16 साल बाद भी दर-दर भटक रही AIR की प्रोजेक्ट एग्जीक्यूटिव

मध्यप्रदेश के ऑल इंडिया रेडियो की प्रोग्राम एग्जीक्यूटिव महिला अधिकारी अरुणेंद्र चौरसिया पर 2008 में 800 रुपए रिश्वत लेने का आरोप था। जिसमें CBI ने कार्यवाही करके पहले माइक्रो कैसेट में आरोपी की रिश्वत मांगने की बात को रिकॉर्ड भी किया था...

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Neel Tiwari
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जहां लाखों करोड़ों का घोटाला करने के बाद बच निकलते हैं अधिकारी AIR शहडोल की प्रोजेक्ट एग्जीक्यूटिव महिला अधिकारी अरुणेंद्र चौरसिया पर लोकगीत गायिका ललिता कुशवाहा से 800 रुपए की रिश्वत लेने का मामला उजागर हुआ। जिसमें पीड़िता ने CBI से शिकायत कर रिश्वत मांगे जाने की बात कही। CBI ने मामले की जांच कर रिश्वत मांगने का आरोप सही पाया और आरोपी महिला अधिकारी पर भ्रष्टाचार करने का मामला दर्ज कर लिया गया। 800 रुपए की रिश्वत का आरोप महिला अधिकारी के गले की हड्डी बन गया जो आज 16 साल बाद सुलझ नहीं पाया है। आरोपी ने हाई कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई है।

ऑल इंडिया रेडियो की प्रोजेक्ट एग्जीक्यूटिव का 16 साल पुराना मामला

ऑल इंडिया रेडियो की प्रोग्राम एग्जीक्यूटिव महिला अधिकारी अरुणेंद्र चौरसिया पर 2008 में 800 रुपए रिश्वत लेने का आरोप था। जिसमें CBI ने कार्यवाही करके पहले माइक्रो कैसेट में आरोपी की रिश्वत मांगने की बात को रिकॉर्ड भी किया गया। उसके बाद फिनाफ्थलीन पाउडर लगे हुए नोट शिकायतकर्ता को दिए थे। जो शिकायतकर्ता ने आरोपी महिला अधिकारी को दिए बाद में CBI की टीम ने मौके पर पहुंचकर जब सोडियम कार्बोनेट के पानी में महिला अधिकारी के हाथ डाले तो पानी का रंग गुलाबी हो गया जिससे रिश्वत लेने की बात सही साबित हुई थी। साथ ही महिला अधिकारी के दराज से उसी सीरीज के नोट बरामद हुए जो सीबीआई ने शिकायतकर्ता को रिश्वत के तौर पर देने के लिए दिए थे।

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बढ़ी हुई राशि के भुगतान के लिए मांगी थी रिश्वत

पूरा मामला लोक गीत गायिका से 800 रुपए की रिश्वत कार्य के लिए दी जाने वाली राशि को बढ़ी हुई दरों पर भुगतान करने के लिए मांगे जाने का है। दरअसल साल 2008 में 22 सितंबर से पहले कलाकारों को लोकगीत की रिकॉर्डिंग के लिए ग्रुप लीडर को 750 रुपए दिए जाते थे जिसे बाद में बढ़ाकर 1015 रुपए कर दिया और साथी कलाकारों को जो 200 रुपए दिए जाते थे उसे भी बढ़ाकर 300 रुपए कर दिया। इन्हीं बढ़ी हुई दरों पर भुगतान के लिए शिकायतकर्ता लोकगायिका से आरोपी महिला अधिकारी के द्वारा मांग की गई कि पूर्व में जो 2800 रुपए का भुगतान हुआ है। उन रुपयों में से 800 रुपए मुझे देने होंगे उसके बाद ही तुम्हारा बकाया भुगतान किया जाएगा और साथ ही आने वाले कार्यक्रमों में नई दरों के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। इसके बाद लोकगायिका के द्वारा सीबीआई में शिकायत की गई थी और आरोपी अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ा गया था।

आरोपी अधिकारी ने लगाए सहकर्मियों पर आरोप

आरोपी महिला अधिकारी ने बताया है कि उसे शिकायतकर्ता और सहकर्मियों के द्वारा झूठे आरोप में फंसाया जा रहा है क्योंकि सहकर्मियों ने नियम विरुद्ध काम करके महिला लोकगीत गायिका ललिता कुशवाहा को काम देकर आर्थिक लाभ पहुंचा रहे थे। जिसका विरोध आरोपी महिला अधिकारी के द्वारा किया गया। जिसमें उसने इसकी शिकायत अपने उच्च अधिकारियों से की इससे सहकर्मियों के विरुद्ध विभागीय जांच शुरू हो गई थी। इस जांच में हुए अपमान का बदला लेने के लिए सहकर्मियों और शिकायतकर्ता के द्वारा झूठे आरोप में मुझे फंसाया गया।

सीबीआई कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती

मामले में CBI जबलपुर के विशेष न्यायाधीश एके शर्मा ने जनवरी 15 में एक फैसला देते हुए आरोपी महिला अधिकारी अरुणेंद्र चौरसिया को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 मे 2 वर्ष का सश्रम कारावास और 5000 रुपए का अर्थदंड से दंडित करने का आदेश दिया था। इसमें आरोपी द्वारा मार्च 2024 में अपने रिटायरमेंट के बाद फैसले के विरुद्ध हाईकोर्ट में अपील की गई है। अब हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के बाद ही पता चलेगा की CBI के फैसले को बदला जाएगा या नहीं, लेकिन इस पूरे मामले में एक बात तो सिद्ध होती है यदि जिम्मेदार पूरी ईमानदारी से अपना काम करें तो 800 रुपए की रिश्वत लेने में भी अधिकारियों के मन में दहशत पैदा होगी।

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