क्या सोचता है MP का युवा: महिला पुलिस और IIM Indore ने 45 हजार लड़के- लड़कियों का किया सर्वे

मध्य प्रदेश के युवा लैंगिक समानता और महिलाओं की सुरक्षा के प्रति जागरूक हो रहे हैं। 18 साल से कम उम्र के 72% से अधिक लड़के मानते हैं कि जिस तरह बेटियों पर पाबंदियां लगाई जाती हैं, वैसे ही लड़कों पर भी होनी चाहिए। 

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Pratibha ranaa
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क्या सोचता है MP का युवा
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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लैंगिक समानता (Gender Equality) और महिलाओं (Women) के प्रति युवाओं की सोच में बदलाव देखा जा रहा है। खासतौर पर 18 साल से कम उम्र के लड़कों में इस बदलाव की प्रवृत्ति अधिक स्पष्ट है। एक सर्वे के अनुसार, 72% से अधिक लड़के मानते हैं कि जिस तरह बेटियों पर पाबंदियां (Restrictions) लगाई जाती हैं, वैसी ही पाबंदियां लड़कों पर भी होनी चाहिए। इसके साथ ही 86% लड़कों का मानना है कि महिलाओं को घर से बाहर निकलने में किसी तरह का डर (Fear) नहीं होना चाहिए।

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रोजगार के मामले में क्या सोचते है लड़के- लड़कियों ?

रोजगार (Employment) के मामले में उनकी राय थोड़ी अलग है। लगभग 38.3% लड़के और 32.1% लड़कियां सोचती हैं कि महिलाओं की बढ़ती रोजगार दर के कारण पुरुषों में बेरोजगारी (Unemployment) का स्तर बढ़ रहा है। यह जानकारी मध्य प्रदेश पुलिस की महिला सुरक्षा शाखा (Women Safety Branch, Madhya Pradesh Police) द्वारा किए गए एक सर्वे में सामने आई है, जिसे आईआईएम इंदौर (IIM Indore) की मदद से तैयार किया गया था। इस सर्वे में प्रदेश के 45,063 युवाओं ने भाग लिया।

सर्वे में शामिल अधिकांश 33,826 (75.1%) प्रतिभागी 18 साल से कम उम्र के थे। इन युवाओं से स्कूल-कॉलेजों और अन्य सार्वजनिक स्थलों (Public Places) पर सवालों के फॉर्मेट के जरिए राय ली गई थी। आईआईएम इंदौर ने इस सर्वे की जानकारियों का गहन अध्ययन कर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के आधार पर महिलाओं की सुरक्षा और उनके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रदेशभर में अभियान (Campaigns) चलाए जाएंगे।

सर्वे के अनुसार, धार्मिक और सांस्कृतिक दायित्वों (Religious and Cultural Responsibilities) में भी महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से 33% अधिक है। जहां 58% नौकरीपेशा महिलाएं (Working Women) घर और ऑफिस दोनों के काम संभाल रही हैं, वहीं धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यों में 63% महिलाएं सक्रिय भागीदारी करती हैं, जबकि केवल 30% पुरुष इन कार्यों में शामिल होते हैं।

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MP के युवाओं की सोच को समझने के लिए ये मुद्दे आए सामने..

  • पहनावा और आधुनिकता: 61% युवाओं ने कहा कि आधुनिकता (Modernity) की पहचान केवल पहनावे से नहीं होती, जबकि 70.2% लड़कियों और 66.8% लड़कों ने रूढ़िवादी सोच (Conservative Thinking) को सामाजिक प्रगति में बाधक माना।
  • शादी और दहेज: शादी (Marriage) को लेकर युवाओं की सोच बदल रही है। 74.3% लड़कों और 79.5% लड़कियों ने दहेज (Dowry) को गलत माना, हालांकि 54% लड़के और 59% लड़कियां मानते हैं कि उनके परिवार शादी में दहेज स्वीकार करते हैं।
  • नशा: नशे (Addiction) को लेकर भी युवा जागरूक हो रहे हैं। 74% युवाओं का कहना है कि उन्हें नशा न करने पर किसी प्रकार की हीन भावना (Inferiority Complex) नहीं होती, जबकि 22.2% लड़के और 18.2% लड़कियां गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड न होने से हीन भावना महसूस करते हैं।

pratibha rana

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