/sootr/media/media_files/2024/12/18/SAbGIEijBErVnArnRrrE.jpg)
राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 400 कर्मचारियों की छंटनी की खबर ने खलबली मचा दी है। यह फैसला अस्पताल प्रशासन ने वित्तीय संकट के कारण लिया है। जानकारी के मुताबिक, यह वे कर्मचारी हो सकते हैं, जिन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान अस्थायी तौर पर भर्ती किया गया था। गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) के मुताबिक, वर्तमान में अस्पताल में स्वीकृत पदों से 400 अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं।
कर्मचारियों की हड़ताल और सैलरी विवाद
पिछले 15 दिनों में, हमीदिया अस्पताल के 500 से अधिक कर्मचारी सैलरी न मिलने की वजह से दो बार हड़ताल कर चुके हैं। इनमें वार्ड बॉय, कंप्यूटर ऑपरेटर और हाउसकीपिंग स्टाफ शामिल हैं। GMC की डीन, डॉ. कविता एन सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की सैलरी शुक्रवार या शनिवार तक दी जाएगी। सैलरी में देरी की वजह GMC के पास फंड की कमी बताई गई है।
सैलरी के लिए हमीदिया के 500 वार्ड बॉय और टेक्नीशियन की हड़ताल पर
अस्पताल की सेवाओं पर असर
हमीदिया अस्पताल रोजाना 2500 से अधिक मरीजों की ओपीडी (Outpatient Department) संभालता है और 60 से अधिक ऑपरेशन करता है। ऐसे में कर्मचारियों की हड़ताल और संभावित छंटनी से अस्पताल की सेवाओं पर गहरा असर पड़ सकता है।
वित्तीय संकट की जड़ें
GMC ने हाल ही में एजाइल कंपनी को ढाई करोड़ रुपये का भुगतान किया है, लेकिन अभी भी 12 करोड़ रुपये का बकाया है। यह देरी कर्मचारियों की सैलरी रोकने का मुख्य कारण है। इससे पहले दिवाली बोनस भी नहीं दिया गया था, जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ा।
राजधानी के हमीदिया अस्पताल में हुआ दलालों का भंडाफोड़, मिले थे कर्मी
छंटनी की प्रक्रिया
जीएमसी की डीन के अनुसार, छंटनी की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि किन कर्मचारियों को हटाया जाएगा। अस्पताल में वर्तमान में 1800 से अधिक प्राइवेट कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनमें से 1100 कर्मचारियों की सैलरी मैनेजमेंट द्वारा और 700 की सैलरी एजाइल कंपनी द्वारा दी जाती है।
FAQ
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक