संजय गुप्ता@ INDORE.
मप्र की व्यासायिक राजधानी में बिल्डर लॉबी में हड़कंप मच गया है। कारण है कि जिला प्रशासन की कॉलोनी सेल ने एक-दो नहीं 250 से ज्यादा कॉलोनाइजरों को नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस देकर पूछा गया है कि आपकी विकास मंजूरी का तय समय तीन साल पूरा हो गया है, लेकिन अभी तक आपने विकास काम पूरी नहीं किया है, यह क्यों नहीं हुआ है? इसका कारण बताइए।
नियमों के तहत 3 साल में जरूरी है विकास काम
कॉलोनी सेल के प्रभारी व आईएएस अपर कलेक्टर गौरव बैनल ने कहा कि कॉलोनी विकास की जो मंजूरी ग्रामीण क्षेत्र के लिए कलेक्टोरेट से जारी हुई है, इसमें तीन साल के भीतर विकास काम पूरा करना होता है। ऐसा नहीं करने पर बंधक रखे गए भूखंड को बेचकर अन्य एजेंसी से विकास काम पूरा कराने का भी प्रावधान मौजूद है। नोटिस देकर कारण पूछा है कि क्यों यह विकास काम समयसीमा में नहीं किया है? यदि कारण उचित होगा तो आगे उनके प्रस्ताव पर विचार करेंगे, प्रशासन का उद्देश्य है कि समय पर कॉलोनी के विकास काम पूरे हो।
कलेक्टर ने कहा कि लोगों की जिंदगी भर की पूंजी लगती है
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि सकारात्मक रूप से यह नोटिस गए हैं। प्रशासन के पास लगातार शिकायतें आती है कॉलोनी काटी लेकिन विकास पूरा नहीं किया, बाद में जिंदगी भर की पूंजी लगाने वाला आम व्यक्ति परेशान होता है। ऐसे में इस नोटिस के जवाब से साफ होगा कि कॉलोनी में क्या हो रहा है और आगे कोई विकास काम पूरा होगा या नहीं? इससे आम हितग्राहियों के लिए क्या आगे कदम उठाना है उसे लेकर स्थिति साफ हो सकेगी।
कॉलोनी सेल से लगातार हो रहे बड़े बदलाव
आशीष सिंह ने कलेक्टर पद संभालने के बाद कॉलोनी सेल को लेकर काफी बदलाव किए हैं। पहला बड़ा बदलाव तो अधिकारियों को लेकर किया, अपर कलेक्टर बैनल को प्रभारी बनाया तो वहीं ज्वाइंट कलेक्टर प्रदीप सोनी को नोडल अधिकारी बनाया गया। इसके बाद से ही कॉलोनी सेल के काम में बिना रूकवाट तेजी से काम होने शुरू हुए हैं। वही विकास मंजूरी से लेकर कार्यपूर्णता तक के काम का प्रेजेंटेशन खुद कलेक्टर देख रहे हैं। साथ ही सबसे बड़ी समस्या है कि कॉलोनी में आने-जाने की एप्रोच रोड ही सही नहीं, इसे लेकर सख्ती हुई है और अब रोड होने पर ही विकास मंजूरी और कार्यपूर्णता दी जाती है। खुद प्रदीप सोनी कॉलोनी के विकास काम को देखते हैं और इसके बाद ही कार्यपूर्णता की फाइल आगे बढ़ती है।
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