हनी सिंह कंसर्ट की मंजूरी बिना फायर एनओसी के जारी, कठघरे में पुलिस और निगम अधिकारी

पुलिस द्वारा जारी की गई कंसर्ट की मंजूरी ही गलत है। कारण यह है कि आयोजन के लिए महापौर की सख्ती के बाद भी नगर निगम से फायर एनओसी जारी नहीं हुई। जिस जगह पर 20 हजार से ज्यादा लोग जमा हो रहे हैं, वहां फायर सिस्टम की एनओसी ही नहीं है,

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Vishwanath Singh
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हनी सिंह के कंसर्ट को लेकर 48 घंटे से चल रहा ड्रामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस पूरे मामले में इंदौर के अधिकारियों की पोल खुल गई है। अधिकारियों की लगातार मंशा रही कि आयोजन किसी भी तरह से हो जाए, भले ही नियम-कायदे ताक पर रखे जाएं और निगम को टैक्स मिले या नहीं, इससे किसी को कोई मतलब नहीं रहा। इस मामले में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने जब सख्त रुख अपनाया, तब जाकर आयोजन के कुछ घंटे पहले निगम ने हनी सिंह को 50 लाख का नोटिस जारी किया। महापौर ने यहां तक अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर टैक्स पूरा नहीं मिला तो सभी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाऊंगा।

आयोजन की मंजूरी ही गलत

पुलिस द्वारा जारी की गई कंसर्ट की मंजूरी ही गलत है। कारण यह है कि आयोजन के लिए महापौर की सख्ती के बाद भी नगर निगम से फायर एनओसी जारी नहीं हुई। जिस जगह पर 20 हजार से ज्यादा लोग जमा हो रहे हैं, वहां फायर सिस्टम की एनओसी ही नहीं है, और फिर भी पुलिस ने देर रात कंसर्ट की मंजूरी जारी कर दी। ऐसे में हजारों लोगों की जान को पुलिस ने ही खतरे में डाल दिया।

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पुलिस कमिश्नर को लिखा पत्र भी काम नहीं आया

महापौर भार्गव ने इस मामले में पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह को 4 मार्च को ही पत्र लिख दिया था, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले यह सुनिश्चित करें कि निगम से सभी एनओसी दी गई हैं या नहीं, उसके बाद ही आयोजन की मंजूरी दी जाए। लेकिन पुलिस तो लगातार आयोजन की तैयारियों में जुटी रही। ट्रैफिक प्लान तक बिना कंसर्ट मंजूरी के ही जारी कर दिया गया। फिर जब कंसर्ट की मंजूरी दी गई, तो यह भी नहीं देखा गया कि फायर एनओसी है या नहीं।

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निगमायुक्त शिवम वर्मा ने भी निर्देशों को रखा ताक पर

इस मामले में महापौर लगातार अधिकारियों को निर्देश देते रहे कि दिलजीत कंसर्ट जैसा मामला दोबारा न हो और निगम की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए पहले टैक्स वसूला जाए। लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। निगमायुक्त शिवम वर्मा द्वारा जो सख्ती आयोजकों पर होनी चाहिए थी, वह नहीं हुई। लता अग्रवाल केवल नोटिस पर नोटिस देकर शांत बैठी रहीं। उन्हें कार्रवाई के लिए ऊपर से कोई निर्देश जारी नहीं हुए।

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महापौर ने आदेश दिए, फिर भी टीम नहीं भेजी

इसके बाद महापौर नाराज हुए और उन्होंने 7 मार्च की दोपहर में निगमायुक्त को साफ कहा कि टीम भेजकर आयोजन की तैयारियां रुकवाएं। लेकिन यह निर्देश भी हवा में उड़ा दिया गया। उलटे अधिकारियों के साथ आयोजकों की सुलह बैठक हो गई और मात्र 7.84 लाख रुपये का टैक्स लेकर मामले को रफा-दफा करने की पूरी कोशिश की गई। जबकि आयोजन 5 करोड़ रुपये से कम का नहीं है, 3 करोड़ से ज्यादा के तो टिकट ही बिक चुके हैं। 

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फिर महापौर बोले - सभी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाऊंगा

इसके बाद महापौर ने 8 मार्च शनिवार को फिर सख्ती दिखाई और साफ कहा कि मुझे निगम के लिए पूरा टैक्स चाहिए, इसके बिना आयोजन नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि "आयोजन 5 करोड़ रुपए से कम का नहीं है, फिर टैक्स इतना कम क्यों? तुरंत नोटिस दीजिए और यदि टैक्स नहीं मिलता, तो आयोजन रुकवाइए।" महापौर ने यहां तक कह दिया कि यदि ऐसा नहीं हुआ, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ मैं निंदा प्रस्ताव पास करूंगा। इसके बाद फिर अधिकारी थोड़े सक्रिय हुए और हनी सिंह को 50 लाख रुपए का टैक्स नोटिस जारी किया गया। लेकिन अभी भी यह राशि निगम को मिलेगी या नहीं, इस पर असमंजस बना हुआ है।

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