इंदौर ACP क्राइम सौम्या अग्रवाल के कारण हो गई एजी आफिस की जांच, फिर खुला झूठ

इंदौर क्राइम ब्रांच की एसीपी सौम्या अग्रवाल द्वारा केस डायरी को लेकर हाईकोर्ट में दी गई जानकारी झूठी साबित हुई। हाईकोर्ट ने मामले की जांच करवाई, जिसमें खुलासा हुआ कि केस डायरी कभी एजी ऑफिस पहुंची ही नहीं थी।

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Sanjay Gupta
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इंदौर क्राइम ब्रांच की एसीपी सौम्या अग्रवाल द्वारा हाईकोर्ट में केस डायरी को लेकर दी गई एक जानकारी ने इंदौर एजी ऑफिस की ही पहली बार जांच करवा दी। लेकिन जब जांच हुई और रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश हुई तो मैडम की लापरवाही और झूठ का खुलासा हो गया। इसके बाद हाईकोर्ट ने लिखित में की तीखी टिप्पणी। 

कोर्ट का आर्डर

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क्या है पूरा मामला

कंचन व अन्य आरोपियों द्वारा जमानत के लिए याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई। इसमें हाईकोर्ट इंदौर द्वारा केस डायरी बुलाई गई। लेकिन केस डायरी नहीं आई। पुलिस ने कहा कि यह एडिएशनल एडवोकेट जनरल इंदौर के ऑफिस में दे दी गई है और वहीं ऑफिस से कहा गया कि नहीं मिली। इस पर नाराज हाईकोर्ट ने तीन मार्च 2025 को व्यक्तिगत तौर पर क्राइम ब्रांच एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया और एसीपी क्राइम सौम्या अग्रवाल को बुलाया।

  • इस दौरान सैम्या और दंडोतिया ने बताया कि केस डायरी दी जा चुकी है। इस पर हाईकोर्ट ने आदेश दिए कि एजी ऑफिस में जो प्रशासनिक चार्ज में है वह इस मामले की जांच करें और सात दिन में रिपोर्ट पेश करें। 
  • 27 मार्च को हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश हुई और इसमें बताया गया कि केस डायरी नहीं आई है पुलिस अधिकारियों द्वारा सही जानकारी नहीं दी गई है।
  • इसके बाद हाईकोर्ट ने फिर 28 अप्रैल को सौम्या अग्रवाल को जवाब देने के लिए कहा। इस पर सौम्या ने सफाई देते हुए कहा कि वह इसी मामले में अन्य आरोपियों की जमानत के दौरान केस डायरी दे चुकी थी और इसलिए केवल इस बार प्रतिवेदन दिया गया। जांच के लिए क्योंकि केस डायरी की जरूरत होती है इसलिए वह नहीं दी गई। 

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हाईकोर्ट ने एसीपी सौम्या को यह दी चेतावनी

हाईकोर्ट जस्टिस बिनोद कुमार दिवेदी ने इस मामले में लिखित में आदेश देते हुए सौम्या अग्रवाल को सख्त चेतावनी दी। फैसले में कहा गया कि एसीपी अग्रवाल अपने जवाब से हाईकोर्ट को संतुष्ट नहीं कर सकी है, सामने आया है कि उन्होंने लापरवाही की है और कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया। उन्हें निर्देश दिए जाते हैं कि वह भविष्य में निर्देशों के पालन में बहुत ध्यान रखें नहीं तो इसके परिणाण भुगतने होंगे। इस आदेश की कॉपी डीसीपी क्राइम को भी भेजी जाए।

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