Chhindwara-Sagar में ओले गिरे, 11 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में होगी rain

अप्रैल में मध्यप्रदेश में आंधी-बारिश का ट्रेंड बना हुआ है इसमें पिछले 10 में 7 साल बारिश हुई। इस बार भी ऐसा ही मौसम है। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में चक्रवाती हवा सक्रिय हैं। प्रदेश में कई जगह बारिश का रेड अलर्ट... 

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Jitendra Shrivastava
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BHOPAL. मध्यप्रदेश में भोपाल और छिंदवाड़ा-सागर ( Chhindwara-Sagar ) में दोपहर 3 बजे के बाद मौसम बदल गया। इसके बाद ओले-बारिश ( rain ) और तेज हवा का दौर शुरू हो गया है। छिंदवाड़ा, सिंगरौली, सागर के गौरझामर, देवरी और नर्मदापुरम के बनखेड़ी सहित आसपास के इलाकों में बारिश के साथ ओले गिरे हैं। वहीं, दोपहर बाद बारिश हुई। भोपाल, रायसेन, सीहोर और विदिशा में भी बारिश हुई।

11 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में बारिश होती रहेगी

भोपाल के सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह के अनुसार 11 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में हल्की बारिश होती रहेगी। अप्रैल में पहली बार साइक्लोनिक सर्कुलेशन और वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिवेट रहेगा। इस कारण आंधी, बारिश, ओले और बिजली की गरज-चमक की स्थिति बनी रहेगी। 

भोपाल, सीहोर में अगले कुछ घंटों में ओलावृष्टि होगी

मौसम विभाग के अनुमान के आधार पर अगले कुछ घंटों में भोपाल, सीहोर, बैतूल, रायसेन के सांची और भीमबेटका, सागर, दमोह, मंडला, सिवनी, कटनी, मैहर और सीधी में बिजली गिरेगी, इसके साथ ही ओलावृष्टि की भी आशंका जताई है। यहां 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चल सकती है। सिंगरौली, उमरिया और नर्मदापुरम में शाम के समय बारिश हो सकती है। शाजापुर, विदिशा, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, बालाघाट, डिंडोरी, सतना, जबलपुर, रीवा, शहडोल, अनूपपुर और पन्ना जिलों में भी हल्की गरज के साथ बिजली गिरने की संभावना है।

अप्रैल में 10 में 7 साल बारिश हुई

अप्रैल में मध्यप्रदेश में आंधी-बारिश का ट्रेंड बना हुआ है इसमें पिछले 10 में 7 साल बारिश हुई। इस बार भी ऐसा ही मौसम है। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में चक्रवाती हवा सक्रिय हैं। राजस्थान के दक्षिणी हिस्से में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय है। इस कारण अरब सागर से नमी वाली हवा आ रही हैं। बंगाल की खाड़ी से भी हवा नमी लेकर आ रही है। इस वजह से प्रदेश का मौसम भी बदला है। 11 अप्रैल तक लगातार बारिश, ओले और तेज हवा चलने का अनुमान है। 13-14 अप्रैल को दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस और एक्टिव होंगे। इस वजह से मौजूदा सिस्टम भी स्ट्रॉन्ग होगा। 

इन इलाकों में हो सकती है बारिश...

9 अप्रैल:

नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और सिवनी जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। यहां तेज बारिश और ओले भी गिर सकते हैं। राजगढ़, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, श्योपुरकलां, मैहर, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में बारिश का यलो अलर्ट रहेगा। भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, हरदा, देवास और नरसिंहपुर में ओले-बारिश के साथ 40 से 50Km और मंडला, बालाघाट, सागर में 50 से 60Km प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी चल सकती है। यहां ऑरेंज अलर्ट है।

10 अप्रैल: 

नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, खंडवा, मंदसौर, नीमच, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी और बालाघाट में 40 से 50किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चल सकती है। यहां यलो अलर्ट जारी किया गया है। विदिशा, रायसेन, सीहोर, भोपाल, राजगढ़, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, मऊगंज, मैहर, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, मंडला, पन्ना, सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों में हल्की बारिश होने का अनुमान है।

11 अप्रैल: 

विदिशा, रायसेन, सीहोर, भोपाल, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, मुरैना, रीवा, सीधी, सतना, सिंगरौली, मऊगंज, मैहर, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, पन्ना, दमोह, छतरपुर और सागर जिलों में हल्की बारिश होने का अनुमान है। इसी तरह डिंडोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में भी हल्की बारिश हो सकती है।

4 दिनों में ओले-आंधी की एडवाइजरी जारी...

मौसम विभाग ने ओले, बारिश और आंधी का मौसम बनने की एडवाइजरी भी जारी की है। 
ओले गिरने और तेज हवा के कारण खुले क्षेत्र में फसलों को नुकसान की संभावना है। 
बिजली गिरने से जान-माल को हानि हो सकती है। ऐसे में सुरक्षित स्थान पर रहे।
घर के अंदर रहे। खिड़कियों और दरवाजे बंद करें और अनावश्यक यात्रा से बचें।
बारिश संभावित क्षेत्रों की फसलों को सुरक्षित कर सिंचाई और रासायनिक छिड़काव से बचें।

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