INDORE : अपर कलेक्टर रोहन सक्सेना को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस हुआ है। हालत यह हुई कि एसडीएम कोर्ट ने उन्हें बेदखली का आदेश भी जारी किया और बंगले पर यह चस्पा भी कर दिया, लेकिन यह इकलौते अधिकारी नहीं है। अब बारी आई है एएसपी नितेश भार्गव और एएसपी राजेश रघुवंशी की।
ASP भार्गव को यह हुआ अंतिम नोटिस
एएसपी नितेश भार्गव, पहले इंदौर में महिला अपराध में एसीपी थे। जब संभागायुक्त के नोटिस पर भी उन्होंने बंगला नंबर ई 6 रेडियो कॉलोनी रेसीडेंसी खाली नहीं किया तो उनके खिलाफ बेदखली कानून के तहत एसडीएम जूनी इंदौर घनश्याम धनगर के यहां केस लगाया गया। इसके तहत उन्हें नवंबर 2023 में केस हुआ और नोटिस जारी हुए। दिसंबर 2023 में बंगला खाली करने का नोटिस दिया लेकिन खाली नहीं किया। इसके बाद अब 25 सितंबर 2024 को अंतिम नोटिस जारी किया है और सात दिन में बंगला खाली करने के आदेश हुए हैं।
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अपर कलेक्टर रोहन सक्सेना से बंगला खाली कराने के लिए एसडीएम कोर्ट से बेदखली आदेश हुआ चस्पा
ASP रघुवंशी को यह हुआ अंतिम नोटिस
एएसपी राजेश रघुवंशी जोन 3 के एएसपी जो अभी खंडवा में पदस्थ है, उन्हें एफ 6 ओल्ड पलासिया में बंगला मिला हुआ था। उन्हें संभागायुक्त से खाली करने का नोटिस मिला, लेकिन नहीं किया। इसके बाद दिसंबर 2023 में उनके खिलाफ भी केस दर्ज कर नोटिस जारी हुए। लेकिन इसके बाद भी कोई जवाब नहीं आया। अब 23 सितंबर को उन्हें भी अंतिम सात दिन का नोटिस दिया गया है कि वह बंगला खाली करें नहीं तो बेदखल कराया जाएगा।
इंदौर में आने के बाद परिवार यही रखते हैं अधिकारी
इंदौर में समय के साथ अधिकारियों की संख्या भी बढ़ गई है, खासकर पुलिस कमिश्नरी के बाद अधिकारी अधिक हो गए हैं। उधर उस हिसाब से बंगले कम पड़ते हैं। उधर एक बार बंगला मिलने के बाद अधिकारी ट्रांसफर होने के बाद भी बंगले में परिवार को रखता है और वह खुद अप-डाउन करता है या छुटि्टयों में आना-जाना करता है, लेकिन बंगला नहीं छोड़ता है। इसके चलते मकानों की कमी होती है। नियमानुसार चार माह का समय दिया जाता है कि वह मकान खाली कर दे, लेकिन ऐसा नहीं होने पर बंगला नोटिस देकर और इसके बाद भी नहीं हो तो फिर एसडीएम कोर्ट से खाली कराया जाता है।
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