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इंदौर के पास पातालपानी–कालाकुंड के बीच चलाई जाने वाली हेरिटेज ट्रेन शनिवार से दोबारा शुरू हो गई है। इसे गर्मी के मौसम में बंद कर दिया गया था। यात्री मानसून सीजन के शुरू होने के समय से ही इसके चलाए जाने का इंतजार कर रहे थे। उनका इंतजार अब खतम हो चुका है। अब बारिश शुरू हुई है तो इसे लगभग चार महीने तक के लिए चलाया जाएगा। पहले ही दिन ट्रेन पूरी तरह से फुल रही।
सिर्फ शनिवार और रविवार को ही चला रहे
महू के पातालपानी से कालाकुंड के बीच हेरिटेज ट्रेन का संचालन शनिवार से फिर शुरू हो गया है। रिमझिम बारिश के बीच पारदर्शी कोच से वादियों और झरनों का नजारा देखते हुए यात्रियों ने पहले दिन का सफर पूरा किया। यह ट्रेन फिलहाल सिर्फ शनिवार और रविवार को ही चलाई जा रही है। यात्रियों का कहना है कि अगर यह ट्रेन मानसून सीजन में पहले शुरू की जाती तो और भी अच्छा होता। रविवार को भी रवाना होने वाली ट्रेन के लिए पहले से ही सीट फुल हो चुकी थी।
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हरी–भरी वादियाें के बीच ये हैं स्टेशन
शनिवार को जब ट्रेन का सफर शुरू हुआ तो यात्रियों में इस रोमांचक सफर से उत्साह भर गया। सबसे पहले पातालपानी झरने पर यह पंद्रह मिनट के लिए रुकी। यहां यात्रियों ने झरने को देखा और खान-पान के स्टाॅलों पर जाकर नाश्ता भी किया। कुछ यात्री पातालपानी स्टेशन से ही ट्रेन में सवार हुए।
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11 बजे से हुई सफर की शुरुआत
इस ट्रेन का समय सुबह 11.05 बजे पातालपानी रेलवे स्टेशन से शुरू होकर दोपहर 1.05 बजे कालाकुंड पहुंचने का है। वापसी यात्रा दोपहर 3.30 बजे कालाकुंड से शुरू होकर शाम 4.30 बजे पातालपानी पहुंचने की है। ट्रेन का पहला स्टॉप पातालपानी वॉटरफॉल रहा। यहां ट्रेन रुकते ही यात्रियों में उत्साह देखने को मिला। बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों ने रिमझिम बारिश के बीच मौसम का आनंद लिया।
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टनल-वादियों का सफर कराती है ट्रेन
महू रेलवे जोन के पातालपानी रेलवे स्टेशन से हेरिटेज ट्रेन का सफर शुरू होता है। इसमें सैलानी पातालपानी से कालाकुंड तक विंध्याचल की वादियों का लुत्फ उठाते हैं। इसमें पातालपानी स्टेशन, पातालपानी वाटरफॉल, वैली ब्रिज, कालाकुंड शामिल है। यह ट्रेन मार्ग में चार टनल से होकर भी गुजरती है, जो इसके सफर के रोमांच को दोगुना कर देता है। इसके बाद ट्रेन झरने, हरी भरी वादियों, सुरंगों के बीच से होकर कालाकुंड तक गई। यहां ट्रेन करीब दो घंटे रुकी। ट्रेन में सवार यात्रियों ने ग्रामीणों द्वारा तैयार किए गए देसी व्यंजनों का भी लुत्फ उठाया।
कई खूबसूरत स्पॉट पर रुकती है ट्रेन
सफर में ट्रेन कई प्रमुख स्पॉट पर ठहरती है। इससे सैलानी ट्रेन से बाहर आकर प्राकृतिक नजारों को निहार सके। ट्रेन शुरू होने के पहले पातालपानी, टंट्याभील व्यू पाइंट, कालाकुंड स्टेशन सहित मार्ग के घने जंगल और अन्य पाइंट को भी बेहतर कर दिया गया है।
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चेयरकार का 20 और विस्टाडोम कोच का 265 रु. किराया
इस ट्रेन में दो विस्टाडोम कोच और तीन नॉन एसी चेयर कार कोच है। विस्टाडोम कोच का एक ओर का किराया 265 रुपए है, जबकि नॉन एसी चेयर कार का किराया 20 रुपए प्रति सवारी तय किया गया है।
10 किलोमीटर का सफर तय करती है ट्रेन
यह ट्रेन पातालपानी से कालाकुंड के बीच 10 किलोमीटर के हिस्से में चलती है। रेलवे की वेबसाइट पर 24 अगस्त तक इस ट्रेन की बुकिंग पूरी तरह से भर चुकी है। इस कारण अन्य यात्रियों में निराशा देखी जा रही है। यात्रियों की मांग है कि इस ट्रेन को हफ्ते में सिर्फ दो दिन नहीं बल्कि पूरे हफ्ते चलाया जाए।
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कोविड के पहले शुरू हुई थी ट्रेन
इस हेरिट्रेज ट्रेन का संचालन 25 दिसंबर 2018 से शुरू किया गया था। बारिश और ठंड के सीजन में इस ट्रेन को यात्रियों का अच्छा प्रतिसाद मिलता है। कोविड काल को छोड़कर हर साल इसका संचालन किया जाता रहा है।