उच्च शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर उठे सवाल: अतिथि विद्वानों की भर्ती प्रक्रिया में बार-बार बदलाव से बढ़ी परेशानियां

मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग की कार्यशैली से अतिथि विद्वान परेशान हैं। विभाग ने चॉइस फिलिंग प्रक्रिया के लिए दो बार नोटिफिकेशन जारी किया। दोनों बार नोटिफिकेशन रद्द कर दिए गए।

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Ramanand Tiwari
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BHOPAL. मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग की कथनी और करनी में फर्क से पंजीकृत अतिथि विद्वान गहरी परेशानी में हैं। विभाग की कार्यशैली पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि उसने चॉइस फिलिंग प्रक्रिया के लिए दो बार नोटिफिकेशन जारी किए और दोनों बार उसे रद्द भी कर दिया।

दो नोटिफिकेशन और दोनों निरस्त

विभाग ने वर्ष 2023 से अब तक अतिथि विद्वानों की नई भर्ती शुरू नहीं की है। इस दौरान दो बार भर्ती कैलेंडर जारी कर निरस्त किया गया। पहला नोटिफिकेशन 2 सितंबर और दूसरा 19 अक्टूबर को जारी हुआ, लेकिन दोनों को ही बाद में रद्द कर दिया गया। इस वजह से न केवल प्रक्रिया रुकी रही बल्कि उम्मीदवारों में भी गहरा असंतोष फैल गया।

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विभाग ने अपनी ही नियमावली को तोड़ा

2023 की नियमावली के अनुसार, एक शैक्षणिक सत्र में अतिथि विद्वानों का स्थानांतरण केवल एक बार किया जा सकता है। साथ ही, फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों को भी एक ही बार चॉइस फिलिंग का अवसर देने का प्रावधान है। लेकिन विभाग ने अपनी ही गाइडलाइन को नजरअंदाज करते हुए, महीने में दो बार फॉलेन आउट प्रक्रिया चलाकर विद्वानों को नई जॉइनिंग के मौके दे दिए।

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सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति से बढ़ा असंतोष

उच्च शिक्षा विभाग ने 2022 बैच के सहायक प्राध्यापकों की भर्ती की जॉइनिंग शुरू कर दी है। इस कदम से पहले से कार्यरत कई अतिथि विद्वान फॉलेन आउट सूची में चले गए हैं। शासन के नए निर्देशों के कारण अब हर माह दो बार चॉइस फिलिंग और स्थान परिवर्तन का मौका दिया जा रहा है। यह स्थिति न केवल अस्थिरता बढ़ा रही है, बल्कि पहले से चयनित अतिथि विद्वानों के भविष्य को भी अनिश्चित बना रही है।

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निर्णयों में असमंजस से प्रभावित हो रहे नए आवेदक

विभाग के बार-बार बदलते फैसलों ने 2023 और 2024 में पंजीकृत एवं सत्यापित अतिथि विद्वानों की उम्मीदों पर असर डाला है। कई आवेदकों का कहना है कि विभाग खुद अपने ही निर्णयों को लेकर असमंजस में है। नियमों में निरंतर बदलाव और अधूरी प्रक्रियाओं ने भर्ती व्यवस्था की पारदर्शिता पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है।उच्च शिक्षा विभाग की असंगत नीतियां और अस्थिर निर्णय भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा है। पंजीकृत अतिथि शिक्षकों ने बताया कि उच्च शिक्षा मंत्री स्टाफ में पदस्थअधिकारियों ने विचार कर चॉइस फिलिंग प्रक्रिया शुरू करने का आश्वाशन दिया गया है।

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उच्च शिक्षा आयुक्त का मोबाइल स्विच ऑफ

इस मामले को लेकर जब द सूत्र ने मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा आयुक्त आईएएस प्रबल सिपाहा को कॉल किया तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ पाया। जैसे ही उनकी तरफ से कोई भी जवाब आता है, हम उससे आपको जरूर अपडेट करेंगे।

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