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भोपाल में केंद्रीय भू-जल बोर्ड में कार्यरत योगेंद्र बाबू शर्मा का सरकारी आवास सोमवार को खाली करा दिया गया। जानकारी के मुताबिक शर्मा पिछले छह महीने से ट्रांसफर के बावजूद घर खाली नहीं कर रहे थे। अधिकारियों ने पुलिस की मौजूदगी में उनका सामान बाहर फेंक दिया।
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अधिकारी ने बताया बदले की कार्रवाई
योगेंद्र बाबू शर्मा ने इस कार्रवाई पर नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे बदले की भावना से उठाया गया कदम बताया। शर्मा ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और प्रशासन से मामले में दखल देने की अपील की है। बता दें कि शर्मा कार्यपालन अभियंता (executive engineer) के पद पर पदस्थ हैं।
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अधिकारियों ने पुलिस के साथ की कार्रवाई
दिल्ली से आए अधिकारियों की एक टीम ने यह कार्रवाई की। बताया गया कि शर्मा का ट्रांसफर 6 महिने पहले छत्तीसगढ़ हुआ था, लेकिन वे सरकारी आवास खाली नहीं कर रहे थे। अधिकारियों ने पुलिस बल के साथ मिलकर मकान खाली कराया।
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घर खाली करने के विरोध में बनाया वीडियो
शर्मा ने अपना सामान बाहर निकाले जाने का वीडियो बनाया। उन्होंने इस कार्रवाई को कोर्ट के आदेश की अवहेलना बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि संजीव जैन नाम के अधिकारी ने जानबूझकर उनका सामान बाहर फेंकवाया। स्थानीय लोगों के मुताबिक, जब अधिकारी का सामान बाहर फेंका गया तो उन्होंने शोर मचाया और अधिकारियों पर बदसलूकी का आरोप लगाया।
शर्मा बोले- भगवान देंगे इसकी सजा
योगेंद्र बाबू शर्मा ने कहा कि उनका सामान जिस तरह बाहर फेंका गया, उसकी सजा भगवान देंगे। उन्होंने दावा किया कि 2013 के एक मामले की जांच के बाद यह कार्रवाई उनके खिलाफ की गई है।
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