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दमोह जिले में रहने वाले प्रिंस सुमन, जो अंडे का ठेला लगाकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं, को जीएसटी विभाग से एक चौंकाने वाला नोटिस मिला है। इस नोटिस में उन्हें दिल्ली में एक फर्म का मालिक बताया गया है, जिस पर करीब 50 करोड़ रुपए का कारोबार दर्ज किया गया है। इसके बदले में करीब 6 करोड़ रुपए का जीएसटी बकाया बताया गया है। यह घटना प्रिंस और उनके परिवार के लिए सिरदर्द बन गई है, और इस नोटिस ने उनके जीवन में उथल-पुथल मचा दी है।
नोटिस के बाद परिवार में आया बड़ा झटका
प्रिंस सुमन के लिए यह सबकुछ अचानक हुआ। 18 मार्च को उनके घर पर आयकर विभाग का एक रजिस्टर्ड डाक आया, जिसमें उनसे 2022-23 के दौरान दिल्ली में खुली एक कंपनी की जानकारी दी गई। इस कंपनी के नाम पर 50 करोड़ रुपए का कारोबार होने का दावा किया गया है, जिसमें चमड़ा, लकड़ी और आयरन की बिक्री शामिल है। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि प्रिंस का इस कंपनी से कोई संबंध नहीं था, न ही उसने कभी दिल्ली यात्रा की थी। इस प्रकार का नोटिस प्राप्त होने के बाद प्रिंस के परिवार में घबराहट और चिंता का माहौल है।
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कैसे खुली दिल्ली में कंपनी?
प्रिंस ने बताया कि उन्होंने कभी दिल्ली में कोई कारोबार नहीं किया और न ही उनका दिल्ली जाने का कोई रिकॉर्ड है। इसके बावजूद, उनके नाम पर दिल्ली में एक कंपनी के खुलने का दावा किया गया। इस पर उनका कहना है कि उन्होंने कभी अपना पैन कार्ड और आधार कार्ड किसी को नहीं दिया, और न ही किसी के साथ दस्तावेज़ साझा किए। इसके बावजूद, इस कंपनी के नाम पर कारोबार की बड़ी रकम का आकलन किया गया है, जिससे प्रिंस और उनके परिवार को काफी परेशानी हो रही है।
वकील का कहना - नोटिस असली
प्रिंस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एडवोकेट से सलाह ली। वकील ने पुष्टि की कि नोटिस असली है, और उन्होंने आयकर विभाग को एक पत्र भेजकर मामले की जांच की मांग की है। साथ ही पुलिस से भी शिकायत की गई है। परिवार की चिंता यह है कि प्रिंस के नाम पर जो कंपनी खोली गई है, वह शायद किसी धोखाधड़ी का हिस्सा हो सकती है, जिसके लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं।
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क्या था इस नोटिस का संदर्भ?
नोटिस में यह आरोप लगाया गया था कि 2022 में "प्रिंस इंटरप्राइजेज" नाम से दिल्ली के स्टेट जोन 3 (वार्ड 33) में एक कंपनी खोली गई थी। इस कंपनी ने 2022-23 के दौरान लगभग 50 करोड़ रुपए का कारोबार किया था, लेकिन जीएसटी का भुगतान नहीं किया गया था। इसके परिणामस्वरूप, करीब 6 करोड़ का जीएसटी बकाया बताया गया था। नोटिस में प्रिंस से बैंक स्टेटमेंट और अन्य दस्तावेज़ की मांग की गई थी।
परिवार की चिंता और न्याय की उम्मीद
प्रिंस के पिता श्रीधर सुमन, जो एक छोटी किराना दुकान चलाते हैं, ने कहा कि अगर इस मामले में उन्हें न्याय नहीं मिला, तो परिवार के पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा। यह स्थिति उनके लिए बेहद कठिन और निराशाजनक है, और वे चाहते हैं कि सरकार इस मामले की पूरी तरह से जांच करे और दोषियों को सजा दी जाए।
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