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MP News: इंदौर से निकलने वाले ग्लोबल हेराल्ड अखबार के रवि गोयल की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामला 16.77 करोड़ की जीएसटी चोरी केस का है। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कई खुलासे डीजीजीआई (डायरेक्टोरेट आफ जीएसटी इंटेलीजेंस) भोपाल ने किए हैं। इधर उधर सीए अंकुश गुप्ता के यहां भी जीएसटी टीम जांच कर चुकी है। इस मामले में सीए अंकुश गुप्ता और सीए सत्यनारायण गोयल भी उलझे हुए हैं। बता दें कि बिना किसी वास्तविक माल खरीदी-बिक्री के ही इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने का मामला है।
हाईकोर्ट में यह बोले वकील
हाईकोर्ट में डीजीजीआई के अधिवक्ता ने साफ तौर पर कहा कि रवि गोयल इस पूरे षड़यंत्र का मुख्य आरोपी और मास्टमाइंड है। उनकी कंपनियों के खिलाफ स्टेट GST ने भी कार्रवाई की है। उस पर संदेह है कि वह एकाउंटेंट अंकुश गुप्ता और सीए सत्यनारायण गोयल (एसएन गोयल) को समन का पालन करने से रोक रहा है, जिससे जांच में बाधा हो रही है। हमे एसएन गोयल को भी इंटरोगेट करना है और जानकारी लेना है। फर्जी इनवाइस बनाने में इन सभी की भूमिका की जांच की जाना है।
मामला छोटा-मोटा नहीं 335 करोड़ के फर्जी बिल बने
डीजीजीआई ने इसमें बताया कि बिना किसी वास्तविक माल खरीदी-बिक्री के इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने का मामला है, जिसमें 16.77 करोड़ का लाभ लिया गया। इसमें टैक्स योग्य वस्तु का कुल मूल्य 335.50 करोड़ रुपए था। यानी कुल 335.50 करोड़ के 1200 से ज्यादा फर्जी इनवाइस बनाए गए और 16.77 करोड़ रुपए की आईटीसी क्लेम की गई।
पांच कंपनियों का पूरा नेटवर्क
यह भी बताया कि यह पूरा नेटवर्क पांच कंपनियां श्रीनाथ एग्रो इंटरप्राइजेस, मेसर्स कृष्णा फाइबर, अंबर इंटरप्राइजेस, अल्फाविजन फाइबर्स प्रालि, अल्फाविजन ओवरसीज (इंडिया) लिमिटेड का है और इसमें अल्टीमेट लाभ अल्फावीजन ओवरसीज (इंडिया) को मिला। जो रवि गोयल की कंपनी है।
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कई बार समन भेजे नहीं आए
डीजीजीआई ने बताया कि इसमें रवि गोयल को छह बार समन भेजे गए नहीं आए। इस मामले में शामिल बाकी भी समन पर नहीं आए (हालांकि एसएस गोयल ने द सूत्र को कहा कि उन्हें समन मिला था वह जवाब देकर आए हैं)। रिमांड के दौरान भी रवि गोयल ने कोई सहयोग नहीं किया। इस मामले में हम रवि गोयल और राजेश गोयल को गिरफ्तार कर चुके हैं। बाकी समन पर नहीं आ रहे हैं।
ग्लोबल हेराल्ड के चीफ एडिटर, पावरफुल लोग
डीजीजीआई ने हाईकोर्ट से यह भी कहा कि रवि गोयल के पिता विष्णु गोयल प्रभावशाली व्यक्ति व्यवसाई होकर ग्लोबल हेराल्ड अखबार (global herald ) के चीफ एडिटर है। राज्य जीएसटी अदाकरी पहले ही उनकी कंपनियों की धोखाधड़ी के खिलाफ कार्रवाई की है। रवि गोयल खुद समन का पालन नहीं कर रहा और संदेह है कि वह सीए एसएन गोयल और अंकुश गुप्ता को भी पालन नहीं करने दे रहा है।
