रक्षाबंधन से ठीक पहले प्रदेश सरकार महिलाओं के लिए एक और तोहफा लेकर आई है। एमएसएमई विभाग की इस पहल के चलते आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रही प्रदेश की महिलाओं को अब उद्योग लगाने में भी विशेष रियायत दी जाएगी। विभाग ने इसका खाका भी तैयार कर लिया है। योजना के तहत महिलाओं को उद्योग लगाने के लिए विशेष औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इन औद्योगिक क्षेत्रों में केवल महिलाएं ही एमएसएमई से संबंधित, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग लगा पाएंगी। यानी सरकार अब महिलाओं को औद्योगिक इकाइयों लगाने में भी विशेष प्रकार का आरक्षण देने जा रही है।
योजना का संचालन एमएसएमई विभाग की निगरानी में होगा
बीजेपी सरकार एक के बाद एक महिला वर्ग की आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण के लिए नई-नई योजनाएं लेकर आ रही है। शिवराज सरकार में शुरू की गई लाड़ली लक्ष्मी और लाड़ली बहना जैसी योजनाओं को जारी रखने के साथ ही सीएम डॉ. मोहन यादव की सरकार एक और नई योजना शुरू करने जा रही है। यह योजना महिलाओं को औद्योगिक जगत में अलग पहचान दिलाने वाली होगी। योजना का संचालन एमएसएमई विभाग की निगरानी में होगा। इसके लिए विभाग द्वारा तैयारी कर ली गई है। जल्द ही महिला उद्यमियों के लिए आरक्षित किए गए औद्योगिक क्षेत्रों में भूखंड आवंटन शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए महिला उद्यमियों से जमीन आवंटन के लिए प्रस्ताव भी बुलाए जा रहे हैं।
लैंड प्रीमियम पर 90 फीसदी रियायत, मशीनरी पर भी छूट
महिला वर्ग को उद्योग जगत में ऊंचाई देने की इस योजना में लिए एमएसएमई के पास 15 सौ हेक्टेयर जमीन उपलब्ध है। उद्योग की स्थापना के लिए महिलाओं को जमीन के प्रीमियम की राशि में 90 फीसदी की रियायत भी मिलेगी। यही नहीं सरकार ने ऐसे उद्योगों के लिए जरूरी मशीनरी और इकाई के निर्माण के लिए भी सब्सिडी देने का प्रावधान किया है। वहीं पेंटेट कराने के लिए महिला उद्यमियों को 5 लाख तक सहायता राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी। विभाग के अनुसार फिलहाल प्रदेश में स्थान इंदौर, भोपाल, जबलपुर और देवास में योजना के तहत औद्योगिक क्षेत्र का काम शुरू किया जाएगा।
प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की स्थिति...
- कुल निवेश- 42942 करोड़ रुपए
- टर्नओवर- 639045 करोड़ रुपए
- निर्माण इकाई- 2.3 लाख
- सर्विस यूनिट- 1.5 लाख
- ट्रेडिंग यूनिट- 2.2 लाख