मध्यप्रदेश के सागर जिले में घरौंदा आश्रम में दिव्यांग बच्चों का शोषण हुआ है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की जांच में पता चला कि संचालकों ने बच्चों से भिक्षावृत्ति कराई। एक बच्चे के निधन के बाद बिना अनुमति के देहदान भी किया गया। यह मामला बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है। आश्रम के संचालकों पर गंभीर आरोप लगे हैं।
आयोग के सदस्य ने सौंपी रिपोर्ट
गैर सरकारी संगठन द्वारा संचालित इस आश्रम में मानव तस्करी के आरोप भी हैं। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने कलेक्टर को रिपोर्ट भेजी। रिपोर्ट में बताया गया कि आश्रम में बच्चों के साथ अन्य निराश्रित लोग भी रह रहे हैं। इन लोगों से भी भीख मंगवाई जा रही थी, और वे मंदिरों व सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगते पाए गए। आश्रम में एक बैनर और बाक्स मिला, जिसमें प्राप्त राशि एकत्र की जाती थी।
ये खबर भी पढ़िए... गहलोत बोले- भजनलाल को हटाने का षड़यंत्र, भाजपा का जवाब- गहलोत को याद आ रहा खुद का समय
ये खबर भी पढ़िए... मुख्य सचिव ने बुलाई पदोन्नति को लेकर बैठक, जीएडी बताएगा सभी विभाग प्रमुखों को डीपीसी का फार्मूला
किशोर न्याय अधिनियम का उल्लंघन
आयोग ने घरौंदा आश्रम के कृत्यों को किशोर न्याय अधिनियम का उल्लंघन बताया है। आयोग ने इसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की सिफारिश की है, ताकि दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके।
ये खबर भी पढ़िए... अब चेहरा ही होगा यात्री का इंट्री पास, डिजी यात्रा एप से हवाई यात्रा बनेगी आसान
ये खबर भी पढ़िए... MPPSC चेयरमैन ने बताया सीएम डॉ. मोहन यादव के कार्यकाल में की 3756 पदों पर भर्ती
आश्रम में बाल मजदूरी
आयोग के प्रतिवेदन में बताया गया कि निरीक्षण के दौरान 18 वर्ष से अधिक आयु की दिव्यांग लड़की और एक पुरुष फर्श पर पोछा लगाते हुए पाए गए। इनसे आश्रम में बर्तन धोने, पानी भरने और रसोई का काम कराया जाता है, जो बाल मजदूरी के तहत आता है।
thesootr links
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃
🤝💬👩👦👨👩👧👧