मध्य प्रदेश के पुलिस थानों में लगे कैमरों को लेकर अब उच्च न्यायालय की सख्ती बढ़ गई है। राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) से थानों में लगे कैमरों की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। हाईकोर्ट को यह सुनिश्चित करना है कि सभी थानों में कैमरे न केवल लगे हों, बल्कि वर्किंग कंडीशन में भी हों। इस समीक्षा में यह भी देखा जाएगा कि कितने थानों में अभी कैमरे लगने बाकी हैं। फरवरी में डीजीपी को हाईकोर्ट में कैमरों की स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
कैमरे और ऑडियो रिकॉर्डिंग पर हाईकोर्ट की सख्ती
दरअसल यह मामला अनूपपुर जिले के भालुमाड़ा थाने से जुड़ा है, जहां एक स्थानीय व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने उससे रिश्वत की मांग की थी और रिश्वत नहीं देने पर उसे झूठे मामले में फंसा दिया गया। इसके साथ ही, पुलिस द्वारा थाने में मारपीट करने का भी आरोप लगाया गया था। इस घटना के बाद हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए थाने में लगे कैमरों की स्थिति पर चिंता जताई और इस मामले में थाना प्रभारी सहित अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए। अब हाईकोर्ट ने यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए हैं कि सभी थानों में कैमरे और ऑडियो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था सुचारू रूप से हो।
सभी थानों की हो रही समीक्षा
पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया है कि वे अपने जिलों के सभी थानों का रिव्यू करें और रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजें। इसमें विशेष रूप से यह जानकारी मांगी गई है...
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थानों में कितने कैमरे लगे हैं और उनकी स्थिति क्या है।
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कैमरों की कार्यक्षमता और ऑडियो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था कैसी है।
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कैमरे किस स्थान पर लगे हैं और क्या वे सभी सही स्थिति में हैं।
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जिन थानों में कैमरे नहीं लगे हैं, उनमें कैमरे जल्द से जल्द लगाने की व्यवस्था हो।
बता दें कि फरवरी 2025 में डीजीपी को हाईकोर्ट में कैमरों और उनकी कार्यक्षमता पर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि राज्य भर में सभी थानों में पारदर्शिता और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं।
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