हंस ट्रेवल्स की उड़ान जमीन पर आ गई है। ढक्कन वाला कुआं तुकोगंज पर चल रहा अवैध परिवहन संचालन गुरुवार (8 अगस्त) को बंद कर दिया गया और दफ्तर सील किया गया। अब जांच में सामने आया है कि उसका ऑफिस भी गलत है, उसके पास किसी तरह की मंजूरी नहीं है। इस मामले में नगर निगम ने नोटिस थमा दिया है।
गुप्ता ने खूब दिखाया रसूख, फोन लगवाए
हंस ट्रेवल्स के संचालक अरुण गुप्ता ने कार्रवाई से बचने के लिए रसूख दिखाने में कोई कसर नहीं रखी। नेता नगरी से लेकर भोपाल स्तर से भी बड़े अधिकारियों को फोन लगवा दिए लेकिन, कलेक्टर आशीष सिंह ने इस मामले में सारे रसूख को ताक पर रखकर कार्रवाई के लिए फ्री हैंड दिया। एसडीएम धनश्याम धनगर के साथ निगम व यातायात की टीम ने दफ्तर को सील कर दिया।
निगम और टीम ने यह पाई खामियां
- मोटर यान एक्ट के अनुसार केवल ट्रेवल एजेंट का काम किया जा सकता है, लेकिन नियमविरूद्ध परिवहन संचालित पाया गया।
- किसी तरह की भवन मंजूरी संचालक द्वारा पेश नहीं की गई है, इसे पेश करने के लिए एक दिन का समय दिया गया है। यानी बिना किसी भवन मंजूरी के दफ्तर बना और चल रहा है।
- दफ्तर में किसी तरह की फायर सेफ्टी और इलेक्ट्रिकट सेफ्टी नहीं पाई गई।
- परिवहन संचालन के साथ ही नियमविरूद्ध कार्गो संचालन भी पाया गया।
- बसों के संचालन के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या हो रही है।
यह हैं हंस के मालिक
हंस ट्रेवल्स संचालकों ने प्राइवेट कंपनी बनाई हुई है जो ग्वालियर में रजिस्टर्ड है। कंपनी के 4 प्रमोटर हैं अरुण कुमार गुप्ता, टीना गुप्ता, तरुण गुप्ता, प्रिया गुप्ता है। पहले भी हंस को कई बार चेतावनी दी गई, लेकिन हर बार उसने कोई ना कोई दबाव बनाकर कार्रवाई रूकवा दी और बसों का संचालन तुकोगंज में ढक्कन वाला कुआं से जारी रखा। अब दफ्तर सील हुआ है
बुधवार को पुलिसकर्मी को पीटा
इसके पहले बुधवार को ढक्कन वाला कुएं पर हंस ट्रेवल्स के ऑफिस के बाहर खड़ी बस को हटाने की बात पर एडीशनल डीसीपी जोन 2 में पदस्थ पुलिसकर्मी रामबाबू की बुरी तरह से पिटाई कर दी गई। पुलिसकर्मी को सड़क पर दौड़ाते हुए ड्राइवर, क्लीनर और अन्य कर्मचारियों ने बुरी तरह से पिटा।
पुलिस ने इस मामले में मोहम्मद अकरम, कुलदीप जयसवाल, नीरज राठौर, आशिफ व अन्य साथी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। गुरुवार सुबह बड़ी संख्या में पुलिस बल और प्रशासन की टीम हंस ट्रेवल्स के ऑफिस पर पहुंची और कार्रवाई की।
पुलिसकर्मी ने उठाया था ट्रैफिक जाम का मुद्दा
रामबाबू ने पुलिस शिकायत में बताया कि वह बुधवार दोपहर अपनी बाइक से गीता भवन होते हुए ढक्कन वाले कुएं की तरफ जा रहे थे। इस दौरान गीता भवन पर मुड़े तो हंस ट्रेवल्स के ऑफिस के पास बस नंबर AR11F0800 रोड पर खड़ी थी। इस दौरान रोड़ पर जाम लगा था।
बस ड्राइवर को बस साइड में करने के लिए कहा तो क्लीनर नीरज ने अपशब्द कहे। अपनी मर्जी से जहां मन करेगा बस खड़ी करने की बात कही। कुछ देर बहस हुई तो साथियों को आवाज देकर बुलाया। जो डंडे ओर लाठियां लेकर पहुंचे। उन्होंने रामबाबू के साथ मारपीट कर दी। इस दौरान डंडे से सिर पर मारा। सड़क पर लात घुसों से मारपीट की। पुलिसकर्मी के आंख, सिर, चेहरे, सीने और पीठ में चोट आई।
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