भोपाल का प्रतिष्ठित होटल लेक व्यू अशोका अब पर्यटन विभाग की ओर से नए शर्तों पर लीज (lease) पर दिया जाएगा। यह होटल केवल उन फर्मों,एजेंसियों या कंपनियों को लीज पर दिया जाएगा जो होटल संचालन से जुड़ी हों और हर साल विभाग को कम से कम 4 करोड़ रुपए की फिक्स राशि का भुगतान करने के लिए तैयार हों। इसके अलावा, जो कंपनी मुनाफे में अधिक हिस्सेदारी दे सकेगी उसे ही प्राथमिकता दी जाएगी।
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जान लें लीज की शर्तें
लीज की शर्तों में मुनाफे की हिस्सेदारी का भी प्रावधान किया गया है। पर्यटन विभाग के अनुसार, मुनाफे की हिस्सेदारी का प्रतिशत 3 से 5% तक रखा जाएगा। यह टेंडर की शर्तों का हिस्सा होगा। इसका अर्थ यह है कि जो भी कंपनी होटल के संचालन के लिए फिक्स राशि के अलावा अधिक मुनाफे की पेशकश करेगी, उसे होटल का संचालन सौंपा जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, होटल लेक व्यू अशोका की लीज शर्तें आसपास के निजी होटलों के मुनाफे और आर्थिक आंकलन पर आधारित हैं। अधिकारियों का मानना है कि यदि किसी निजी कंपनी द्वारा इस होटल का संचालन किया जाता है और इसे उच्च-श्रेणी के सेवन-स्टार (seven-star) होटल में विकसित किया जाता है, तो इसका टर्नओवर आसपास के होटलों की तुलना में 1.5 गुना बढ़ सकता है। इससे पर्यटन विभाग को भी होटल संचालन में बड़ा लाभ मिल सकेगा।
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10 होटल समूह दिखा चुके हैं रुचि
होटल लेक व्यू अशोका को बेचने या लीज पर देने की प्रक्रिया कुछ साल पहले शुरू हुई थी, जब एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) (Expression of Interest) आमंत्रित किया गया था। तब राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों के 10 बड़े होटल समूहों ने रुचि दिखाई थी। हालांकि, तब प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी थी। अब फिर से यह प्रक्रिया शुरू की जा रही है, लेकिन इसके लिए वित्त विभाग की मंजूरी आवश्यक होगी। मंजूरी मिलने के बाद ही यह प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
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MPT नाम से बेकरी ब्रांड में उतरेगी सरकार
मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग (Madhya Pradesh Tourism Department) अब बेकरी व्यवसाय में भी कदम रखने जा रहा है। इसकी शुरुआत भोपाल के पलाश होटल (Palash Hotel) से की जाएगी, जहां एक बेकरी यूनिट स्थापित की जाएगी। इस बेकरी को ‘एमपीटी’ (MPT) ब्रांड के तहत चलाया जाएगा। विभाग की योजना है कि भोपाल के बड़े ब्रांड्स की गुणवत्ता और कीमत का अध्ययन कर इस ब्रांड को लॉन्च किया जाए। भविष्य में राजधानी में 4-5 और आउटलेट्स खोले जा सकते हैं।
अशोका होटल से मुनाफे में वृद्धि
होटल लेक व्यू अशोका करीब 7.16 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें चार सूइट (suites), 39 डीलक्स रूम (deluxe rooms), स्विमिंग पूल (swimming pool), रेस्तरां (restaurant), और बड़े बैंक्वेट हॉल (banquet hall) शामिल हैं। होटल पिछले कुछ वर्षों से लगातार मुनाफे में चल रहा है। 5 साल पहले इसकी अनुमानित लागत 350 करोड़ रुपए आंकी गई थी, जो अब डेढ़ से दो गुना हो चुकी है। पर्यटन विभाग होटल का संचालन पीपीपी (PPP) मॉडल पर कराना चाहता है, लेकिन मालिकाना हक सरकार का ही रहेगा।
नए प्रस्ताव की स्थिति
टेंडर की शर्तें तैयार कर वित्त विभाग को मंजूरी के लिए भेज दी गई हैं। उम्मीद है कि इस माह के अंत तक मंजूरी मिल जाएगी, ताकि प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा जा सके और प्रक्रिया शुरू की जा सके। फिलहाल, पीपीपी मॉडल को मुफीद माना जा रहा है, और इसके लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) भी बनाई जा चुकी है।
FAQs (in Hindi):
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होटल लेक व्यू अशोका किसे लीज पर दिया जाएगा?
होटल लेक व्यू अशोका केवल उन कंपनियों को लीज पर दिया जाएगा जो होटल संचालन से जुड़ी हों और हर साल 4 करोड़ रुपए की फिक्स राशि देने को तैयार हों। -
होटल लेक व्यू अशोका की लीज की शर्तें क्या हैं?
लीज की शर्तों में हर साल 4 करोड़ रुपए की फिक्स राशि और मुनाफे में 3-5% हिस्सेदारी देना शामिल है। -
एमपीटी ब्रांड के तहत बेकरी व्यवसाय की शुरुआत कहां से हो रही है?
एमपीटी ब्रांड के तहत बेकरी व्यवसाय की शुरुआत भोपाल के पलाश होटल से की जा रही है। -
होटल लेक व्यू अशोका की अनुमानित लागत क्या है?
5 साल पहले होटल की लागत 350 करोड़ आंकी गई थी, जो अब डेढ़ से दो गुना हो चुकी है। -
क्या होटल लेक व्यू अशोका का मालिकाना हक सरकार के पास रहेगा?
हां, पीपीपी मॉडल के तहत संचालन होने के बावजूद होटल का मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा।
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