High Court Order : हाईकोर्ट ने डीपीआई (लोक शिक्षण संचालनालय) को पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद प्रदेश के ऐसे 80 से ज्यादा अभ्यर्थियों में खुशी छाई हुई है। वे खुश इसलिए हैं क्योंकि डीपीआई की हठ के चलते उन्हें पात्रता परीक्षा पास करने के बाद भी लंबा संघर्ष करना पड़ा। से सफल अभ्यर्थी दो साल से नियुक्ति का हक हासिल करने भटक रहे थे। वहीं डीपीआई काउंसलिंग के दौरान आयु सीमा 21 साल से कम होने का हवाला देकर अड़ंगा डाल रहा था। हाईकोर्ट ने नियुक्ति के लिए इन अभ्यर्थियों की आयु सीमा की गणना 1 जनवरी 2024 से कर नियुक्ति पत्र जारी करने आदेशित किया है। सुनवाई के दौरान डीपीआई के वकील की दलील कारगर नहीं रहीं।
नियुक्ति टालने फंसाया था आयुसीमा का पेंच
साल 2020 में लोक शिक्षण संचालनालय ने प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए इश्तहार जारी किया था। लोक शिक्षण और आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा 18 हजार पदों पर नियुक्ति की जानी थी। पात्रता परीक्षा में शामिल होने 18 वर्ष की आयु होना जरूरी था। वहीं काउंसलिंग के दौरान सफल अभ्यर्थी की उम 21 वर्ष होना निर्धारित किया था। पात्रता परीक्षा में 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले करीब अभ्यर्थी सफल रहे। वहीं डीपीआई को काउंसलिंग से लेकर नियुक्ति प्रक्रिया में तीन साल लग गए। पात्रता परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को 2023 में नियुक्ति जारी किए गए। लेकिन करीब 80 अभ्यर्थियों को छोड़ दिया गया। जब वे आदेश लेने पहुंचे तो आयु सीमा की गणना 1 जनवरी 2022 की स्थिति में करते हुए कुछ महीने कम होने का हवाला देकर बाहर कर दिया गया। डीपीआई ने नियुक्ति प्रक्रिया में तीन साल की देरी लगाई लेकिन सफल उम्मीदवारों की आयु की गणना 2022 की स्थिति में कर रहा था। कई बार चक्कर काटने के बाद भी सुनवाई न होने पर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी।
हाईकोर्ट ने पहले भी दिया था अंतरिम आदेश
अभ्यर्थियों की ओर से हाईकोर्ट डीपीआई की प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए जारी निर्देशिका और नियमों की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी। प्रारंभिक सुनवाई पर हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित कर डीपीआई कमिश्नर को अंतिम निराकरण न होने तक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करने का आदेश दिया था। अभ्यर्थी करीना उइके, अंकिता इरपाचे, जिज्ञासा साहू, रक्षा माली, हरिकेश बिसेन सहित अन्य संबंधित याचिकाओें की गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। डिवीजन बेंच-1 के कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ ने साल 2022 से विचाराधीन 13 याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई की।
आयुसीमा की गणना जनवरी 2023 से करने का आदेश
सुनवाई के दौरान डीपीआई की ओर से वकील द्वारा भर्ती के लिए जारी निर्देशिका और नियमों की दलीलें पेश की गईं। वे निर्देशिका के मुताबिक नियुक्ति के लिए 1 जनवरी 2022 को 21 साल की आयु अनिवार्यता का हवाला देते रहे। जबकि याचिकाकर्ताओं के वकील रामेश्वर सिंह ठाकुर और दिनेश सिंह चौहान ने डीपीआई के भर्ती नियमों की वैधानिकता पर सवाल उठाए। उन्होंने भर्ती के लिए ली गई पात्रता परीक्षा की आयुसीमा 18 वर्ष और नियुक्ति के लिए न्यूनतम 21 साल की आयु होने की अनिवार्यता पर भी आपत्ति दर्ज कराई। डिवीजन बेंच ने पात्रता परीक्षा में सफल रहे याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति पत्र देने का संयुक्त आदेश जारी कर दिया। डीपीआई को इनकी नियुक्ति के लिए अब न्यूनतम आयुसीमा की गणना 1 जनवरी 2024 की स्थिति में करनी होगी।
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