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मध्यप्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में आवासीय और व्यावसायिक निर्माण या अवैध निर्माण 31 अगस्त तक वैध कराए जा सकेंगे। इसके लिए सीएम मोहन यादव ने नगरीय विकास और आवास विभाग को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद नगरीय विकास और आवास विभाग संशोधित नियम को लेकर सभी नगर निगम आयुक्त और निकाय के सीएमओ को निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रदेश के नगर निगम और निकायों की आर्थिक तंगी दूर करने के लिए कंपाउंडिंग के नियमों में संशोधन किया गया है।
निर्माण को वैध करने के लिए समय सीमा बढ़ाई
अनुमति से अधिक निर्माण करने के मामले बार-बार सामने आते हैं। इन्हें वैध करने के लिए सरकार ने पूर्व में भी 30 प्रतिशत तक अवैध निर्माण को वैध करने का नियम बनाया गया था। इसके लिए जो समय निर्धारित किया गया था वह समाप्त हो गया था वहीं जनप्रतिनिधियों से यह मांग आ रही थी कि एक बार और अवसर दिया जाए ताकि जो लोग रह गए हैं वे भी अपने निर्माण को वैध करवा सकें। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग को एक निश्चित समय सीमा के लिए अवसर देने के निर्देश दिए थे। अब इसको लेकर विभाग ने मध्य प्रदेश नगर पालिका नियम 2016 में संशोधन किया है।
2021 के पहले की निर्माण अनुमति पर ही मिलेगा लाभ
31 अगस्त, 2024 तक के लिए भवन के 10 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक अवैध निर्माण को उस क्षेत्र की कलेक्टर गाइडलाइन द्वारा निर्धारित बाजार मूल्य की दर का 12 प्रतिशत के बराबर शुल्क लेकर वैध किया जा सकेगा। भवन के व्यावसायिक उपयोग के मामले में यह शुल्क 18 प्रतिशत लगेगा। इसका लाभ एक जनवरी, 2021 के पूर्व जारी भवन अनुज्ञा के अंतर्गत निर्मित भवनों पर ही मिलेगा।
80 प्रतिशत ने भवन निर्माण में नियमों का नहीं किया पालन
भोपाल में साढ़े चार लाख से अधिक संपत्तियां हैं। इनमें से 80 प्रतिशत में भवनों के निर्माण में भवन अनुज्ञा के नियमों का पालन नहीं किया गया है। यहां भवन अनुज्ञा से अलावा अवैध निर्माण किया गया है। इन संपत्तियों को नगर निगम ने चिह्नित कर लिया है। अब इनके सीमांकन का काम बुधवार से शुरू होगा। बता दें, डेढ़ साल पहले निगम ने कंपाउंडिंग मुहिम शुरू की थी, जो कुछ दिन पहले ही बंद हो गई। अब एक बार फिर निगम ने कंपाउंडिंग मुहिम शुरू की है। कंपाउंडिंग से भोपाल नगर निगम को 100 करोड़ रुपए की आय हो चुकी है।