ग्वालियर में गुरुवार शाम ( 22 अगस्त ) को सीएम मोहन यादव के वीआईपी मूवमेंट के दौरान एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया। विवाद की शुरुआत आर्मी के मेजर और ट्रैफिक पुलिस जवान के बीच एक सड़क हादसे से हुई, जिसके बाद ये मामला मारपीट तक पहुंच गया।
ट्रैफिक पुलिस ने रास्ता किया ब्लॉक
गुरुवार शाम को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ग्वालियर में थे और कलेक्ट्रेट कार्यालय में 28 अगस्त को होने वाली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की तैयारी को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक खत्म होने के बाद सीएम का काफिला MITS कॉलेज इंद्रमणि नगर चौराहे की तरफ जा रहा था, यहां ट्रैफिक पुलिस ने बेरीगेट लगाकर रास्ता ब्लॉक कर दिया था।
मेजर ने ट्रैफिक पुलिस कर्मी के साथ मारपीट की
इस दौरान शताब्दीपुरम निवासी और आर्मी में मेजर के पद पर तैनात आशीष चौहान अपनी पत्नी, बहन, और एक दोस्त के साथ कार में जा रहे थे। इनोवा गाड़ी के चालक ने उनकी गाड़ी को टक्कर मार दी और दुर्घटना के बाद गाड़ी लेकर भाग गया। मेजर ने भागते चालक को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन ट्रैफिक पुलिस कर्मी ने उन्हें रोक दिया। इसी दौरान विवाद बढ़ गया और मेजर ने ट्रैफिक पुलिस कर्मी के साथ मारपीट की।
क्राइम ब्रांच की कार्रवाई
हंगामा और मारपीट को देखकर क्राइम ब्रांच पुलिस की गाड़ी वहां पहुंची और मेजर को अपनी गाड़ी में बिठाकर गोला का मंदिर थाने पर ले गई। बताया जा रहा है कि मेजर वर्तमान में उदयपुर में पदस्थ हैं। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक पुलिस और क्राइम ब्रांच ने उन्हें जबरन थाने ले जाकर बदतमीजी की है।
मेजर की पत्नी का आरोप
मेजर की पत्नी ने आरोप लगाया कि उनके पति को बेवजह ट्रैफिक पुलिस द्वारा विवाद में घसीटा गया और उनकी शिकायत पर ट्रैफिक पुलिस ने उनके साथ मारपीट की। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने उनके पति को जबरन गाड़ी में बिठाकर ले जाया और उन्हें रोकने की कोशिश के बावजूद बदतमीजी की।
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