भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष संजय सिंह बोले, वजन बढ़ने के लिए विनेश फोगाट और उनका स्टॉफ जिम्मेदार

संजय ने बताया कि विनेश फोगाट ने खुद कहा था कि उन्हें WFI और उसके स्टाफ पर भरोसा नहीं है। इसलिए उन्होंने अपना फिजियो, कोच, डॉक्टर और स्पार्किंग पार्टनर मांगा था। वह सात लोगों की टीम के साथ गई थीं, जिसमें उनके पति भी शामिल थे।

Advertisment
author-image
Sanjay gupta
New Update
 STYLESHEET THESOOTR - 2024-08-26T174657.403
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

INDORE.  पेरिस ओलंपिक ( paris olympics ) में कुश्ती में मात्र सौ ग्राम वजन के कारण फाइनल नहीं खेल सकी विनेश फोगाट को लेकर भारतीय कुश्ती संघ ( Indian Wrestling Association ) के अध्यक्ष संजय सिंह ने इंदौर में बयान दिया है। उन्होंने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इसके कारण हमारा देश एक पदक से वंचित हो गया। संजय सिंह ने यह भी कहा कि इन खिलाड़ियों ने धरना-प्रदर्शन इसलिए किया था ताकि उन्हें ट्रायल नहीं देना पड़े। अब कुश्ती पूरे देश में फैल रही है।

सरकार की नहीं विनेश की जिम्मेदारी

संजय ने बताया कि विनेश फोगाट ने खुद कहा था कि उन्हें WFI और उसके स्टाफ पर भरोसा नहीं है। इसलिए उन्होंने अपना फिजियो, कोच, डॉक्टर और स्पार्किंग पार्टनर मांगा था। वह सात लोगों की टीम के साथ गई थीं, जिसमें उनके पति भी शामिल थे। इसका पूरा खर्च भारत सरकार ने उठाया था। उन्होंने कहा कि विनेश के वजन बढ़ने या घटने की जिम्मेदार वो खुद और उनका सपोर्टिंग स्टाफ है। इस मामले में भारत सरकार और कुश्ती से जुड़ी अन्य संस्थाओं की कोई गलती नहीं है। 

यह होता है वजन को लेकर नियम

संजय सिंह ने कहा कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के आर्टिकल 11 में यह साफ लिखा हुआ है कि ओलंपिक या किसी भी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में वजन दो दिन होता है। पहले क्वालीफाइंग राउंड के लिए और एक सेमीफाइनल के लिए। खिलाड़ी की भी गलती है उन्हें अपना वजन मेंटेन करना चाहिए।

भारत सरकार की नहीं विनेश फोगाट की जिम्मेदारी

सिंह ने बताया कि विनेश फोगाट ने खुद कहा था कि उन्हें WFI और उसके स्टाफ पर भरोसा नहीं है। इसलिए उन्होंने अपना फिजियो, कोच, डॉक्टर और स्पार्किंग पार्टनर मांगा था। वह सात लोगों की टीम के साथ गई थीं, जिसमें उनके पति भी शामिल थे। इसका पूरा खर्च भारत सरकार ने उठाया था। उन्होंने कहा कि विनेश के वजन बढ़ने या घटने की जिम्मेदार वो खुद और उनका सपोर्टिंग स्टाफ है। इस मामले में भारत सरकार और कुश्ती से जुड़ी अन्य संस्थाओं की कोई गलती नहीं है। 

पदक व्यक्ति का नहीं देश का होता है

उन्होंने यह भी कहा कि पदक किसी व्यक्ति का नहीं, बल्कि देश का होता है, इसलिए भारतीय कुश्ती संघ भी इस बात से दुखी है कि पदक नहीं मिला। संजय सिंह ने यह भी कहा कि इन खिलाड़ियों ने धरना-प्रदर्शन इसलिए किया था ताकि उन्हें ट्रायल नहीं देना पड़े और देश में कुश्ती के फैलते काकस को तोड़ा जा सके।

thesootr links

 द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

sanjay guptaSA

Paris Olympics भारतीय कुश्ती संघ संजय सिंह Indian Wrestling Association पेरिस ओलंपिक 2024 विनेश फोगाट