देश में दिवाली को लेकर काफी असमंजस की स्थिति है। कुछ विद्वान-ज्योतिष दिवाली 31 अक्टूबर तो कुछ 1 नवंबर को मनाने के पक्ष में हैं। हालांकि दिल्ली, मध्यप्रदेश, गुजरात समेत ज्यादातर राज्यों में सरकारी अवकाश 31 अक्टूबर को रहेगा। इस दिन बैंक भी बंद रहेंगे। मध्यप्रदेश की बात करें तो महाकाल नगरी उज्जैन, भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, दतिया, सागर, दमोह, बैतूल समेत 45 जिलों में 31 अक्टूबर को दिवाली मनाने पर आम सहमति है। हालांकि प्रदेश के इंदौर, श्योपुर, भिंड और धार जिले के विद्वान-ज्योतिष 1 नवंबर को दिवाली मनाने के पक्ष में हैं, जबकि 6 अन्य जिलों में अभी इस पर फैसला नहीं हुआ है।
ज्योतिषियों का क्या है तर्क?
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य आनंद शंकर व्यास 31 अक्टूबर को दिवाली मनाने के पक्ष में हैं। उनका कहना है कि 31 अक्टूबर को दोपहर 3:55 बजे से अमावस्या लग जाएगी। यह तिथि 1 नवंबर को शाम 6:15 बजे तक रहेगी। हिंदू धर्म के अनुसार अमावस्या पर रात में लक्ष्मी पूजन करने का रिवाज माना जाता है। ऐसे में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाना श्रेष्ठ है।
इन जिलों में तय नहीं
प्रदेश के कुछ जिलों में 1 नवंबर को दिवाली मनाने की चर्चा है। इंदौर, श्योपुर, भिंड, धार में 1 नवंबर को दीपोत्सव मनाया जा सकता है, जबकि ग्वालियर, गुना, विदिशा, झाबुआ, अलीराजपुर और महू में अभी यह तय नहीं हुआ है।
दिवाली को लेकर राजधानी भोपाल के धर्मगुरु पं. विष्णु राजोरिया ने बताया कि वर्ष 2023 में चतुर्दशी 12 नवंबर को दोपहर 2:45 बजे तक थी। इसके बाद अमावस्या तिथि शुरू हो गई। तब भी अमावस्या होने पर 12 नवंबर की रात को दिवाली मनाई गई थी। इस बार अमावस्या 31 अक्टूबर की पूरी रात रहेगी।
अयोध्या में एक नवंबर को दीपावली
अगर देश में दिवाली की बात करें तो काशी, मथुरा, पुणे, अहमदाबाद, द्वारका, तिरुमाला तिरुपति जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों के विद्वान भी 31 अक्टूबर को दीपोत्सव मनाने के पक्ष में हैं। हालांकि अयोध्या, वृंदावन, रामेश्वरम में एक नवंबर को दीपावली मनाई जा सकती है।
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