भिंड कलेक्टर अवमानना के दोषी करार, HC ने कहा- CS तय करें ऐसा अधिकारी फील्ड में रहे या नहीं

ग्वालियर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के वेतन भुगतान विवाद में भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को अवमानना का दोषी माना है। कोर्ट ने कलेक्टर की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हुए 11 मार्च को तलब किया है। 

author-image
Vikram Jain
New Update
gwalior highcourt bhind collector contempt case
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने लोक निर्माण विभाग के वेतन भुगतान मामले में भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को अवमानना का दोषी पाया है। कोर्ट ने कलेक्टर की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हुए उन्हें 11 मार्च को सुबह 10:30 बजे पेश होने का आदेश दिया है। इस मामले में पहले भी कलेक्टर को चेतावनी दी गई थी, लेकिन अदालत उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुई और अब उनके भविष्य को लेकर फैसला मुख्य सचिव पर छोड़ दिया है।

भिंड कलेक्टर को कोर्ट ने लगाई फटकार

दरअसल, भिंड जिले में लोक निर्माण विभाग (PWD) के कर्मचारियों के वेतन भुगतान से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। मामले में सुनवाई करते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को एक बार फिर फटकार लगाई है। कोर्ट ने शुक्रवार को हुई सुनवाई में भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को अवमानना का दोषी पाया और उन्हें 11 मार्च को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया।

ये खबर भी पढ़ें...

भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव पर लगे मनमानी के आरोप, HC ने लगाई फटकार

कोर्ट की कड़ी टिप्पणी

कोर्ट ने सुनवाई करते हुए स्पष्ट कहा कि पुरानी सुनवाई से भिंड कलेक्टर ने कोई सबक नहीं लिया। उनके द्वारा PWD की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई दिखावा मात्र है। अब ऐसे अधिकारी को फील्ड में रहना चाहिए या नहीं, इस पर प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्णय लेना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस आदेश की कापी मुख्य सचिव को भी भेजी जाएगी।

ये खबर भी पढ़ें...

भिंड में बोर्ड परीक्षा में गड़बड़ी, कलेक्टर ने 11 शिक्षकों को किया सस्पेंड, जानें पूरा मामला

क्या है पूरा मामला?

यह विवाद भिंड के PWD कार्यालय में तैनात 12 से अधिक कर्मचारियों के वेतन भुगतान से जुड़ा है। हाईकोर्ट ने कर्मचारियों के वेतन की बकाया राशि 3.50 करोड़ रुपये तय की थी। भिंड कलेक्टर को इसका भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन, कलेक्टर ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया, जिससे मामला अवमानना याचिका तक पहुंच गया। इससे पहले इस मामले में हाईकोर्ट ने कलेक्टर को कड़ी फटकार लगाई थी। साथ ही कलेक्टर को अक्षम अधिकारी बताया था।

ये खबर भी पढ़ें...

आदेश न मानने पर रीवा कलेक्टर को HC की फटकार, अब एक दिन में करो आदेश का पालन

कलेक्टर ने कोर्ट को क्या बताया?

दरअसल, भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने सुभाष सिंह भदौरिया के केस में पालन प्रतिवेदन रिपोर्ट पेश की। जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने बताया कि 31 जुलाई 2023 को उन्होंने पदभार संभाला था। अवमानना याचिका 23 फरवरी 2024 को पेश की गई थी। 22 फरवरी 2024 को तहसीलदार ने आरआरसी निष्पादन के लिए मामला दर्ज किया। 13 मई 2024 को PWD की संपत्ति कुर्क कर नीलामी की गई। इस नीलामी से नीलामी से महज 20,200 रुपये प्राप्त हुए, जिसमें से 15,614 रुपये श्रम न्यायालय में जमा किए गए। नीलाम से पर्याप्त पैसा नहीं मिलने से आरआरसी निष्पादित नहीं हो सकी। इसके बाद कलेक्टर के जवाब पर अदालत ने असंतोष जताते भिंड कलेक्टर को फटकार लगा दी।

ये खबर भी पढ़ें...

भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के खिलाफ HC ने जारी किया वारंट, जानिए क्यों?

भिंड न्यूज ग्वालियर न्यूज ग्वालियर हाईकोर्ट भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव लोक निर्माण विभाग हाईकोर्ट की अवमानना Gwalior highcourt