रवि गोयल बोला हमे पीटा, हाईकोर्ट ने कहा बताओ मेडिकल रिपोर्ट
इस मामले में रवि गोयल के अधिवक्ता ने कहा कि वह मासूम है और उन्हें गलत फंसाया जा रहा है। जब भी समन हुआ वह पूछताछ के लिए गए, इस दौरान अधिकारियों ने मारपीट की। राजेश गोयल से हमारा कोई रिश्ता नहीं और वैसे भी वह अपना पुराना बयान वापस ले चुके हैं केवल एक पुराने बयान पर यह केस हुआ है। इस पर हाईकोर्ट ने ही पूछ लिया रवि गोयल को पीटा तो कहीं अस्पताल में भर्ती हुए मेडिकल रिपोर्ट है क्या, पुलिस शिकायत। इस पर डीजीजीआई के अधिवक्ता ने बताया कि यह पूरा झूठ है कोई शिकायत नहीं ना कोई मेडिकल रिपोर्ट है, केवल मानवाधिकार आयोग में शिकायत की है, ताकि जांच नहीं करने के लिए दबाव बनाया जा सके।
सीएन गोयल को डीजीजीआई से क्लीन चिट नहीं
इसके साथ ही सीए एसएन (सत्यनारायण) गोयल जो श्री अग्रसेन महासभा के पूर्व अध्यक्ष के साथ ही टैक्स् प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर के भी पूर्व अध्यक्ष और सीए एसोसिएशन इंदौर ब्रांच के भी पूर्व चेयरमैन रह चुके हें इस मामले में उलझ गए हैं। डीजीजीआई ने उन्हें क्लीन चिट नहीं दी है और पूरी टैक्स चोरी में रवि गोययल का साथ देने वाला मान रही है। गोयल ने 'द सूत्र' से कहा कि उन्होंने समन का जवाब दे दिया है और इस मामले में विष्णु गोयल और रवि गोयल का ही काम है, मेरा कोई लेना-देना नहीं है खुद को बचाने के लिए राजेश गोयल व अन्य ने मेरा नाम बेवजह लिया है। मैं अपना जवाब डीजीजीआई के दे चुका हूं।
रवि गोयल को फिर भेजा जेल
वहीं डीजीजीआई ने रवि गोयल को रिमांड खत्म होने पर कोर्ट में पेश किया। यहां से उसे फिर से 4 जून तक के लिए जेल भेजने के आदेश हो गए। डीजीजीआई ने बताया कि जून 2023 में गुप्त सूचना मिली थी कि इंदौर की मेसर्स श्रीनाथ एग्रो इंटरप्राइजेस द्वारा फर्जी व कूटरचित दस्तावेज बनाकर टैक्स चोरी की जा रही है। 13 जून 2023 को छापा मारा तो वहां किराने की दुकान मिली। प्रोपराइटर राजेश गोयल को विभाग ने पकड़ा तो उन्हंने बताया कि पूरा काम रवि गोयल करता है। जीएसटी इनवाइस रवि गोयल ने बनाई और इसमें सीए एसएन (सत्यनारायण) गोयल और सीए आयुष गुप्ता ने मदद की। विभाग की जांच में आया कि इसमें किसी तरह से माल की खरीदी-बिक्री नहीं हुई और सब फर्जी कागजों पर हुआ।
अपनी इन कंपनियों से ली 16.77 करोड़ की टैक्स छूट
विभाग द्वारा आगे की गई जांच में सामने आया कि श्रीनाथ एग्रो के फर्जी इनवाइस के जरिए आगे एमएस अल्फाविजन ओवरसीज, एमएस अल्फाविजन फाईबर्स कंपनियों ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट ली जो 16 करोड़ रुपए की थी। इस तरह सरकार से फर्जी दस्तावेजों से 16 करोड़ की टैक्स चोरी हुई। दिया गया है। यह दोनों कंपनियों में रवि गोयल और उनके पिता विष्णु गोयल की कर्ताधर्ता है। वहीं यह कंपनियां आपस में जुड़ी है इससे साबित होता है कि यह एक ही आईपी एड्रेस से इनके जीएसटी रिटर्न भरे गए। इसमें रवि गोयल मुख्य आदतन अपराधी है और विष्णु गोयल, सीए एसएन गोयल, सीए अंशुल गुप्ता भी साथ है।