Civil Services Main Exam 2023 Result
भोपाल. संघ लोक सेवा आयोग ( UPSC ) ने मंगलवार को सिविल सर्विसेस मुख्य परीक्षा 2023 ( यूपीएसएसी 2023 रिजल्ट ) का रिजल्ट घोषित कर दिया है। इसमें भोपाल की छाया सिंह ने 65वां स्थान हासिल किया है। छाया सिंह, आईएएस छोटे सिंह की बेटी ( IAS daughter Chhaya Singh ) हैं। भोपाल के सचिन गोयल को 209वीं और समीर गोयल को 222वीं रैंक मिली है। दोनों सगे भाई हैं। उधर, इंदौर की आराधना चौहान ने 251वी रैंक हासिल की है। उनसे इंदौर के सफाई में नंबर 1 होने को लेकर सवाल किया गया था।
सब इंस्पेक्टर की बेटी की 485वीं रैंक
सतना की काजल सिंह को 485वीं रैंक मिली है। काजल के पिता विजय सिंह सतना के कोलगवां पुलिस थाना में सब इंस्पेक्टर हैं। 65वीं रैंक हासिल करने वाली छाया के पिता छोटे सिंह अपर आयुक्त राजस्व ग्वालियर के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने बताया छाया लद्दाख टूर पर है। उसने अपने सिलेक्शन की सूचना लद्दाख से एक परिचित के फोन से कॉल कर दी है। छाया सिंह ने यूपीएससी परीक्षा 2023 में चौथे प्रयास में आईएएस बनने में सफलता पाई है।
पहली बार 2019 में क्रेक की थी UPSC
छाया ने सीएसई 2021 क्लियर किया था और 288वीं रैंक पाई थी, तब सिलेक्शन आईडीएएस में हुआ था। इसके पहले यूपीएससी में डीएएनआईपीएस सर्विस में सिलेक्ट हुई थीं। वर्ष 2019 में यूपीएससी से सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेट के पद पर सिलेक्ट हुई थी। वर्ष 2020 में वे महिला और बाल विकास अधिकारी के पद पर भी चयनित हो चुकी हैं। छाया ने पंजाब के पटियाला से पांच वर्षीय बीएएलएलबी का कोर्स क्लैट के माध्यम से किया है।
भोपाल के सचिन की 209वीं और समीर की 222 वीं रैंक
भोपाल के सचिन गोयल को 209वीं और समीर गोयल को 222वीं रैंक मिली है। दोनों सगे भाई हैं। समीर और सचिन के पिता संजय गोयल भारत हैवी इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड (भेल) भोपाल में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं। जबकि मां डॉ. संगीता शर्मा, शिशु रोग विशेषज्ञ हैं।
आराधना चौहान की 251वी रैंक, इंटरव्यू में पूछा सफाई में इंदौर नंबर 1 कैसे
इंदौर की आराधना चौहान ने UPPSC सिविल सेवा क्लीयर करते हुए 251वी रैंक हासिल की है। 26 साल की आराधना पहले इंटरव्यू में मात्र 20 अंक से रह गई थीa, लेकिन इस बार उन्होंने सफलता हासिल की है। पिता वरदीप सिंह चौहान रिटायर्ड अधिकारी है। और मां रेखा हाउस वाइफ हैं। इंटरव्यू में डेटा पॉलिसी से जुड़े कुछ सवाल किए गए। इस बीच बोर्ड मेंबर ने पूछा कि इंदौर स्वच्छता में नंबर 1 क्यों है। किस तरह से अन्य शहर इंदौर को पीछे छोड़ सकते हैं। जवाब में आराधना ने कहा कि 100 परसेंट डोर टू डोर कचरा कलेक्शन है। साथ ही नंबर 1 बनने में इंदौर के लोगों का बहुत बड़ा रोल है। कम्युनिटी के बिना ये पॉसिबल नहीं है। दूसरे शहरों को अगर स्वच्छता में इंदौर से आगे निकलना है तो उन्हें कम्युनिटी को साथ लेना होगा। उनका भरोसा जितना होगा। लेकिन इंदौर से नंबर 1 का ताज छीनना इतना आसान नहीं है।
यह चौथा अटैम्पट था
आराधना का ये फोर्थ अटैम्प्ट और सेकंड इंटरव्यू था। जन्म रतलाम में हुआ है। 2010 से इंदौर में ही रह रही है। स्कूलिंग इंदौर के सिका स्कूल से हुई है। एनआईटी भोपाल से साल 2019 में बीटेक किया। तीन बहनों में सबसे छोटी है और एक छोटा भाई है।
तीन साल की लगातार मेहनत, सेल्फ स्टडी से सफलता
पढ़ाई के बाद पुणे में एक साल आराधना ने जॉब की। यूपीएससी की एग्जाम भी दी लेकिन फिर जॉब छोड़ दी। 3 साल लगातार पढ़ाई की और एग्जाम को क्लियर किया। एग्जाम के लिए सेल्फ स्टडी ही की। ऑनलाइन पढ़ाई की। नोट्स बनाए। इंदौर से बाहर तैयारी के लिए अन्य शहर नहीं गई।
उम्मीदवारों के लिए यह संदेश
यूपीएससी एग्जाम की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के लिए कहा कि करंट अफेयर्स बहुत होते हैं। उस पर ध्यान दे लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ न्यूज पेपर ही पढ़े। जहां से गाइडेंस मिल पा रही है, उसे गंभीरता से लें। उस पर ध्यान दें। पॉलिटिक्स सहित अन्य विषयों के लिए बुक्स पढ़े। सेल्फ स्टडी पर फोकस करें। जितना पढ़ा है, उस पर कॉन्फिडेंट रहे। मैं भी इंटरव्यू में कुछ टेक्निकल सवालों के जवाब नहीं दे सकी।
रायसेन ज़िले के पुलिस कर्मी की बेटी ने यूपीएससी की परीक्षा में पाई 498 वीं रैंक
एएसआई राजू यादव की बेटी दिव्या यादव ने 498वीं रैंक हासिल की है। राजू यादव सांची थाने में एएसआई के पद पर पदस्थ हैं। दिव्या यादव ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है।
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