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वल्लभ भवन
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वल्लभ भवन
संजय गुप्ता, INDORE. वल्लभ भवन ( Vallabh Bhawan) यानी मंत्रालय भोपाल में 9 मार्च को लगी आग में सबसे संवेदनशील मानी जाने वाली पटवारी जांच रिपोर्ट ( Patwari investigation report ) भी जल गई है। द सूत्र इसका खुलासा कर रहा है। दरअसल पटवारी रिपोर्ट सबमिट होने के बाद द सूत्र ने उम्मीदवारों से संपर्क किया, ताकि इस रिपोर्ट की सच्चाई का पता लगाया जा सके। इसके लिए सूचना के अधिकार ( आरटीआई ) में आवेदन लगवाया गया था। इसकी समय सीमा 30 दिन पूरी होने पर जीएडी ने जानकारी देने से मौखिक तौर पर इनकार कर दिया है। जीडीए का कहना है कि नौ मार्च को लगी आग में पटवारी जांच रिपोर्ट से जुड़े दस्तावेज जल गए हैं। पूरी चर्चा से इसी बात के संकेत है कि रिपोर्ट की हार्डकॉपी जल चुकी है।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने पटवारी जांच रिपोर्ट का खुलासा करने के लेकर हुए आंदोलन के दौरान एक मीडिया इंटरव्यू में कहा था कि जो चाहे रिपोर्ट ले सकता है, अब सरकार को घर-घर रिपोर्ट देने जाएगी नहीं। कोई भी ले सकता है। मजे की बात यह है कि रिपोर्ट सूचना के अधिकार में भी नहीं दी जा रही है। जबकि एक और बड़ा तथ्य कि आग लगने वाली घटना नौ मार्च को ही सूचना के अधिकारी के तहत आवेदन में 30 दिन की समयसीमा पूरी हो रही थी, आवेदन 9-10 फरवरी को ही लगा था। 30 दिन तो अंतिम समयसीमा है, तो फिर आरटीआई लगाने वाले को इस संबंध में किसी तरह की सूचना क्यों नहीं दी गई? ना ही आरटीआई का आज तक लिखित जवाब दिया गया है। जब याचिकाकर्ता ने खुद 20 मार्च को जीएडी को फोन किया तो यह बात वहां टेलीफोनिक बताई गई। विभाग की तरफ से कोई जानकारी आगे बढ़कर नहीं दी गई और ना ही वह अभी यह बताने की स्थिति में है कि पटवारी जांच रिपोर्ट देंगे या नहीं और देंगे तो कब तक।
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जुलाई 2023 में यह जांच कराने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस राजेंद्र वर्मा ने यह जांच की थी। द सूत्र ने पहले ही बता दिया कि रिपोर्ट 31 जनवरी से पहले आएगी और वही हुआ रिपोर्ट 30 जनवरी को सबमिट हुई और द सूत्र ने 31 जनवरी की सुबह रिपोर्ट का खुलासा कर दिया कि इसमें पटवारी परीक्षा को क्लीन चिट मिल गई है और कोई घोटाला नहीं पाया गया है। इस 74 पन्ने की रिपोर्ट में पूरी जांच क्या है? यह अभी तक सामने नहीं आई है कि जांच कैसे हुई है? इसी को सामने लाने के लिए नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (एनईवाययू) के साथ कई उम्मीदवार लगातार भोपाल और इंदौर सहित सभी जिलों में आंदोलन कर चुके हैं लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। हालांकि सीएम डॉ. मोहन यादव कह रहे हैं कि रिपोर्ट कोई भी ले सकता है।