IAS और मंत्री सहित 50 लोगों को भेजे आयकर विभाग ने नोटिस
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले दिनों आयकर विभाग ने त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक राजेश शर्मा और उनके आधा दर्जन सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। अब रिटायर्ड IAS और शहर के बड़े व्यापारियों के बीच के कनेक्शन देखा जा रहा है...
notice to 50 including IAS Minister Photograph: (thesootr)
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आयकर विभाग की टीम ने त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के मालिक सहित करीब 50 लोगों को अब तक नोटिस दे चुकी है। वहीं, लगभग 52 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की है। इनमें से करीब 49 ठिकाने भोपाल में है, जबकि इंदौर में 2 और ग्वालियर में 1 बिल्डर पर कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई में 3 करोड़ रुपए नकद जब्त किए थे। इसमें 1 करोड़ 20 लाख रुपए एक ही बिल्डर के यहां से जब्त हुए हैं।
IT के निशाने पर रिटायर्ड IAS और बड़े व्यापारी भी
भोपाल में नीलबड़, एमपी नगर, कस्तूरबा नगर, होशंगाबाद रोड, 10 नंबर मार्केट, मेंडोरी, मेंडोरा, आरपीएम टाउन में अलग-अलग जांच की गई थी। इंदौर में त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के आदित्य गर्ग और ग्वालियर में रामवीर सिकरवार के यहां छापे की कार्रवाई की गई थी। इंकमटैक्स की छापेमारी में त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक राजेश शर्मा और अन्य प्रॉपर्टी डीलर की बेनामी संपत्तियों के खरीदने के दस्तावेज मिले हैं। साथ ही राजेश शर्मा के जरिए करोड़ों रुपए की संपत्ति खरीदी गई। रातीबड़, नीलबड़, मेंडोरी और भी जगह राजेश शर्मा के माध्यम से ब्लैक मनी का निवेश किया गया है। इसके बाद से राजेश शर्मा की तलाश के साथ ही IT के रडार पर अब रिटायर्ड IAS और बड़े-बड़े व्यापारी भी आ गए हैं। सभी के तार कहां से और कैसे जुड़े हैं इसकी छानबीन की जा रही है।
राजेश शर्मा, रिटायर्ड IAS और व्यापारियों के बीच संबंध
त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के ऑनर राजेश शर्मा, रिटायर्ड IAS अधिकारी और व्यापारियों से क्या संबंध है। जांच एजेंसियां इसकी जानकारी खंगाल रही हैं। IT के साथ ही लोकायुक्त टीम भी सौरभ शर्मा से राजेश शर्मा और अन्य आरोपियों के बीच संबंध क्या हैं इसकी जांच कर रही हैं। हाल ही में सोने और नकद रुपए से भरी कार का मालिक चेतन गौर भी त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के मालिक राजेश शर्मा का करीबी बताया जा रहा है। ऐसे में जांच एंजेंसियां कई एंगलों से पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि सेंट्रल पार्क इंफ्रा प्रोजेक्ट में किस-किस के पैसे लगे हैं।
राजेश शर्मा और उनके कारोबारी रिश्ते
राजेश शर्मा का नाम खनन और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में जाना माना नाम है। वे त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक हैं, जो भोपाल और उसके आसपास के क्षेत्रों में खनन और निर्माण से जुड़ी गतिविधियों में सक्रिय है। शर्मा के संबंध पूर्व मुख्य सचिव और पूर्व मंत्री से भी बताए जाते हैं। यह उनके कारोबार और राजनीतिक कनेक्शन भी बताता है, इसका फायदा उन्हें अलग-अलग सरकारी ठेके और दूसरे लाभ मिलते रहे हैं। राजेश शर्मा के खनन और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कारोबार है।
शर्मा के सत्ता पक्ष के नेताओं, रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों से भी करीबी रिश्ते रहे हैं। इन कनेक्शनों की वजह से उन्हें कई महत्वपूर्ण ठेके मिले हैं। एक मुख्य ठेका उन्हें सीएम राइज स्कूल के निर्माण का मिला है। रायसेन में एक सीएम राइज स्कूल का निर्माण राजेश शर्मा द्वारा किया जा रहा है। इस करीबी संबंधों के कारण उन्हें इस बड़े सरकारी प्रोजेक्ट का ठेका मिला। बीजेपी सरकार के पूर्व मंत्री रामपाल सिंह का भी करीबी राजेश शर्मा को माना जाता है, इससे उनको अपनें कंस्ट्रक्शन के कारोबार में कई तरह की सुविधाएं मिलती रही हैं।
राजेश शर्मा के अलावा इन पर भी कार्रवाई
आयकर विभाग की छापेमारी का दायरा कुछ और व्यापारियों तक भी फैल चुका है। जानकारी के मुताबिक, दीपक भावसार, विनोद अग्रवाल, और रूपम शिवानी के ठिकानों पर भी आयकर विभाग की टीम ने छापे मारे हैं। ये सभी जमीन की खरीद-बिक्री और रियल एस्टेट के कारोबार से जुड़े हुए हैं। इन सभी के खिलाफ आयकर विभाग की जांच जारी है, और माना जा रहा है कि यह कार्रवाई टैक्स चोरी और अवैध संपत्ति जमा करने के आरोपों को लेकर की जा रही है। अब यह देखा जाएगा कि राजेश शर्मा और उनके सहयोगियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है। उनके खिलाफ जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे टैक्स चोरी, अवैध संपत्ति इकट्ठा करने और सरकारी ठेकों में अनियमितताओं से जुड़े हुए हैं।