21 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अब पहले से खराब हालत है।
सवाल 8: मोहन सरकार के 9 माह के कार्यकाल को आप 10 में से कितने अंक देंगे ?
इस नंबर गेम में ज्यादातर लोगों ने मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव व उनकी सरकार के कार्यकाल को 10 में से 5 से 8 नंबर तक दिए हैं। इसमें 13 प्रतिशत जनता ने मोहन को 9 नंबर दिए हैं। वहीं, 39 फीसदी ने 8 नंबर, 23 प्रतिशत लोगों ने 7 नंबर, 10 प्रतिशत ने 6 नंबर, 7 प्रतिशत ने 5 नंबर, 5 फीसदी लोगों ने 4 नंबर और 3 प्रतिशत लोगों ने 1 से 3 नंबर दिए हैं।
लोगों ने भेजे अपने सुझाव
द सूत्र ने अपने सर्वे में जनता से उनके सुझाव भी मांगे थे। इसमें अलग-अलग क्षेत्र से लोगों ने अलग-अलग सुझाव भेजे हैं। सबसे अहम मुद्दा रोजगार का ही निकलकर सामने आया है।
ये रहे टॉप 5 मुद्दे
- नवनियुक्त कर्मचारियों को 100% वेतन देने की मांग... नवनियुक्त कर्मचारियों ने कहा कि सरकार 70%, 80% और 90% वेतन का प्रावधान खत्म करके उन्हें 100 प्रतिशत वेतन दे।
- अतिथि शिक्षकों ने अपनी परेशानी बताते हुए लिखा, मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षक के साथ न्याय होना चाहिए, उन्हें नियमित किया जाए।
- रोजगार की मांग... सर्वे के साथ सुझावों में ज्यादातर लोगों ने सीएम के समक्ष रोजगार की मांग रखी है। उनका कहना है कि सरकार रोजगार बढ़ाने पर फोकस करे। इसी में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण का मुद्दा भी सामने आया।
- पेंशन धारकों ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने पिछले मुख्यमंत्री की तरह पेंशन धारकों को केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ता नहीं दिया।
- सीएम जन सेवा मित्र... कई सुझावों में सीएम जन सेवा मित्रों की बात भी सामने आई। लोगों ने पूछा कि 9300 जन सेवा मित्रों का आखिर क्या हुआ? सरकार क्यों कोई कदम नहीं उठा रही।
ख्यातनाम समीक्षकों ने बताई अपने दिल की बात
'द सूत्र' ने देश के ख्यातनाम पत्रकारों, राजनीतिक विश्लेषकों और समीक्षकों से मोहन सरकार के गर्भकाल का एनालिसिस कराया। देश के वरिष्ठ पत्रकार एवं पद्मश्री आलोक मेहता, वरिष्ठ पत्रकार व पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर, अवधेश बजाज, विजय मनोहर तिवारी, दीपक तिवारी, मृगेंद्र सिंह, रमण रावल, अजय बोकिल, अतुल तारे, अक्षत शर्मा, चैतन्य भट्ट, रवींद्र दुबे, अनूप शाह सहित अनेक विद्वानों ने सरकार के कामकाज की समीक्षा की।
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