अतिथि शिक्षक नियमितीकरण : क्या सुप्रीम कोर्ट जाएंगे अतिथि या सरकार सुनेगी इनकी पीड़ा ?

प्रदेश को 23 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। आने वाले दिनों में प्रदेश में 27 हजार से ज्यादा रोजगार के मौके मिलेंगे। अगर सरकार ने जो कहा है वाकई वैसा किया तो बेरोजगारों के लिए बहुत अच्छी बात होगी।

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Ram Krishna Gautam
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मुख्यमंत्री मोहन यादव प्रदेश में रोजगार को लेकर सिर्फ चिंता नहीं जता रहे हैं, बल्कि प्रयास भी कर रहे हैं। अभी आपने उनसे जो कुछ भी सुना उसके मद्देनजर तो यही कहा जाएगा कि मध्यप्रदेश में बहुत जल्द हजारों नौकरियों के दरवाजे खुलने वाले हैं। अब आपको पूछना चाहिए कि मुख्यमंत्री कितना रोजगार देने वाले हैं। इस सवाल का जवाब जानने के लिए आप मध्य प्रदेश जनसंपर्क की इस सोशल मीडिया पोस्ट नजर डालिए। इसके मुताबिक प्रदेश में 27 हजार से ज्यादा रोजगार के मौके आने वाले हैं। यही बात हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सागर में आयोजित रीजनल इंस्डट्रीयल कॉन्क्लेव में भी कही है।

27 हजार से ज्यादा रोजगार के मौके

मुख्यमंत्री ने कॉन्क्लेव में कहा कि प्रदेश को 23 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। आने वाले दिनों में प्रदेश में 27 हजार से ज्यादा रोजगार के मौके मिलेंगे। अगर सरकार ने जो कहा है वाकई वैसा किया तो बेरोजगारों के लिए बहुत अच्छी बात होगी। अब कर लेते हैं विश्लेषण और समस्याओं की तो जैसा कि आप जानते हैं फिलहाल मध्यप्रदेश में अगर कोई सबसे बड़ी समस्या है तो वो है रोजगार की समस्या। इसमें भी सबसे बड़ा मसला है। शिक्षक भर्ती और इसमें भी बड़ा मामला है अतिथि शिक्षकों की भर्ती का। जिसे लेकर एक दिन पहले ही हमने विस्तार से खबर दी है कि लोक शिक्षण संचालनालय यानी DPI ने हाईकोर्ट से मिले निर्देशों के बाद साफ कर दिया है कि प्रदेश के अतिथि शिक्षकों को परमानेंट यानी नियमित नहीं किया जाएगा। DPI के आदेश के बाद क्या अतिथि शिक्षकों का चैप्टर क्लोज हो गया है या फिर पिक्चर अभी बाकी है। खबरें हैं कि शायद पिक्चर अभी बाकी है, क्योंकि अतिथि शिक्षकों से जुड़े संगठन सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।

अतिथि शिक्षकों का चैप्टर क्लोज नहीं

अभी अतिथि शिक्षकों का चैप्टर क्लोज नहीं हुआ है। अतिथि शिक्षक संगठन पूरी रणनीति बनाकर सुप्रीम कोर्ट में DPI के फैसले को चैलेंज करेंगे। दरअसल, लोक शिक्षण संचालनालय ने आदेश जारी किया है कि प्रदेश के अतिथि शिक्षकों को नियमित नहीं किया जाएगा। हालांकि ये बात जरूर कही गई है कि शिक्षक भर्ती में अतिथियों को 25 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। फिर भी नियमितीकरण नहीं होने के मसले को अतिथि शिक्षकों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि नियमितीकरण की मांग लेकर अतिथि शिक्षक लंबे समय से आंदोलन और प्रदर्शन कर रहे हैं।

DPI के फैसले को SC में चैलेंज

मध्य प्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा की सेवा शर्तें, भर्ती नियम 2018 और संशोधित नियम 01 दिसंबर 2022 के मुताबिक सीधी भर्ती के जरिए खाली पद भरने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा से शिक्षक भर्ती का प्रविधान है। अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है। DPI के इसी फैसले को अब अतिथि शिक्षक संगठन सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करने की रूपरेखा बना रहे हैं। दूसरी तरफ अभी भी सरकार और शिक्षा विभाग पर दबाव बना हुआ है कि वो अतिथियों के नियमितीकरण के लिए कोई ठोस कदम उठाए।

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