अपर कलेक्टर के नाम पर वसूली का ऑर्डर चस्पा, नोटिस देख सदमे में आया शख्स!

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति के घर पर अपर कलेक्टर के फर्जी आदेश के माध्यम से जबरन मकान खाली कराने की धमकी दी गई।

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Rohit Sahu
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मध्य प्रदेश के ग्वालियर में अपर कलेक्टर के फर्जी आदेश से 13 लाख रुपए के लोन की वसूली के नाम पर मकान खाली कराने का मामला सामने आया है। आरोपियों ने घर के बाहर अपर कलेक्टर कुमार सत्यम के नाम पर फर्जी आदेश चस्पा कर दिया, जिससे हड़कंप मच गया। कलेक्ट्रेट में जांच के बाद आदेश को फर्जी पाया गया, जिसके बाद सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ। 

क्या है पूरा मामला?

ग्वालियर के सेंकरा निवासी सोमेंद्र गुर्जर ने 2022 में आधार हाउसिंग फाइनेंस बैंक से 13.14 लाख रुपए का लोन लिया था। बीते दिनों लोकेन्द्र राठौर और शक्ति परमार नाम के दो व्यक्ति उनके घर पहुंचे और खुद को फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बताकर उनके मकान को खाली कराने की धमकी दी। इतना ही नहीं, उन्होंने अपर कलेक्टर कुमार सत्यम के नाम का आदेश बताते हुए एक नोटिस घर के दरवाजे पर चिपका दिया।

फर्जी आदेश की सच्चाई ऐसे हुई उजागर

सोमेंद्र गुर्जर को आदेश की प्रमाणिकता पर संदेह हुआ, जिसके बाद उन्होंने कलेक्ट्रेट ग्वालियर पहुंचकर इसकी जांच कराई। जब कलेक्ट्रेट अधिकारियों से पूछताछ की गई, तो खुलासा हुआ कि अपर कलेक्टर की ओर से इस तरह का कोई आदेश जारी ही नहीं किया गया था।

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पीड़ित की शिकायत पर 7 लोगों पर केस

आदेश के फर्जी होने की पुष्टि होते ही सोमेंद्र गुर्जर ने डबरा देहात थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आधार हाउसिंग फाइनेंस सहित सात लोगों के खिलाफ कूट रचित दस्तावेज बनाने और धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया।

5 बिंदुओं में समझिए पूरी स्टोरी

  •  ग्वालियर के सेंकरा निवासी सोमेंद्र गुर्जर को दो फाइनेंस कंपनी कर्मियों ने घर खाली करने की धमकी दी और अपर कलेक्टर के नाम से फर्जी आदेश चस्पा कर दिया।
  • आदेश पर संदेह होने पर सोमेंद्र गुर्जर ने कलेक्ट्रेट में जांच कराई, जहां पता चला कि ऐसा कोई आदेश जारी ही नहीं हुआ था।
  • कलेक्ट्रेट से पुष्टि होने के बाद सोमेंद्र ने डबरा देहात थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और कूट रचना का मामला दर्ज किया।
  • पुलिस ने फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों से पूछताछ शुरू कर दी है और कलेक्टर कार्यालय से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
  • मामले में IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (कूट रचना), 468 (धोखाधड़ी के लिए कूट रचना) और 471 (फर्जी दस्तावेजों का उपयोग) के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

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