राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 400 कर्मचारियों की छंटनी की खबर ने खलबली मचा दी है। यह फैसला अस्पताल प्रशासन ने वित्तीय संकट के कारण लिया है। जानकारी के मुताबिक, यह वे कर्मचारी हो सकते हैं, जिन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान अस्थायी तौर पर भर्ती किया गया था। गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) के मुताबिक, वर्तमान में अस्पताल में स्वीकृत पदों से 400 अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं।
कर्मचारियों की हड़ताल और सैलरी विवाद
पिछले 15 दिनों में, हमीदिया अस्पताल के 500 से अधिक कर्मचारी सैलरी न मिलने की वजह से दो बार हड़ताल कर चुके हैं। इनमें वार्ड बॉय, कंप्यूटर ऑपरेटर और हाउसकीपिंग स्टाफ शामिल हैं। GMC की डीन, डॉ. कविता एन सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की सैलरी शुक्रवार या शनिवार तक दी जाएगी। सैलरी में देरी की वजह GMC के पास फंड की कमी बताई गई है।
हमीदिया अस्पताल रोजाना 2500 से अधिक मरीजों की ओपीडी (Outpatient Department) संभालता है और 60 से अधिक ऑपरेशन करता है। ऐसे में कर्मचारियों की हड़ताल और संभावित छंटनी से अस्पताल की सेवाओं पर गहरा असर पड़ सकता है।
वित्तीय संकट की जड़ें
GMC ने हाल ही में एजाइल कंपनी को ढाई करोड़ रुपये का भुगतान किया है, लेकिन अभी भी 12 करोड़ रुपये का बकाया है। यह देरी कर्मचारियों की सैलरी रोकने का मुख्य कारण है। इससे पहले दिवाली बोनस भी नहीं दिया गया था, जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ा।
जीएमसी की डीन के अनुसार, छंटनी की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि किन कर्मचारियों को हटाया जाएगा। अस्पताल में वर्तमान में 1800 से अधिक प्राइवेट कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनमें से 1100 कर्मचारियों की सैलरी मैनेजमेंट द्वारा और 700 की सैलरी एजाइल कंपनी द्वारा दी जाती है।
FAQ
हमीदिया अस्पताल में कितने कर्मचारी छंटनी के दायरे में हैं?
करीब 400 कर्मचारियों को छंटनी का सामना करना पड़ सकता है।
सैलरी में देरी का कारण क्या है?
जीएमसी के पास फंड की कमी सैलरी में देरी का मुख्य कारण है।
कर्मचारियों ने कितनी बार हड़ताल की है?
पिछले 15 दिनों में कर्मचारियों ने दो बार हड़ताल की है।
अस्पताल की सेवाओं पर इसका क्या असर पड़ेगा?
ओपीडी और ऑपरेशन जैसी सेवाओं पर छंटनी और हड़ताल का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
छंटनी प्रक्रिया कब शुरू होगी?
जीएमसी के अनुसार, छंटनी की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी, लेकिन अभी इसकी सटीक तारीख तय नहीं है।