मध्य प्रदेश के सीधी जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा एक बार फिर सामने आई है। दरअसल यहां अस्पताल से जुड़े ताजा मामले में एक गर्भवती महिला को समय पर एंबुलेंस न मिलने के कारण उसके परिवार वालों को उसे ठेले पर अस्पताल ले जाना पड़ा, जहां रास्ते में ही उसकी डिलीवरी हो गई और नवजात की मौत हो गई। कोटाहा निवासी उर्मिला रजक की प्रसव पीड़ा के दौरान परिवार ने कई बार एंबुलेंस के लिए कॉल किया, लेकिन घंटों इंतजार के बावजूद एंबुलेंस नहीं आई। मजबूरी में परिवार ने महिला को ठेले पर लादकर अस्पताल पहुंचाने का प्रयास किया।
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किसी ने नहीं की सहायता
अस्पताल पहुंचने पर परिजनों ने शिकायत की कि वहां न कोई डॉक्टर और नर्स उनकी सहायता के लिए मौजूद थे। महिला को खुद स्ट्रेचर पर अस्पताल ले जाना पड़ा, जबकि आपातकालीन ड्यूटी पर कई डॉक्टर और नर्स उपस्थित थे।
परिजनों ने लगाए ये आरोप
परिजनों ने आरोप लगाया कि उन्होंने 108 एंबुलेंस सेवा को बार-बार कॉल किया, लेकिन उन्हें एंबुलेंस नहीं मिल सकी। इसके बाद परिजन ठेले पर महिला को अस्पताल ले गए, जहां जाते समय बीच रास्ते में ही उसका प्रसव हो गया और नवजात की मौत हो गई। महिला की हालत फिलहाल गंभीर है और अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।
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'24 घंटे पहले ही नवजात की हो गई थी मौत'
सिविल सर्जन दीपरानी इसरानी ने बताया कि अस्पताल पहुंचते ही कर्मचारियों ने महिला की स्वास्थ्य जांच की। इसमें सामने आया कि बच्चे की मौत 24 घंटे पहले ही गर्भ में ही हो गई थी। परिवार एक संकरी गली में रहता है और उन्हें एम्बुलेंस के लिए मुख्य सड़क पर आना पड़ा। हालांकि एंबुलेंस देर से पहुंची थी। जिला प्रशासन का एंबुलेंस बुकिंग संबंधी प्रणाली पर कोई सीधा नियंत्रण नहीं है। वहीं अतिरिक्त जिलाधिकारी अंशुमान राज ने बताया, हमने चिकित्सकों और एंबुलेंस चालक से बात की है। महिला के परिवार द्वारा केंद्रीकृत कॉल सेंटर पर कॉल करने के करीब 25 मिनट बाद एंबुलेंस पहुंची। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
MP कांग्रेस ने सरकार को घेरा
सीधी जिले में घटी इस घटना को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस ने भी X पर ट्वीट कर राज्य की मोहन सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने लिखा, कुछ तो शर्म करो सरकार, एक घंटे तक एंबुलेंस को कॉल करता रहा परिवार !! ठेले में डिलीवरी और नवजात की मौत, यह हालात उस सीधी जिले के हैं, जिसके पड़ोसी जिले रीवा से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और उप मुख्यमंत्री आते हैं।
कुछ तो शर्म करो सरकार,
— MP Congress (@INCMP) November 4, 2024
एक घंटे तक एंबुलेंस को कॉल करता रहा परिवार !!
ठेले में डिलेवरी और नवजात की मौत, यह हालात उस सीधी जिले के हैं, जिसके पड़ोसी जिले रीवा से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और उप मुख्यमंत्री आते हैं।
प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के दावे केवल कागजी है!… pic.twitter.com/8uAcgxwaJt
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