अपर कलेक्टर रोहन सक्सेना से बंगला खाली कराने के लिए एसडीएम कोर्ट से बेदखली आदेश हुआ चस्पा

इंदौर छोड़े अधिकारियों को लंबा समय हो जाता है लेकिन बंगलों का मोह नहीं जाता है। सालों तक वह कब्जा किए रहते हैं। ऐसा ही मामला अपर कलेक्टर रोहन सक्सेना का सामने आया है।

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Sanjay gupta
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इंदौर छोड़े अधिकारियों को लंबा समय हो जाता है लेकिन बंगलों का मोह नहीं जाता है। सालों तक वह कब्जा किए रहते हैं। ऐसा ही मामला आया है अपर कलेक्टर रोहन सक्सेना का, जो अभी निवाड़ी जिला पंचायत सीईओ के पद पर कार्यरत हैं। 

जुलाई 2023 में हो चुका है ट्रांसफर

रोहन सक्सेना इंदौर में नगर निगम अपर आयुक्त भी रहे हैं, वह यहां से ट्रांसफर होने से पहले एमपीआईडीसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर कार्यरत थे। जुलाई 2023 से ट्रांसफर होने के बाद उन्हें नियमानुसार चार माह का समय अगस्त से नवबंर 2023 तक बंगला खाली करने के लिए दिया था। लेकिन इसके बाद दस माह और बीत गए लेकिन उन्होंने बंगला खाली नहीं किया। इस मामले में संभागायुक्त द्वारा नोटिस भी दिए गए लेकिन इसके बाद भी वह और समय मांगते रहे लेकिन बंगला खाली नहीं किया। 

एसडीओ कोर्ट में लगा बेदखली केस

संभागायुक्त नोटिस के बाद भी बंगला खाली नहीं करने पर उन पर एसडीओ मल्हारगंज भाड़ा नियंत्रण कोर्ट में केस चला। कोर्ट से उन्हें दो बार नोटिस जारी कर पक्ष रखने का मौका दिया गया लेकिन वह जवाब देने के लिए नहीं आए और ना ही अधिवक्ता के जरिए जवाब पेश किया। इसके बाद उनके खिलाफ 12 सितंबर को एकपक्षीय ऑर्डर जारी करते हुए बेदखली आदेश जारी हो गया।

प्रशासन ने चस्पा किया नोटिस

इसके बाद जिला प्रशासन ने उन्हें आवंटित शासकीय आवास एफ-1 नंदलाल बोरदिया मार्ग, रेसकोर्स रोड इंदौर के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया। इसमें उन्हें तत्काल बंगला खाली करने के आदेश दिए गए हैं।

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