INDORE. शहर के 150 साल पुरानी ऐतिहासिक धरोहर किंग एडवर्ड मेडिकल बिल्डिंग में रविवार को हुई भूतिया हैलोवीन पार्टी जमकर खबरों में हैं। इस बिल्डिंग के अंदर पार्टी के बाद कांच की फूटी बोतले मिली और दीवारों पर भूतिया ओ स्त्री कल आना जैसे कई स्लोगन लिखे मिले। इसे लेकर जमकर बवाल मच रहा है। लेकिन द सूत्र इसमें चौंकाने वाले दो बड़े खुलासे कर रहा है।
पहला बड़ा खुलासा- शहर के हाईप्रोफाइल लोग शामिल
पहला बड़ा खुलासा यह है कि यह पार्टी जैन सोशल ग्रुप ने की थी। इसमें अभिषेक जैन ने मंजूरी मांगी थी, लेकिन यह केवल चेहरा भर है। इसमें पूर्व मंत्री व विधायक के बेटे के साथ ही कई बिल्डर्स के भाई, बेटे, रिश्तेदार और उद्योगपतियों के रिश्तेदार भी शामिल थे। करीब सौ युवा इस पार्टी में हिस्सा बने थे, जो अब छिपते-फिर रहे हैं। ग्रुप ने यह मंजूरी भी पार्टी के लिए नहीं बल्कि एतिहासिक धरोहर का दौरा करने के नाम पर ली थी। बताया गया कि डीन डॉ. संजय दीक्षित ने यह मंजूरी भी मौखिक ही जारी की थी। वह भी केवल 20 लोगों की अनौपचारिक मंजूरी थी।
दूसरा खुलासा- डीन के बंगले पर हुआ खाना-पीना
अब इसमें एक और चौंकाने वाली बात यह है कि इस ऐतिहासिक बिल्डिंग में मुख्य तौर पर जो टॉस्क गेम हुए वो भूतिया थे। इसमें टास्क करने वालों को डराया गया। बिल्डिंग के अंदर खाना-पीना जो हुआ वो तो हुआ ही,. लेकिन मुख्य डिनर तो खुद डीन डॉ. संजय दीक्षित के बंगले पर हुआ। डीन के सरकारी बंगले पर सभी आयोजक व जैन सोशल ग्रुप के लोग गए। वहीं पर हाईप्रोफाइल डिनर का आयोजन किया गया। वहां भोजन बना और वहीं पर देर रात तक खाना-पीना किया गया।
क्या बोल रहे हैं डीन
द सूत्र ने इस मामले में डीन से बात की तो उन्होंने कहा कि भोजन वाली बात अपनी जगह है, लेकिन बिल्डिंग में यदि कुछ हुआ है तो हम नोटिस दे रहे हैं। उनके जवाब आने के बाद जो उचित लगेगा कार्रवाई की जाएगी। वहां पार्टी करने की कोई मंजूरी जैन सोशल ग्रुप को नहीं दी गई थी।
मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन विरोध में उतरा
इस मामले में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (एमटीए) विरोध में उतर आया है। उन्होंने मंगलवार को इसकी जानकारी आने पर डीन को ज्ञापन देकर विरोध जताया और साथ ही बिल्डिंग में गंगाजल छिड़क कर उसे शुद्ध किया। एसोसिएशन के पदाधिकारी डॉ. अशोक ठाकुर और राहुल रोकड़े ने कहा कि हमें पार्टी की बात पता चलती तो हम आयोजन ही नहीं होने देते। इस तरह के आयोजन के लिए आयोजकों पर केस दर्ज होना चाहिए। हेरिटेज बिल्डिंग का उपयोग करने की मंजूरी किसी को नहीं है। विरोध में डॉ. सुमित शुक्ला, डॉ. दिव्या मेनन व अन्य लोग भी थे।
इनकी भी भूमिका संदिग्ध
बताया जा रहा है कि कॉलेज भवन प्रभारी गोपाल राणे और प्रोफेसर डॉ. अमरजीत सिंह छाबड़ा की भूमिका भी इस आयोजन में है। राणे तो आयोजन के पहले भवन में आते-जाते भी नजर आए, यानी उन्हें इन सभी की जानकारी थी।
इस तरह किया ऐतिहासिक भवन से खिलवाड़
इस ऐतिहासिक बिल्डिंग में कांच की फूटी बोतलें मिली, दीवारों पर स्लोगन लिखे मिले। इस परिसर को हैलोवीन थीम में बदल दिया गया। इसके लिए कंकाल, खून से लथपथ फव्वारे, काले पर्दे, ओ स्त्री कल आना जैसे स्लोगन से सजाया गया।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक