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JABALPUR. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में डीपीआई (डायरेक्टर पब्लिक इंस्ट्रक्शन) को निर्देश दिया है कि वह उन शिक्षकों का रिकॉर्ड प्रस्तुत करें, जिनकी स्नातकोत्तर (Post Graduation) में अंक 50 प्रतिशत से कम हैं, लेकिन उनकी मार्कशीट में सेकेंड डिवीजन (Second Division) दर्ज है। साथ ही हाईकोर्ट ने डीपीआई को 10 दिनों का समय देते हुए स्पष्ट किया है कि ऐसा नहीं करने पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
जानें क्या है पूरा मामला
अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, वृंदावन तिवारी और विनायक प्रसाद ने बताया कि शिक्षकों की नियुक्तियों में अनियमितताओं को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि करीब 1 हजार 700 ऐसे शिक्षक हैं, जिनके स्नातकोत्तर में 50 प्रतिशत से कम अंक होने के बावजूद उनकी मार्कशीट में "सेकेंड डिवीजन" लिखा है, इसलिए उन्हें नियुक्ति दी गई। दूसरी ओर कई अभ्यर्थी जिनके 49.9% अंक हैं और उनकी मार्कशीट में "थर्ड डिवीजन" दर्ज है, उन्हें डीपीआई ने नियुक्ति देने से इनकार कर दिया।
नौ बार दिया मौका, मगर…
हाईकोर्ट ने 23 सितंबर 2023 को अंतरिम आदेश जारी कर डीपीआई (लोक शिक्षण संचालनालय) को इस संबंध में रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। इसके बाद नौ बार अलग-अलग तारीखों 23.9.2023, 27.10.2023, 09.01.2024, 03.05.2024, 22.07.2024, 27.8.2024, 24.09.2024, 24.10.2024) पर रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का मौका दिया गया, लेकिन अब तक डीपीआई द्वारा जानकारी जमा नहीं की गई है।
शासन के नियमों पर सवाल
मध्य प्रदेश शासन के अनुसार, शिक्षक नियुक्ति के लिए संबंधित विषय में "द्वितीय श्रेणी" (Second Division) अनिवार्य है, जबकि एनसीटीई (NCTE) के नियम के मुताबिक, संबंधित विषय में स्नातकोत्तर में न्यूनतम 50% अंक होने चाहिए। इस असंगतता को लेकर हाईकोर्ट में शासन के नियमों को संवैधानिकता की कसौटी पर परखा जा रहा है।
हाईकोर्ट की सख्त चेतावनी
मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत (Chief Justice Suresh Kumar Kait ) और जस्टिस विवेक जैन (Justice Vivek Jain) की डबल बेंच ने डीपीआई की निष्क्रियता को गंभीरता से लेते हुए आखिरी बार 10 दिनों का समय दिया है। यदि 10 दिन में रिकॉर्ड समय पर दाखिल नहीं किया गया, तो 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। याचिकाओं की अगली सुनवाई 16 दिसंबर 2024 को होगी।
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