मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स अब तकनीकि रूप से और भी हाईटेक बनने जा रहा है। यूरोलॉजी और ऑर्थोपेडिक मरीजों के जटिल ऑपरेशन के लिए एम्स प्रबंधन 60 करोड़ की लागत से दो रोबोट खरीदने जा रहा है। ये रोबोट बिना अटेंडरों के आने वाले मरीजों, ऑर्थोपेडिक और यूरोलॉजी विभाग से जुड़े मरीजों के ऑपरेशन में मदद करेंगे।
मरीजों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी
एम्स संस्थान के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने बताया कि ऑर्थोपेडिक और यूरोलॉजी मरीजों के ऑपरेशनों के लिए 60 करोड़ रुपए से दो नए रोबोट लाए जा रहे हैं। इसके बाद इन दोनों विभागों के इलाज की गुणवत्ता और बढ़ेगी, वहीं एम्स भोपाल में मरीजों को विश्वस्तरीय इलाज की सुविधाएं मिलने के लिए अस्पताल में लगातार नई तकनीक लाई जा रही हैं। इन नई तकनीक की सहायता से सतना और विदिशा मेडिकल कॉलेज के मरीजों का इलाज भी एम्स भोपाल में ही किया जा रहा है।
50 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से जुड़ा एम्स
भोपाल एम्स के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने बताया कि एम्स में बढ़ती सुविधाओं का ये नतीजा है कि एक साल में 10 लाख 50 हजार मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आए हैं। एम्स अब ई-कंसलटेंसी की सहायता से मध्यप्रदेश के 50 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से जुड़ गया है। इन सेंटरों के माध्यम से इलाज के लिए एम्स और संबंधित सेंटर के डॉक्टर एक दूसरे से बात कर सकते हैं। इतना ही नहीं टेली आईसीयू के जरिए सतना-विदिशा के मेडिकल कॉलेज के मरीजों का भी एम्स के डॉक्टर इलाज करा रहे हैं।
मरीजों की सुविधा के लिए एम्स ने मोबाइल नंबर किए जारी
200 वर्चुअल बेड के साथ एम्स भोपाल का संचालित किया जा रहा है। इससे जुड़ने के लिए उत्तर प्रदेश के अस्पताल भी तैयार हैं। एम्स प्रबंधन ने मरीजों की सुविधा के लिए मोबाइल नंबर भी जारी किए हैं। मरीज को इलाज में परेशानी आने पर वह 7773010099 और 9582559721 पर कॉल या व्हाट्सएप के माध्यम से शिकायत कर सकते हैं।
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