संजय गुप्ता, INDORE. वल्लभ भवन ( Vallabh Bhawan) यानी मंत्रालय भोपाल में 9 मार्च को लगी आग में सबसे संवेदनशील मानी जाने वाली पटवारी जांच रिपोर्ट ( Patwari investigation report ) भी जल गई है। द सूत्र इसका खुलासा कर रहा है। दरअसल पटवारी रिपोर्ट सबमिट होने के बाद द सूत्र ने उम्मीदवारों से संपर्क किया, ताकि इस रिपोर्ट की सच्चाई का पता लगाया जा सके। इसके लिए सूचना के अधिकार ( आरटीआई ) में आवेदन लगवाया गया था। इसकी समय सीमा 30 दिन पूरी होने पर जीएडी ने जानकारी देने से मौखिक तौर पर इनकार कर दिया है। जीडीए का कहना है कि नौ मार्च को लगी आग में पटवारी जांच रिपोर्ट से जुड़े दस्तावेज जल गए हैं। पूरी चर्चा से इसी बात के संकेत है कि रिपोर्ट की हार्डकॉपी जल चुकी है।
पहले देखते हैं इस तरह हुई जीएडी में बुधवार को फोन पर पूरी बात
- उम्मीदवार और आरटीआई लगाने वाले ने अपनी जानकारी को लेकर पीएस मनीष रस्तोगी, जीएएडी के दफ्तर पर 07552708180 पर फोन लगाया, तो वहां अमर सिंह रावत ने फोन पर उठाकर यह सभी जानकारी दी।
- उम्मीदवार- सर पटवारी जांच रिपोर्ट के लिए आरटीआई में आवेदन लगाया था, 30 दिन हो गए हैं
बाबू- वो यहां आग की घटना हो गई है, उनका विंग पूरी तरह से जल गया है, पानी भी डाला है, फाइले भी कुछ जल गई है, कम्प्यूटर सिस्टम, टेलीफोन सभी बंद पड़ी है। अभी तो इसमें देरी ही होगी, कोई कुछ नहीं कर सकता है। - उम्मीदवार- वह रिपोर्ट भी सब जल गई है
बाबू- हां मतलब जो जानकारी चाहिए, अभी वहां काम ही शुरू नहीं हुआ है - उम्मीदवार- क्या वह रिपोर्ट भी जल गई है क्या
बाबू- नहीं वह तो सॉफ्ट कॉपी भी रहती है, लेकिन ऐसे ही नहीं दे सकते हैं, वह देने की प्रक्रिया होती है, वह पूरी करके ही दे सकते हैं - उम्मीदवार- नहीं लेकिन समयसीमा एक महीने की है जानकारी देने की, साफ्ट कापी तो हो वह तो नहीं जली
बाबू- अरे भाई आग लग जाए तो इसमें कोई क्या करेगा? ऐसे ही थोड़ी सॉप्ट कॉपी दे देंगे, जो सूचना उपलब्ध कराएगा वहां कोई काम नहीं हो रहा है, ना कम्प्यूटर चल रहे, वह भी फूट गए। आप फिर से आवेदन लगा दीजिए। मैं भी संबंधितों को बता दूंगा। (गुरूवार सुबह फिर बात की बताया गया कि आप स्मरण पत्र लगा दीजिए जानकारी देने के लिए)
सीएम ने तो कहा था कोई भी रिपोर्ट ले सकता है
सीएम डॉ. मोहन यादव ने पटवारी जांच रिपोर्ट का खुलासा करने के लेकर हुए आंदोलन के दौरान एक मीडिया इंटरव्यू में कहा था कि जो चाहे रिपोर्ट ले सकता है, अब सरकार को घर-घर रिपोर्ट देने जाएगी नहीं। कोई भी ले सकता है। मजे की बात यह है कि रिपोर्ट सूचना के अधिकार में भी नहीं दी जा रही है। जबकि एक और बड़ा तथ्य कि आग लगने वाली घटना नौ मार्च को ही सूचना के अधिकारी के तहत आवेदन में 30 दिन की समयसीमा पूरी हो रही थी, आवेदन 9-10 फरवरी को ही लगा था। 30 दिन तो अंतिम समयसीमा है, तो फिर आरटीआई लगाने वाले को इस संबंध में किसी तरह की सूचना क्यों नहीं दी गई? ना ही आरटीआई का आज तक लिखित जवाब दिया गया है। जब याचिकाकर्ता ने खुद 20 मार्च को जीएडी को फोन किया तो यह बात वहां टेलीफोनिक बताई गई। विभाग की तरफ से कोई जानकारी आगे बढ़कर नहीं दी गई और ना ही वह अभी यह बताने की स्थिति में है कि पटवारी जांच रिपोर्ट देंगे या नहीं और देंगे तो कब तक।
74 पन्नों की रिपोर्ट में मिली है क्लीन चिट
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जुलाई 2023 में यह जांच कराने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस राजेंद्र वर्मा ने यह जांच की थी। द सूत्र ने पहले ही बता दिया कि रिपोर्ट 31 जनवरी से पहले आएगी और वही हुआ रिपोर्ट 30 जनवरी को सबमिट हुई और द सूत्र ने 31 जनवरी की सुबह रिपोर्ट का खुलासा कर दिया कि इसमें पटवारी परीक्षा को क्लीन चिट मिल गई है और कोई घोटाला नहीं पाया गया है। इस 74 पन्ने की रिपोर्ट में पूरी जांच क्या है? यह अभी तक सामने नहीं आई है कि जांच कैसे हुई है? इसी को सामने लाने के लिए नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (एनईवाययू) के साथ कई उम्मीदवार लगातार भोपाल और इंदौर सहित सभी जिलों में आंदोलन कर चुके हैं लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। हालांकि सीएम डॉ. मोहन यादव कह रहे हैं कि रिपोर्ट कोई भी ले सकता है।