GIS को लेकर आपस में भिड़े कांग्रेस-बीजेपी के नेता, लगाए एक-दूसरे पर आरोप

कांग्रेस ने ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में निवेश को लेकर कई सवाल उठाए, जबकि भाजपा ने विपक्ष की आलोचनाओं का जवाब दिया। दोनों पक्षों ने आंकड़ों का हवाला देते हुए आरोप लगाए और जवाब दिए।

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Raj Singh
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मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने शुक्रवार ( 21 फरवरी ) को प्रेस वार्ता में बीजेपी सरकार पर कई आरोप लगाए। उनका कहना था कि मप्र में पिछले 6 इंवेस्टर्स समिट के दौरान कुल निवेश का सिर्फ 10 फीसदी ही जमीन पर दिखाई दिया। पटवारी ने आरोप लगाया कि सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च किए, लेकिन विदेशी निवेश लाने में असफल रही।

बीजेपी ने कांग्रेस की आलोचना का दिया जवाब

इन आरोपों का जवाब देते हुए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि मप्र की जनता ने कई बार कांग्रेस के हिसाब-किताब का जवाब दिया है। भाजपा के मुताबिक, 2003 से पहले मप्र एक बीमारू राज्य था। भाजपा ने मप्र को अब एक विकसित राज्य के रूप में पेश किया और कहा कि उनकी सरकार विकास कार्यों पर ध्यान दे रही है।

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कांग्रेस के आरोपों पर वीडियो शर्मा का बयान

वीडी शर्मा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यदि कांग्रेस को बीते वर्षों के काम का हिसाब देना हो तो उन्हें 2003 से पहले की स्थिति का जिक्र करना चाहिए। शर्मा का कहना था कि मप्र में अब बेहतर कानून व्यवस्था है और राज्य विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

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ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का पिछला इतिहास

कांग्रेस ने पूर्व की इंवेस्टर्स समिट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि इन समिट्स के दौरान निवेश के बड़े प्रस्ताव आए, लेकिन वास्तविक निवेश बहुत कम हुआ। उदाहरण के तौर पर, 2007 में 1.20 लाख करोड़ के प्रस्ताव आए, लेकिन 17 हजार 311 करोड़ का ही निवेश हुआ। इसी तरह, 2010 और 2012 की समिट्स में भी निवेश उम्मीद से कम था।

प्रदेश में विदेशी निवेश की स्थिति

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि मप्र विदेशी निवेश के मामले में अन्य राज्यों से बहुत पीछे है। उन्होंने 2019 से 2022 तक के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि मप्र में केवल 0.33 फीसदी विदेशी निवेश हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए मार्केटिंग की आवश्यकता पर जोर दिया।

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2023 में 15.42 लाख करोड़ के निवेश

बता दें कि ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के दौरान 2023 में 15.42 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्ताव आए थे, लेकिन इसमें से केवल 1.95 लाख करोड़ का ही निवेश हुआ। इस आंकड़े से यह स्पष्ट है कि बड़े निवेश प्रस्तावों के बावजूद वास्तविक निवेश में कमी रही।

FAQ

ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट क्या है?
ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (Global Investors Summit) एक ऐसा मंच है जहां सरकारें और कंपनियां निवेश के अवसरों पर चर्चा करती हैं। इस समिट में विभिन्न देशों और कंपनियों के निवेशकों से निवेश के प्रस्ताव प्राप्त होते हैं।
मध्यप्रदेश में विदेशी निवेश की स्थिति क्या है?
मध्यप्रदेश में विदेशी निवेश की स्थिति अन्य राज्यों के मुकाबले कमजोर रही है। 2019 से 2022 तक केवल 0.33% निवेश हुआ, जो बहुत कम है।
बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों पर क्या जवाब दिया?
बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मप्र में अब सड़कों, बिजली, पानी, और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार हो रहा है। इसके अलावा, भाजपा ने कांग्रेस को आलोचना और झूठ बोलने का आरोप लगाया।
क्या पिछले निवेश प्रस्तावों से राज्य में रोजगार सृजन हुआ?
हालांकि पिछले निवेश प्रस्तावों के हिसाब से कई नौकरियों का वादा किया गया था, परंतु रोजगार का आंकड़ा बहुत कम रहा। जैसे कि 29 लाख रोजगार के वादे में केवल 38 हजार रोजगार ही सृजित हुए।

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