घर छोड़ कर भागी विदिशा की रहने वाली नाबालिग को अच्छा भविष्य देने के लिए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक अनोखी पहल की है। इस मामले के बारे में जानकर आप भी चौंक जाएंगे। नाबालिग की स्थिति देखते हुए हाईकोर्ट ने उसे 6 महिने तक सब इंस्पेक्टर स्मिता जायसवाल को शौर्या दीदी बनाए जाने का आदेश दिया है। स्मिता जायसवाल 6 महिने तक बड़ी बहन की भूमिका निभाएंगी और उसे समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करेंगी।
HC की अनोखी पहल
ग्वालियर हाई कोर्ट जस्टिस आनंद पाठक का इस दौरान कहना है कि यह एक अनोखा मामला है। बता दें कि नाबालिग ने अपने माता-पिता पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कभी-कभी माता-पिता की डांट से नाराज होकर बच्चे राह भटक जाते हैं और घर छोड़ देते हैं। ऐसे में बच्चों को मुख्यधारा में जोड़ने की कोशिश नीति निर्धारकों को करना चाहिए। विदिशा की नाबालिग ने भोपाल के नेहरू नगर में स्थित बालिका गृह में रहने की इच्छा जताई है। बच्ची ने भोपाल में रहकर पढ़ाई करके अपने भविष्य को संवारने का रास्ता चुना है।
यह है पूरा मामला
1.नाबालिग की दादी ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है और उन्होंने आरोप लगाया है कि 15 साल की बच्ची को बालिका गृह में बंधक बना लिया गया है।
2.अदालत ने नाबालिग की परेशानी को भी सुना। बच्ची पढ़ लिखकर जीवन में आगे बढ़ना चाहती है और माता-पिता के डर से उसने घर छोड़ा था।
3.मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के नोटिस पर विदिशा की पुलिस ने नाबालिग को कोर्ट में पेश किया था, लेकिन बच्ची ने माता-पिता के साथ जाने से इंकार कर दिया है और बालिका गृह में ही रहने का फैसला किया है।
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