MP News: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच देश की गन कैरिज फैक्ट्री जबलपुर में सारंग और धनुष तोपों का निर्माण तेजी के साथ हो रहा है। सारंग तोप का बैरल 130 मिमी से बढ़ाकर 155 मिमी किया गया है, जिससे इसकी मारक क्षमता 30 से 32 किलोमीटर तक बढ़ गई है। धनुष तोप, जिसे 'देशी बोफोर्स' भी कहा जाता है, इसकी अधिकतम रेंज 42 किलोमीटर है और यह 155 मिमी/52 कैलिबर की है।
GCF को इस वर्ष 2300 करोड़ रुपए के रक्षा उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसमें 58 धनुष और 72 सारंग तोपों का निर्माण किया जाना है। इसके अतिरिक्त, लाइट फील्ड गन (LFG) का उत्पादन भी फिर से शुरू किया गया है, जिससे सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
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गन कैरिज फैक्ट्री
गन कैरिज फैक्ट्री ने सारंग और धनुष तोपों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस वर्ष फैक्ट्री को 2300 करोड़ रुपए के रक्षा उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसमें 58 धनुष और 72 सारंग तोपों का निर्माण शामिल है।
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लाइट फील्ड गन (LFG) का उत्पादन
पांच वर्षों के अंतराल के बाद, गन कैरिज फैक्ट्री ने लाइट फील्ड गन (LFG) का उत्पादन पुनः शुरू किया है। एक वर्ष में 20 से अधिक LFG के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जिससे सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
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बैरल और फायरिंग सिस्टम का विकास
गन कैरिज फैक्ट्री, जबलपुर टी-72 टैंक के बैरल और फायरिंग सिस्टम का भी विकास करेगी। इसकी असेंबलिंग बाद में अवार्डी फैक्ट्री में होगी, जिससे भारतीय सेना की टैंक शक्ति को और भी सशक्त बनाया जा सके।
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भारतीय नौसेना के लिए कलपुर्जों का उत्पादन
गन कैरिज फैक्ट्री, जबलपुर भारतीय नौसेना के लिए महत्वपूर्ण कलपुर्जों का भी उत्पादन करेगी। इससे भारतीय नौसेना की ताकत को और भी बढ़ावा मिलेगा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम बढ़ाया जाएगा।
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बोफोर्स तोप