NIA की जांच में खुलासा, जसवंत सिंह की हत्या के पीछे खालिस्तानी आतंकी!

ग्वालियर के जसवंत गिल हत्याकांड की जांच में NIA भी शामिल हो गई है। इस हत्याकांड के तार खालिस्तानी आतंकी अर्श दल्ला से जुड़े थे, शूटरों ने जंगी ऐप से निर्देश लिए थे।

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Ravi Singh
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 Jaswant Singh Gill murder case

Jaswant Singh Gill murder case Photograph: (the sootr )

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ग्वालियर के डबरा में 7 नवंबर को हुए जसवंत सिंह गिल हत्याकांड की जांच में अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी शामिल हो गई है। हत्याकांड के तार खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डल्ला से जुड़े होने के बाद एनआईए की तीन सदस्यीय टीम ग्वालियर पहुंच गई है और गहन पूछताछ शुरू कर दी है। इस मामले में शूटरों, रिश्तेदारों और खालिस्तानी कनेक्शन का खुलासा हो चुका है, जिससे मामला और भी पेचीदा हो गया है।

रिश्तेदार सतपाल ने कराई थी हत्या

7 नवंबर को जसवंत सिंह गिल की हत्या उनके घर के बाहर बाइक सवार दो शूटरों ने कर दी थी। ये शूटर पंजाबी खालिस्तानी आतंकी अर्श दल्ला के इशारे पर काम कर रहे थे। जांच में पता चला कि जसवंत की हत्या उसके रिश्तेदार सतपाल ने ही की थी, क्योंकि जसवंत ने सतपाल के भाई की हत्या कर दी थी। सतपाल ने ही भाड़े के शूटरों को जसवंत की हत्या की सुपारी दी थी और हत्या के बाद मामला खालिस्तानी आतंकियों से जुड़ गया।

जंगी एप से होती थी बात

हत्या के बाद पूछताछ के दौरान शूटरों ने खुलासा किया कि उन्हें खालिस्तानी आतंकवादी अर्श दल्ला के करीबी सहयोगी प्रिंस से हत्या के निर्देश मिले थे। यह बातचीत जंगी ऐप के जरिए हुई थी, जो एक सुरक्षित ऐप है और जिसमें बातचीत के 10 सेकंड बाद डेटा अपने आप डिलीट हो जाता है। इस ऐप के ज़रिए शूटरों को 5 लाख रुपये और कनाडा भेजने का वादा किया गया था, लेकिन बाद में शूटरों को न तो कोई पैसा मिला और न ही उन्हें कनाडा भेजा गया।

सतपाल को भारत की तैयारी

एनआईए की टीम ने ग्वालियर में शूटरों से पूछताछ की और पाया कि शूटरों को सतपाल धारीवाल के जरिए फंडिंग हुई थी। सतपाल और अर्श दल्ला के बीच कनेक्शन का शक अब और मजबूत हो गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एनआईए ने जांच को आगे बढ़ाया और अब सतपाल को भारत लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

जंगी एप की खुफिया कार्यप्रणाली

पुलिस अधिकारियों के अनुसार जंगी ऐप का इस्तेमाल इसलिए किया गया क्योंकि इसके जरिए की गई बातचीत का पता लगाना मुश्किल है। इस ऐप का सर्वर कनाडा में है और इसे इस्तेमाल करने के लिए किसी फोन नंबर की जरूरत नहीं है। सिर्फ़ यूजर नेम और पासवर्ड के ज़रिए ही संपर्क किया जा सकता है, जिससे जांच एजेंसियों के लिए डेटा हासिल करना मुश्किल हो जाता है।

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