पिछले 80 दिन में हर दिन करीब 200 नेताओं ने छोड़ी कांग्रेस

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला जारी है। इसमें सबसे ज्यादा भगदड़ कांग्रेस में मची है। मध्‍य प्रदेश में एक जनवरी 2024 से अब तक हर दिन करीब 200 नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस छोड़ी ।

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Sandeep Kumar
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मध्‍य प्रदेश कांग्रेस में बगावत

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BHOPAL. इस साल एक जनवरी 2024 से अब तक मध्‍य प्रदेश के करीब 14 हजार 758 कांग्रेस ( Congress ) नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ी है। पार्टी छोड़ने वाले करीब शत-प्रतिशत लोग बीजेपी ( BJP ) में शामिल हुए हैं। इसमें आठ पूर्व विधायक समेत कई बड़े पदाधिकारी शामिल हैं। आइए नजर डाल लेते हैं कुछ प्रमुख नेताओं के चेहरे पर...

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ये बड़े नेता हुए बीजेपी में शामिल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, जबलपुर महापौर जगत प्रकाश अन्नू, पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, पूर्व विधायकों में देपालपुर से विधायक विशाल पटेल, इंदौर-1 से पूर्व विधायक संजय शुक्ला, पिपरिया से पूर्व विधायक अर्जुन पलिया, टीकमगढ़ से पूर्व विधायक दिनेश अहिरवार, सागर खुरई से पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे, गुन्नौर से पूर्व विधायक शिवदयाल बागरी, चौरई से पूर्व विधायक चौधरी गंभीर सिंह,  भांडेर से विधायक कमलापत आर्य शामिल हैं। इसके अलावा बड़वानी जिला कांग्रेस अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह राठौर, पूर्व एडीजी सुखराज सिंह, विदिशा कांग्रेस जिला अध्यक्ष राकेश कटारे, डिंडौरी जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रेश परस्ते, छिंदवाड़ा से आने वाले कमलनाथ के करीबी और कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सैयद जाफर, पूर्व महाधिवक्ता व कांग्रेस मीडिया सेल शशांक शेखर सिंह, कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष योगेंद्र सिंह बंटी बना समेत कई नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ली। 

 

इन नेताओं ने थामा बीजेपी का दामन

1-   सुरेश पचौरी- पूर्व केन्द्रीय मंत्री
2-   जगतप्रकाश अन्नू- जबलपुर महापौर
3-   शंशाक शेखर सिंह- पूर्व महाविधिवक्ता व कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख
4-    राकेश कटारे- विदिशा कांग्रेस जिलाध्यक्ष
5-    रूदेश परस्ते- डिंडौरी जिला पंचायत अध्यक्ष
6-  सुखराज सिंह- पूर्व एडीजी, पूर्व सूचना आयुक्त
7-   गजेन्द्र सिंह राजूखेडी- पूर्व सांसद
8-   संजय शुक्ला- पूर्व विधायक
9-    विशाल पटेल- पूर्व विधायक
10-  अर्जुन पलिया- पूर्व विधायक
11-  दिनेश अहिरवार- पूर्व विधायक टीकमगढ़
12-   हर्षित गुरू- युवक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष, कांग्रेस प्रदेश महासचिव
13-  श्रीमती रजनी बालपाण्डे- पार्ढूना कांग्रेस महिला जिला अध्यक्ष
14-   श्रीमती अमिता बागरी- गुन्नौर से समाजवादी पार्टी की विधानसभा प्रत्याशी
15   श्रीमती ममता सिंह सेंगर- महिला कांग्रेस प्रदेश सचिव
16-    वीरेन्द्र सिंह राठौर- कांग्रेस के बडवानी जिलाध्यक्ष, पूर्व विधायक
17-    ओपी द्विवेदी- सेवानिवृत्त एसडीओ
18-    कमलापत आर्य- पूर्व विधायक
19-  श्रीमती मंजू कटारे- दमोह जिला पंचायत उपाध्यक्ष
20-     नारायण सिंह मीणा- सेवानिवृत्त अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश
21-    योगेन्द्र सिंह जौदान बंटी बना- शाजापुर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष
22-   श्रीमती सारिका उपाध्याय- एनसीपी महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष
23-    अजय सिंह यादव-  पिछड़ा वर्ग वित एवं विकास निगम के पूर्व उपाध्यक्ष
24-  श्रीमती बाईसाहब यादव- पूर्व विधायक की पत्नी 
25-   सुश्री एकता ठाकुर- सीहोरा विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी
26-    अजय सिंह यादव- कांग्रेस मीडिया विभाग के पूर्व उपाध्यक्ष व प्रवक्ता
27-   डॉ. वनिता श्रीवास्तव- वरिष्ठ पत्रकार व आईआईटी कानपुर की एलुमनाई
28-   वीरेन्द्र बिहारी शुक्ला- पूर्व जिलाध्यक्ष डिंडौरी कांग्रेस 
29-   श्रीमती अर्चना सिंह - सिंगरौली जिला पंचायत उपाध्यक्ष
30-    हटेसिंह पटेल- आंजना समाज के प्रदेश अध्यक्ष, युवक कांग्रेस उज्जैन के पूर्व अध्यक्ष
31-    सत्यपाल सिंह पटेल- गोटेगांव से कांग्रेस विधानसभा प्रत्याशी
32-  अलग-अलग जिलों के 1 दर्जन से अधिक जनपद अध्यक्ष
33   साहू समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष
34-   कमलनाथ के करीबी सय्यद जाफर

 

लक्ष्य पाने को हर दांव आजमा रही बीजेपी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी ने इस बार 370 प्लस सीटों का ऐसा लक्ष्य तय किया है, जो असंभव सा दिखता है। अभी तक इंदिरा गांधी की मौत के बाद सहानभुति लहर में कांग्रेस को 400 से ज्यादा सीटें मिली थीं। अब उस असंभव को संभव बनाने के लिए भाजपा हर तरीका और दांव पेच आजमा रही है। भाजपा कांग्रेस के हर छोटे बड़े नेता को इसलिए ले रही है जिससे कांग्रेस के प्रति मतदाताओं में अविश्वास पैदा हो। वे भाजपा को वोट कर और उनके लक्ष्य को साधने में मददगार बनें। कांग्रेस से भाजपा में आने वाले ज्यादातर नेताओं की उपयोगिता सिर्फ इस लोकसभा चुनाव तक है। यह इससे भी साबित होता है कि पार्टी में आए किसी भी नए नेता को लोकसभा का टिकट नहीं दिया गया। 

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