कागजों में हुआ विकास और लाखों रुपए हजम कर गए जिम्मेदार, छतरपुर कलेक्टर सहित सरकार को हाइकोर्ट का नोटिस

ग्राम पंचायत में आंगनवाड़ी भवन से लेकर स्टॉप डैम और सड़कों तक इतने हद दर्जे का भ्रष्टाचार किया गया की विकास को सिर्फ कागजों में दिखाकर लाखों रुपए की रकम निकाल ली गई।

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Neel Tiwari
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ग्राम पंचायत में आंगनवाड़ी भवन से लेकर स्टॉप डैम और सड़कों तक इतने हद दर्जे का भ्रष्टाचार किया गया की विकास को सिर्फ कागजों में दिखाकर लाखों रुपए की रकम निकाल ली गई। किसी जिम्मेदार के इस मामले में सुध ना लेने के बाद अब एक जनहित याचिका मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में लगाई गई भारतीय जनता पार्टी के दमोह सांसद के पूर्व प्रतिनिधि और किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष रहे लखन लाल शर्मा (अयाची) छतरपुर के बड़ा मल्हार तहसील के निवासी हैं । यहां की ग्राम पंचायत परा में साल 2013 से लेकर अब तक विकास योजनाओं में एक से बढ़कर एक घोटाले किए गए जिसकी शिकायतें भी ग्राम पंचायत सहित लखन लाल ने भी जिम्मेदारों को दी पर कोई सुनवाई न होने के बाद अब जबलपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस मामले में याचिकाकर्ता ने आरटीआई दस्तावेजों के सहारे इस पूरे भ्रष्टाचार का खुलासा किया है।

कागजों में दो बार बन गई एक ही सड़क

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छतरपुर जिले की बड़ा मल्हार जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली परा ग्राम पंचायत में एक सीसी रोड और नाली का निर्माण होना था जिसका काम साल 2013 में पूरा हुआ और इसकी लागत के 4 लाख 97 हजार रुपए निकल भी लिए गए। इसके बाद दोबारा साल 2018 में फिर इसी रोड का निर्माण 5 लाख रुपए की लागत से दोबारा किया गया। जिसका कंप्लीशन सर्टिफिकेट जनवरी 2020 में जारी करते हुए दोबारा 5 लाख रुपए जिम्मेदारों के द्वारा निकाल दिए गए जबकि असलियत में इस सड़क पर दोबारा कोई काम ही नहीं हुआ था।

स्टॉप डैम और कम्युनिटी हॉल में भी भ्रष्टाचार

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इसी तरह साल 2017 में जल संरक्षण के लिए एक स्टॉप डेम बनाने का प्रस्ताव पंचायत ने पारित किया। इस डैम का निर्माण भी केवल 33% हुआ और कागजों में इसे पूरा दिखाते हुए 19 लाख 22 हज़ार 742 रुपए निकाल लिए गए।  इसी तरह ग्राम पंचायत में कम्युनिटी हॉल बनाने के लिए भी प्रस्ताव पारित किया गया और 12 लाख रुपए इसके लिए भुगतान किए गए पर असलियत में इस कम्युनिटी हॉल की हालत ऐसी है कि इसमें ना तो कोई शौचालय है और ना ही कोई बाउंड्री। आरटीआई के जरिए सामने आई जानकारी के साथ ही तस्वीरों को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे बिना किसी जांच पड़ताल के इस चार दीवार के बने कमरों के लिए 12 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया। 

दो आंगनबाड़ी के भवन भी हुई गायब

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इस ग्राम पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार यहां पर ही नहीं थमे। पंचायत राज डायरेक्टर के आदेश अनुसार 2018 में ग्राम पंचायत में चार आंगनबाड़ी बिल्डिंग  बनाने के लिए आदेश जारी किया गया। प्रत्येक बिल्डिंग का खर्च 7 लाख 80 हज़ार रुपये था इस तरह चार बिल्डिंगों के लिए 31 लाख 20 हज़ार का पूरा खर्च पंचायत सेक्रेटरी के अकाउंट से विड्रॉ भी कर लिया गया। लेकिन असलियत में सिर्फ दो बिल्डिंग ही अब तक बनी हैं और भ्रष्टाचारियों ने आंगनबाड़ी की दो बिल्डिंग ही गायब कर दी। 7 लाख से अधिक लागत में जो आंगनबाड़ी बिल्डिंग बनाई भी है उसमें भी ना ही बिजली है ना पानी यहां तक की तस्वीरों में दिखाई दे रहा है कि कोई बाउंड्री वॉल या दरवाजा तक उनके आसपास नहीं लगाया गया।

ग्रामीण विकास विभाग से लेकर कलेक्टर तक लगाई गुहार पर नहीं हुई सुनवाई

ऐसा नहीं है कि लंबे समय से चले आ रहे हैं इस भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी ने आवाज नहीं उठाई लखन लाल शर्मा सहित ग्रामीणों ने ग्रामीण विकास विभाग भोपाल, बड़ा मल्हार के जनपद पंचायत सीईओ से लेकर छतरपुर कलेक्टर तक को ना केवल शिकायत की, बल्कि जनपद पंचायत में किया जा रहे भ्रष्टाचार के दस्तावेज और शपथ पत्र तक दिए। लेकिन बीते दो सालों में किसी भी जिम्मेदार के द्वारा इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसके बाद लखन शर्मा (अयाची) ने कोर्ट की शरण ली।

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राज्य सरकार सहित छतरपुर कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को जारी हुआ नोटिस

इस मामले में लखन लाल शर्मा (अयाची) की ओर से अधिवक्ता नरिंदर पाल सिंह रूपराह ने जनहित याचिका में पक्ष रखा। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगल पीठ में हुई इस मामले की सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने आरटीआई से निकल गए इतने दस्तावेज पेश किये कि पूरे भ्रष्टाचार की कलई खुलती हुई नजर आई। अदालत ने मध्य प्रदेश शासन, छतरपुर कलेक्टर , सीईओ जिला पंचायत , सहित अन्य को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है। इस मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद 11 सितंबर को होगी।

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