किशोर वाधवानी केस में इंदौर पुलिस पर DGGI के गंभीर आरोप, कोर्ट में किया ये खुलासा

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने किशोर वाधवानी की तुकोगंज थाने में दर्ज चार सौ बीसी की एफआईआर क्वैश कराने की अपील पर फैसला देते हुए इसे खारिज कर दिया।

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Sanjay Gupta
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गुटखा किंग और दबंग दुनिया प्राइवेट लिमिटेड अखबार के कर्ताधर्ता किशोर वाधवानी मुश्किल में हैं, उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। अखबार के सीईओ पकंज मजेपुरिया की गिरफ्तारी गुरुवार को पुलिस ने ले ली है। लेकिन तुकोगंज थाने में केस तो साल 2021 में हुआ, इसमें जांच अधिकारी (एसीपी) ने अब जाकर तेजी दिखा रहे हैं। लेकिन अभी तक इसमें पुलिस क्यों सुस्त रही, इस पर गंभीर खुलासा हुआ है। डीजीजीआई ने (डायरेक्टोरेट जनरल आफ जीएसटी इंटेलीजेंस) इंदौर ने पुलिस पर औपचारिक तौर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। औपचारिक तौर पर इसलिए क्योंकि यह बात उन्होंने जिला कोर्ट में लिखित में कही है। 

जिला कोर्ट में इस तरह पहुंचा वाधवानी केस

दरअसल 13 मार्च 2025 को हाईकोर्ट इंदौर ने किशोर वाधवानी की तुकोगंज थाने में दर्ज चार सौ बीसी की एफआईआर क्वैश कराने की अपील पर फैसला देते हुए इसे खारिज कर दिया। साथ ही पुलिस को 60 दिन के भीतर जांच पूरी करने के आदेश दिए। इस आदेश के बाद इसमें पुलिस एफआईआर के चार साल बाद सक्रिय हुई और जांच अधिकारी एसीपी विनोद दीक्षित ने जिला कोर्ट में आवेदन लगाया कि उन्हें इस केस की जांच के लिए डीजीजीआई द्वारा दबंग दुनिया पर मारे गए छापे में जब्त डिजिटल रिकार्ड, दो सीपीयू, पैनड्राइव व अन्य रिकार्ड चाहिए, इसके बिना जांच प्रभावित हो रही है। 

इस पर डीजीजीआई ने खोल दी पुलिस की पोल

इस पर डीजीजीआई ने इंदौर पुलिस की हाईप्रोफाइल केस में रोकी गई जांच की पोल खोलकर रख दी। डीजीजीआई ने बताया कि पुलिस को पहले ही एफआईआर के समय यह दस्तावेज सत्यापित करके दिए जा चुके थे। बाद में पांच नंवबर 2024 को पुलिस ने फिर दस्तावेज देने के लिए पत्र लिखा जिस पर हमारे विभाग द्वारा 6 नवंबर और 8 नवंबर को अधिकारियों को सभी दस्तावेज सत्यापित कर सहायक पुलिस आयुक्त के दफ्तर भेजा गया। लेकिन वहां पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सहायक पुलिस आयुक्त साहब अभी नहीं है और उन्होंने यह दस्तावेज लेने से ही इंकार कर दिया। इसके बाद भी हमने फिर उन्हें स्पीड पोस्ट से यह सभी दस्तावेज भेज दिए। इसके भी रसीद, पावती मौजूद है। मूल दस्तावेज नहीं दे सकते हैं क्योंकि हमारे यहां भी टैक्स चोरी का केस चल रहा है और इसमें यह लगेंगे। 

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जिला कोर्ट ने यह दिए आदेश

इस पर जिला कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फिर से डीजीजीआई से कहा कि हाईकोर्ट ने जांच के लिए कहा है, आप सहयोग कीजिए और जो भी दस्तावेज, डिजिटल रिकार्ड है वह मूल रूप से या सत्यापित करके पुलिस को उपलब्ध करा दीजिए, जिससे वह समय में जांच पूरी कर सकें। 

इनकी हुई थी गुरुवार को गिरफ्तारी

पुलिस ने तुकोगंज थाने में दर्ज हुए अपराध क्रमांक 88/2021 में चार सौ बीसी के केस में दबंग दुनिया के सीईओ पंकज मजेपुरिया को गिरफ्तार किया है। इसके लिए पुलिस ने छापा मारा और घर से उन्हें गिरफ्तार किया। एसीपी विनोद दीक्षित ने उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

