भारत का पहला 'खेल मास्टर प्लान' जबलपुर में लॉन्च, बच्चों के लिए बेहतर माहौल की दिशा में बड़ी पहल

जबलपुर शहर ने बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इस योजना का मकसद शहर के पार्कों और सार्वजनिक स्थलों को बच्चों के अनुकूल बनाना और उन्हें खेलने, सीखने व सुरक्षित रहने का अवसर देना है।

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Neel Tiwari
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India first Khel Master
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MP News : जबलपुर शहर ने बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। भारत का पहला “खेल मास्टर प्लान” जबलपुर में लॉन्च किया गया है, जो खासतौर पर 0 से 5 साल की उम्र के बच्चों और उनके देखभाल करने वालों के लिए बनाया गया है। इस योजना का मकसद शहर के पार्कों और सार्वजनिक स्थलों को बच्चों के अनुकूल बनाना और उन्हें खेलने, सीखने व सुरक्षित रहने का अवसर देना है। इस योजना को जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड और नगर निगम ने मिलकर तैयार किया है।

नर्चरिंग नेबरहुड चैलेंज 2.0 के अंतर्गत बना मास्टर प्लान

यह मास्टर प्लान भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए 'नर्चरिंग नेबरहुड चैलेंज 2.0' के अंतर्गत तैयार किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छोटे बच्चों और उनके देखभाल करने वालों के लिए शहरों को ज्यादा दोस्ताना और सुविधा संपन्न बनाना है। जबलपुर ने इस राष्ट्रीय चैलेंज में भाग लिया था, जिसमें पूरे देश के कई शहरों ने हिस्सा लिया। योजना के तहत जबलपुर के कई चुनिंदा पार्कों और सार्वजनिक स्थानों पर विशेष बदलाव किए गए, जिनका मूल्यांकन भारत सरकार की तकनीकी सलाहकार संस्था डब्ल्यूआरआई इंडिया द्वारा किया गया।

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देश के टॉप 10 शहरों में शामिल हुआ जबलपुर

इस मूल्यांकन के बाद जबलपुर को देश के शीर्ष 10 शहरों में स्थान मिला। गौरतलब है कि केवल टॉप 10 शहरों को ही नर्चरिंग नेबरहुड चैलेंज 2.0 में शामिल किया गया है। जबलपुर के इस चयन ने साबित कर दिया कि शहर अब नन्हे बच्चों और उनके परिवारों के लिए अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और खेलने के योग्य बन रहा है।

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‘KHEL’ को मिला नया मतलब

इस मास्टर प्लान में 'खेल' को सिर्फ पारंपरिक खेल-कूद तक सीमित नहीं रखा गया है, बल्कि इसका एक नया और व्यापक अर्थ दिया गया है।
KHEL का मतलब है:

K - Kids (बच्चे)

H - Health (स्वास्थ्य)

E - Empowering Communities (समुदायों को सशक्त बनाना)

L - Level Play Opportunity (सभी के लिए समान खेल का अवसर)

इस सोच के साथ तैयार किए गए मास्टर प्लान में बताया गया है कि नगर निगम और स्मार्ट सिटी द्वारा पूर्व में बनाए गए पार्कों में बच्चों के लिए किन सुविधाओं को जोड़ा गया है और आगे किन सुविधाओं को जोड़ा जाएगा।

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‘खेल सेल’ का गठन और सभी विभागों की भागीदारी

इस योजना को ज़मीन पर उतारने के लिए एक खास ‘खेल सेल’ भी बनाई गई है, जो जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में काम करेगी। इस सेल में नगर निगम, स्मार्ट सिटी, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग, जबलपुर विकास प्राधिकरण (JDA), महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, ट्रैफिक पुलिस और कई सामाजिक संगठनों की भागीदारी है। इन सभी विभागों और संगठनों ने मिलकर यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी ली है कि मास्टर प्लान के तहत बन रही सुविधाएं सही समय पर और बेहतर गुणवत्ता के साथ लागू हों।

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जबलपुर में हुआ विशेष कार्यशाला का आयोजन

9 मई 2025 को होटल कलचुरी में 'नर्चरिंग नेबरहुड चैलेंज 2.0' पर एक खास कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें नगर निगम अध्यक्ष रिंकू विज, एम.आई.सी. सदस्य राम सोनकर, अपर आयुक्त वी. एन. वाजपेयी, अधीक्षण यंत्री कमलेश श्रीवास्तव, नर्चरिंग नेबरहुड के सह नोडल अधिकारी संभव अयाची और अन्य कई वरिष्ठ अधिकारी, योजनाकार, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एनजीओ के सदस्य और डब्ल्यूआरआई इंडिया की टीम मौजूद रहे। सभी ने मिलकर इस मास्टर प्लान को लागू करने के लिए अपने सुझाव और अनुभव साझा किए।

नगर निगम अध्यक्ष रिंकू विज ने जताया गर्व

निगमाध्यक्ष रिंकू विज ने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि जबलपुर देश का पहला ऐसा शहर बना है, जिसने छोटे बच्चों के लिए पूरे शहर के स्तर पर एक समर्पित 'खेल मास्टर प्लान' तैयार किया है। यह योजना न केवल बच्चों के खेलने की ज़रूरत को समझती है, बल्कि उनके देखभाल करने वालों के लिए भी जरूरी सुविधाओं को ध्यान में रखती है। उन्होंने कहा कि इस योजना में बस्तियों और मोहल्लों में छोटे-छोटे खेल क्षेत्रों के निर्माण की भी बात की गई है।

योजना को बताया एक मील का पत्थर

WRI इंडिया की सस्टेनेबल सिटीज एंड ट्रांसपोर्ट की प्रोग्राम लीड मधुरा कुलकर्णी ने जबलपुर नगर निगम की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि "खेल" केवल मनोरंजन नहीं बल्कि बच्चों के समग्र विकास की नींव है। जबलपुर का खेल प्लान यह साबित करता है कि हम अपने शहरों को छोटे बच्चों और उनके देखभाल करने वालों के लिए और अधिक अनुकूल बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना को सफल बनाने के लिए समाज के हर हिस्से की भागीदारी जरूरी है।

 

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