हनी ट्रैप का जाल : भोपाल । मध्यप्रदेश में हाल के दिनों में हनी ट्रैप ( Honey Trap ) के दो हाईप्रोफाइल मामले सामने आए हैं। पहले केस में बीएचईएल (BHEL) के अफसर के अश्लील वीडियो ( Porn Video )बनाकर उससे 25 लाख रुपए मांगने का आरोप है। इसमें स्क्रैप ठेकेदार ने अधिकारी को होटल में दो महिलाओं से मिलाया था। दूसरा, मामला शिवपुरी जिले का है। करेरा से कांग्रेस के पूर्व विधायक के बेटे को हनी ट्रैप के जाल में फंसाने के षड्यंत्र का पता चला है। इस मामले में मनोविज्ञान क्या कहता है, यह समझने के लिए 'द सूत्र' THE SOOTR ने वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ.सत्यकांत त्रिवेदी ( Dr. Satyakant Trivedi )से बात की। उन्होंने कहा, हनी ट्रैप के मामले व्यक्ति विशेष के व्यक्तित्व की मनोवैज्ञानिक कमियों का फायदा उठाने पर आधारित होते हैं। रोमांटिक या यौन संबंध ( Sexual Relations ) बनाने का लालच देकर कर लाभ उठाना पूरे स्कैम ( Scam )के कोर में होता है।
क्या कहती है साइकोलॉजिकल फैक्टर्स
- 1. विपरीत लिंग से जुड़ने की आसक्ति: कई लोगों को रोमांटिक या भावनात्मक संबंधों की इच्छा होती है। स्कैमर्स आपमें अपनेपन और भावनात्मक रिश्ते का भ्रम पैदा करके लाभ उठाते हैं।
- 2. वैलीडेशन का लालच: स्केमर्स अक्सर ऐसे लोगों को निशाना बनाते हैं, जो इनसिक्योर महसूस कर सकते हैं या वैलिडेशन (मान्यता) की तलाश में हैं। प्रशंसा और चापलूसी से विक्टिम्स को विशेष महसूस करवाकर उनकी आत्म मुग्धता को बढ़ावा देते हैं।
- 3. विश्वसनीय बनने की कला: स्कैमर्स अक्सर वास्तविक लगने वाली बातचीत से शुरू होता है, जो विश्वास पैदा करता है। एक बार विश्वास हो जाए तो स्कैमर्स गिव एंड टेक की रणनीति अपनाते हैं।
- 4. इमोशनल मैनिपुलेशन: स्कैमर्स ऐसी मनगढ़ंत परिस्थिति बनाते हैं, जो सहानुभूति का रवैया पैदा करती है। पीड़ित को जल्दबाजी में निर्णय लेने या पैसे देने के लिए बाध्य किया जाता है।
कानून की मदद लेने से हिचकें नहीं
डॉ.सत्यकांत त्रिवेदी ( Dr. Satyakant Trivedi ) कहते हैं, घोटालेबाज विभिन्न पूर्वाग्रहों का लाभ उठाते हैं। जैसे अभी देते जाओ, शायद कल सब ठीक हो जाए। कई बार ये भी सोचना कि इतना लॉस हो चुका थोड़ा और सही। इन सब मामलों में जागरूकता और विवेक ही एक मात्र विकल्प है। कई बार हमारे पास ट्रेप्ड व्यक्ति हताशा, कुंठा और आत्महत्या तक के विचार लिए हुए आते हैं। परेशानी बढ़ने पर संवाद और कानून की मदद लेने से हिचकना नहीं चाहिए।
भोपाल का केस
भोपाल में BHEL के सीनियर अधिकारी को स्क्रैप ठेकेदार ने हनी ट्रैप ( Honey Trap Cases ) में फंसाया। उसने अफसर को दो महिलाओं से होटल में मिलवाया। इसका वीडियो बना लिया। फिर सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करने की धमकी देकर 25 लाख रुपए की मांग की। पीड़ित अधिकारी ने दो बार में तो ढाई लाख रुपए दे भी दिए, लेकिन ठेकेदार ने और राशि मांगी। इसके बाद अधिकारी ने परेशान होकर गोविंदपुरा थाने में रिपोर्ट कराई।
शिवपुरी का केस
शिवपुरी जिले की करेरा सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रागी लाल जाटव ( Former MLA Pragi Lal Jatav ) के बेटे को हनी ट्रैप में फंसाने का मामला सामने आया है। एक महिला और एक युवक की फोन पर हुई बातचीत वायरल हुई है, इसमें पूर्व विधायक के बेटे को हनी ट्रैप में फंसाने की बात कही जा रही है। जैसे ही इस ऑडियो की जानकारी पूर्व विधायक को मिली तो उन्होंने पुलिस के पास पहुंचकर जानकारी दी।
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