इंदौर में 51 लाख पौधारोपण (एक पेड़ मां के नाम) का अभियान चल रहा है। मुख्य तौर पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा शुरू किए गए इस अभियान को लेकर अब पूर्व स्पीकर व सांसद सुमित्रा महाजन ने तीन पन्नों का एक पत्र महापौर पुष्यमित्र भार्गव को भेजा है। इसमें सुझाव और नसीहत दोनों शामिल है।
पहले नसीहत की बात
महाजन ने पत्र में सबसे पहले नसीहत दी है। इसमें कहा गया है कि लाखों पेड़ लगाने का लक्ष्य काफी बड़ा है और यह जल्दबाजी में संभव नहीं है इसके पहले भी कई बार लाखों वृक्ष लगाने की बात हुई, लेकिन बाद में इसकी सफलता का एक आडिट हम कर सकते हैं क्या? इसमें देखा जाना चाहिए कि कितने पौधे पनपे, उनका प्रतिशत कितना रहा, क्या खामी रही कि पौधे नहीं पनपे, सफलता के पीछे क्या कारण रहा, यह सभी आडिट होना चाहिए। आडिट का काम वहां पर रहने वाले स्थानीय स्कूल के बच्चों, सेवानिवृत्त व्यक्तियों को दिया जाए।
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यह दिए सुझाव
- जहां पौधे लगाएं वहां संस्था को संभालने की जिम्मेदारी दे सकते हैं, लेकिन किसी को भी वहां स्थाई निर्माण (मंदिर, आदि धार्मिक स्थल) बनाने की मंजूरी नहीं दें।
- कान्ह नदी के किराने बड़े पौधे लगाए जाएं।
- इंदौर में बगीचे हैं, वहां के लोगों से मिलकर लगाएं, सीमेंट की सड़कों के किनारे लगाएं।
- पहाड़ी वाले क्षेत्रों में लगाया जाए।
- गांव में सड़कों के दोनों ओर, पीएम सड़क योजना में इन्हें लगाएं।
- इंदौर के करीब जहां भी ग्रामीण क्षेत्र में पहाड़ियां हो वहां लगाए जाए।
- कई जगह वैध-अवैध खनन होता है, वहां गड्ढे हो जाते हैं वहां लगाया जाए।
- ऐसे पौधे लगें जो छादायार हो, स्थानीय वातावरण के अनुकूल हो।