नर्सिंग कॉलेज मान्यता फर्जीवाड़े मामले पर हुई हाईकोर्ट में सुनवाई

बुधवार 28 अगस्त को एक साथ कुल 27 याचिकाओं पर सुनवाई हुई, जिसमें इस मामले के व्हिसल ब्लोअर और अधिवक्ता, लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल द्वारा दाखिल जनहित याचिका शामिल थी।

Advertisment
author-image
Neel Tiwari
New Update
 STYLESHEET THESOOTR - 2024-08-28T190032.163
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में नर्सिंग मान्यता फर्जीवाड़े के मामले की सुनवाई आज जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की विशेष पीठ में की गई। बुधवार 28 अगस्त को एक साथ कुल 27 याचिकाओं पर सुनवाई हुई, इसमें व्हिसल ब्लोअर और अधिवक्ता, लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका भी शामिल थी। सुनवाई के बाद सत्र 2023-24 के लिए नर्सिंग कॉलेज की मान्यता पर संकट, इंडियन नर्सिंग काउंसिल को हाईकोर्ट ने लिखित जवाब पेश करने का आदेश दिया है।

दो मेडिकल यूनिवर्सिटी को नहीं मिली थी मान्यता

पीपुल्स यूनिवर्सिटी भोपाल और अरविंदो मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा सत्र 2023-24 की मान्यता के लिए दायर याचिका पर भी सुनवाई हुई। इन निजी विश्वविद्यालयों ने अदालत से आग्रह किया कि वे सत्र 2023-24 के लिए मान्यता प्राप्त कर सकें, क्योंकि चल रहे कोर्ट केस और सीबीआई जांच के कारण उन्हें अब तक मान्यता प्रदान नहीं की गई है। विश्वविद्यालयों ने दावा किया कि इस स्थिति के कारण उन्हें आर्थिक और शैक्षणिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, इसलिए उन्हें सत्र 2023-24 के लिए मान्यता प्रदान की जानी चाहिए।

नहीं बढ़ेगी मान्यता के लिए कट ऑफ की तारीख

याचिकाकर्ताओं ने अदालत को सूचित किया कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) द्वारा सत्र 2023-24 के लिए प्रवेश प्रक्रिया की कट-ऑफ़ तिथि पहले ही समाप्त हो चुकी है। इसके साथ ही, सत्र 2024-25 की मान्यता प्रक्रिया सितंबर माह में ही पूरी की जानी है। इन विश्वविद्यालयों ने बगैर मान्यता प्राप्त किए सत्र 2023-24 में अवैध रूप से छात्रों को प्रवेश दिया है। ऐसी स्थिति में, उन्हें 2023-24 में प्रवेश की अनुमति देना नियमों के खिलाफ होगा।

पिछली सुनवाई में मांगा था नर्सिंग काउंसिल से जवाब

हाइकोर्ट ने पिछली सुनवाई में इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC) को सभी मामलों में पक्षकार बनाने का निर्देश दिया था और यह भी पूछा था कि क्या सत्र 2023-24 की प्रवेश की कट-ऑफ़ तिथि बढ़ाई जा सकती है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में यह भी पूछा था कि यदि दो सत्र के छात्रों को समायोजित कर दिया जाता है तो क्या कॉलेज के पास इस तरह के भौतिक संसाधन और इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है ।आज की सुनवाई में इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने मौखिक रूप से अदालत को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व के निर्णयों और सत्र 2024-25 की मान्यता प्रक्रिया के शुरू होने के कारण सत्र 2023-24 के लिए प्रवेश की कट-ऑफ़ तिथि को बढ़ाया नहीं जा सकता है।

अगली सुनवाई में लिखित जवाब देगा इंडियन नर्सिंग काउंसिल

जबलपुर हाईकोर्ट में जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की युगल पीठ ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल ( INC) को अपने मौखिक बयान को लिखित में पेश करने का निर्देश दिया है। 5 सितंबर को होने वाली मामले की आगे की सुनवाई में अदालत के निर्देशों और आईएनसी के जवाब का महत्व बढ़ गया है, क्योंकि इससे सत्र 2023-24 के लिए मान्यता और प्रवेश की प्रक्रिया पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

जबलपुर हाईकोर्ट नर्सिंग कॉलेज मान्यता इंडियन नर्सिंग काउंसिल जस्टिस संजय द्विवेदी जस्टिस अचल कुमार पालीवाल पीपुल्स यूनिवर्सिटी भोपाल