क्यों हुई गिरफ्तारी, वाधवानी का क्या होगा

दरअसल मूल केस किशोर वाधवानी और नितेश वाधवानी के खिलाफ डीजीजीआई ने दर्ज कराया था। हाईकोर्ट ने 13 मार्च को इस मामले का जांच पुलिस से दो माह में करने के लिए कहा है। वाधवानी से जांच के लिए जब दस्तावेज मांगे तो उन्होंने यह मजेपुरिया के पास होना बताए। लेकिन उनके पास यह नहीं मिले। कई बार पूछताछ के बाद भी यह दस्तावेज नहीं मिले, इसके बाद मजेपुरिया को गिरफ्तार कर लिया गया। उधर पुलिस ने वाधवानी (किशोर और नितेश) को नोटिस दिए तो वह कोर्ट से जमानत ले आए।  ऐसे में पुलिस ने अब हाईकोर्ट में आवेदन लगाया है कि उनकी जमानत रद्द की जाए, क्योंकि वह जांच में किसी तरह का सहयोग नहीं कर रहे है। 

हाईकोर्ट ने रिव्यू पिटीशन भी कर दी है खारिज

डीजीजीआई (डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस) भोपाल की इंदौर यूनिट के आवेदन पर इंदौर तुकोगंज थाने में वाधवानी और उनके भतीजे नीतेश वाधवानी के खिलाफ 10 फरवरी 2021 में चार सौ बीसी व अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर हुई थी। इसे निरस्त लगाने के लिए हाईकोर्ट में आवेदन लगाया था जो 13 मार्च 2025 को खारिज हो गया। इस आदेश के खिलाफ वाधवानी ने रिव्यू पिटीशन लगाई थी। इसे भी खारिज कर दिया गया। हाईकोर्ट जस्टिस विनोद रूसिया और जस्टिस गजेंद्र सिंह ने फैसले में लिखा कि ऐसे कोई भी नए तथ्य याचिकाकर्ता नहीं बता सकें कि क्यों रिव्यू किया जाए। यह प्रोसेस ऑफ ला का मिसयूज है और इसके लिए उन पर 20 हजार की कास्ट लगाते हुए याचिका खारिज की जाती है। 

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यह है मामला

वाधवानी एलोरा टोबेको कंपनी (ETCL) के प्रोपराइटर है। इस कंपनी पर डीजीजीआई की इंदौर यूनिट ने जून 2020 में छापे मारे। छापे में भारी मात्रा में पान मसाला, गुटखे के कारोबार में जीएसटी चोरी सामने आई। इसके बाद इनके खिलाफ दो हजार करोड़ के टैक्स डिमांड नोटिस जारी हुए। यह चोरी उन्होंने जुलाई 2017 से जून 2020 की अवधि में की थी। इस पर विभाग ने उन्हें 15 जून 2020 को गिरफ्तार किया, बाद में उनकी जमानत हुई। इस जांच के दौरान सामने आया कि वाधवानी जो दबंग दुनिया अखबार में भी डायरेक्टर हैं।

उन्होंने अपने अखबार की सेल 60 हजार से एक लाख दिखाई जबकि 6 से 8 हजार मात्र थी। इस दौरान उन्होंन फर्जी इनवाइस जनरेट किए और जीएसटी चोरी का 500 करोड़ रुपए और अन्य बिजनेस से कमाई को इस अखबार में इन फर्जी इनवाइस के जरिए खपाया और जमकर टैक्स चोरी की। अखबार की जांच में 904 फर्जी इनवाइस जारी हुए। डीजीजीआई ने इस मामले में किशोर वाधवानी और उनके भतीजे नीतेश वाधवानी पर 10 फरवरी 2021 में आईपीसी धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत केस दर्ज करा दिया। 

हाईकोर्ट बेंच ने 13 मार्च को यह दिए थे आदेश

सुनवाई के बाद हाईकोट डबल बेंच जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस गजेंद्र सिंह ने आदेश दिए कि इस मामले में जांच चल रही है और दो एफआईआर होने के मामले में दखल देने का कोई कारण नहीं बनता है। अभी तक पुलिस ने जांच क्यों नहीं की, यह भी हाईकोर्ट ने पूछा, इस पर बताया गया कि काफी इनवाइस है और कई लोगों से पूछताछ होना है इसलिए इसमें दिक्कत आ रही है। इस पर हाईकोर्ट ने दो माह में पुलिस को जांच पूरी करने के आदेश दिए।

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