Indore Acid Case : बच्चे ने नींद में पानी समझकर पीया एसिड, मौत

मध्यप्रदेश के विदिशा में रहने वाले एक परिवार में 6 साल के बच्चे की मौत हो गई। ये कोई सामान्य नहीं बल्कि, गलती से होने वाली मौत है। मां ने दोपहर में एसिड खरीदा और कूलर के पास ही रख दिया, रात में करीब 3 बजे बच्चा उठा और उसने कर दिया ऐसा काम... 

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Jitendra Shrivastava
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Indore Acid Case : इंदौर के बाणगंगा में रहने वाले एक 6 साल के बच्चे की एसिड पीने ( child drank acid ) से मौत हो गई। बच्चे ने 8 दिन पहले एसिड गलती से पी लिया था। इसके बाद रात में उसकी तबीयत बिगड़ी। उसे उपचार के लिये एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया है। बाणगंगा पुलिस के अनुसार माखन (6) पुत्र कैलाश अहिरवार की सोमवार को उपचार के दौरान मौत हो गई। माखन ने 5 मई की रात में गलती से पानी समझकर एसिड पी लिया। इसके बाद उसे उपचार के लिये एमवाय अस्पताल में भर्ती किया गया। करीब आठ दिन तक उसका यहां उपचार चला।

रात में करीब 3 बजे उठा और पानी समझ एसिड पी लिया

पिता कैलाश ने बातचीत में बताया कि उनकी पत्नी रचना ने रात में दाल बाटी बनाई थी। रात करीब 12 बजे माखन बिस्तर पर अपने पिता के पास सो रहा था। उसे प्यास लगी तो पिता ने पानी दे दिया। वह वापस सो गया। इसके बाद वह मां के पास नीचे सो गया। बाद में करीब डेढ़ बजे फिर से पानी मांगा। तब मां ने उसे पानी देकर सुला दिया। रात में करीब तीन बजे वह उठा उस समय उसने कूलर के पास रखी बोतल से पानी समझकर एसिड पी लिया और सो गया। कुछ देर बाद उसके गले में जलन हुई मां रचना को उठाकर कहा कि उसे उल्टी आ रही है। मां उसे बाथरूम ले गई। तब उसे उल्टी में बदबू आई रचना डर गई। पति को उठाया। पूछताछ में बच्चे ने बोतल का पानी पीने की बात कही। इसके बाद वह उसे अस्पताल लेकर पहुंचे।

माखन उनका इकलौता बेटा है

पिता कैलाश के मुताबिक साफ सफाई के लिये उसने दोपहर में फेरी वाले से उसने सर्फ और एसिड की बोतल ली थी। उसे कूलर के पास ही रख दिया था। उन्हें नहीं पता बेटा रात में कब उठा ओर उसने इस तरह से बोतल से एसिड पी लिया। पिता कैलाश के मुताबिक वह ग्राम रसीली साउ तहसील लटेरी के रहने वाले है। माखन उनका इकलौता बेटा है। उसकी एक बड़ी बहन अंजलि है। परिवार के मुताबिक वह बेटे का अंतिम संस्कार गांव में ही करेंगे। कैलाश बाणगंगा इलाके की एक फैक्ट्री में काम करते हैं। वहीं मां भी कंपनी में नौकरी पर जाती थी।

अपने बच्चे को घरेलू केमिकल्स से ऐसे रखें सुरक्षित...

'द सूत्र' अभिभावकों से अपील करता है कि घरेलू उपयोग में आने वाले केमिकल्स को बच्चों की पहुंच से दूर रखें। बच्चों से दूर रखने के लिए पहला काम  इन रसायनों को अलमारियों में सुरक्षित रखना है। यदि संभव हो तो अलमारियां कम से कम 1.5 मीटर ऊंची होनी चाहिए और हो सके तो उनमें ताले भी होने चाहिए। साथ ही उपयोग के तुरंत बाद सभी जहरीले उत्पादों को हटा दें। उपयोग में न आने वाली चीजों का सुरक्षित निपटान भी करें।

आपकी दिनचर्या में शामिल हैं ये घरेलू केमिकल्स...

  • बाथरूम में उपयोग होने वाले उत्पादः टाइल क्लीनर, डिओडोरेंट्स, चेहरे का टोनर, नेल पॉलिश रिमूवर, मॉइस्चराइजर और जैल, माउथवॉश, परफ्यूम, हैंड सैनिटाइजर आफ्टरशेव, शैंपू, कंडीशनर, साबुन और बॉडीवॉश और टॉयलेट क्लीनर शामिल हैं।
  • गैराज में मिलने वाली उत्पादः एसिड, एपॉक्सी और रेजिन, कोटिंग्स, वार्निश, सोल्डर मिश्रण, उर्वरक, खरपतवार नाशक या पेस्टीसाइड्स, मिट्टी का तेल, मैग व्हील क्लीनर, कीटनाशक, पेट्रोल और तारपीन शामिल हैं। 
  • रसोई घर में मिलने वाले केमिकल्सः बोतल क्लीनर, बर्तन-कपड़े धोने के डिटर्जेंट, कीटाणुनाशक-ब्लीच, टॉयलेट क्लीनर, माचिस,
    मक्खी और चूहे-कीड़े मार दवाई शामिल है।
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