इंदौर-भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन का ब्लूप्रिंट तैयार, धार से विदिशा तक होगा समान विकास

मध्य प्रदेश सरकार ने इंदौर और भोपाल को मेट्रोपॉलिटन रीजन घोषित करने की योजना को मंजूरी दी है, जिससे धार से विदिशा तक लगभग 20,000 वर्ग किमी क्षेत्र में संतुलित शहरी विकास सुनिश्चित होगा। इस दिशा में डीपीआर तैयार करने का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है।

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Abhilasha Saksena Chakraborty
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Cabinet nod to Indore-Bhopal Metropolitan region
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MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने इंदौर और भोपाल को मेट्रोपॉलिटन रीजन घोषित करने की योजना को मंजूरी दी है, जिससे राज्य के शहरीकरण को एक नई दिशा मिलेगी। इस योजना के तहत धार से लेकर विदिशा तक लगभग 20,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में समान और संतुलित विकास सुनिश्चित किया जाएगा। यह कदम न केवल आधारभूत ढांचे को मज़बूती देगा बल्कि उद्योग, रोजगार और नागरिक सुविधाओं में भी सुधार लाएगा। कैबिनेट की मंज़ूरी के साथ ही डीपीआर पर भी काम शुरू हो गया है।

इंदौर और भोपाल रीजन की डीपीआर

इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन की प्रारंभिक डीपीआर तैयार हो चुकी है।
भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन की डीपीआर अगले महीने जून 2025 से तैयार की जाएगी।
दोनों रीजन को जोड़ने पर कुल क्षेत्रफल 19,589.38 वर्ग किमी बनता है। मध्य प्रदेश का कुल क्षेत्रफल 3,08,209 वर्ग किमी है।

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ये जिले होंगे शामिल 

  • इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन में कुल 9989.38 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल है। इसमें ये जिले शामिल हैं।  
  • इंदौर
  • धार
  • देवास
  • उज्जैन
  • शाजापुर (कुछ हिस्सा)

भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन का कुल एरिया 9600 वर्ग किमी है। इसमें शामिल जिले हैं-

  • भोपाल
  • रायसेन
  • विदिशा
  • सीहोर
  • राजगढ़ (ब्यावरा तहसील का कुछ हिस्सा)

    क्या होगा आर्थिक और औद्योगिक लाभ

  • मेट्रोपॉलिटन रीजन बनने से भोपाल-देवास कॉरिडोर के सीहोर वाले हिस्से में नया इंडस्ट्रियल हब विकसित होगा।
  • सीहोर का शरबती गेहूं (Sharbati Wheat) निर्यात बढ़ेगा और कृषि आधारित उद्योग उभरेंगे।
  • बैरागढ़ की कपड़ा मंडी का विस्तार होगा, जिससे टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा।
  • मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी और व्यवसायिक अवसर मिलेंगे।

शहरीकरण और नागरिक सुविधाएं

  • सरकार का उद्देश्य सिर्फ उद्योग ही नहीं बल्कि नागरिकों को बेहतर सुविधाएं देना भी है। इससे ये सुविधाएं मिलेंगी-
  • स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट
  • बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं
  • हाउसिंग प्रोजेक्ट्स
  • हरित क्षेत्र और पार्क विकसित करना

    डीपीआर का महत्व

    भोपाल रीजन के सीईओ श्यामवीर सिंह के अनुसार- डीपीआर में ही मेट्रोपॉलिटन एरिया के पूर्ण विकास की योजना तय की जाएगी। यह दस्तावेज शहरीकरण की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
  • FAQ

    1. इंदौर और भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन को जोड़ने का क्या उद्देश्य है?
    इसका मुख्य उद्देश्य शहरी विकास को समान रूप से बढ़ाना है ताकि उद्योग, रोजगार और नागरिक सुविधाओं में संतुलन बनाया जा सके।
    2. मेट्रोपॉलिटन रीजन बनने से किसे आर्थिक फायदा होगा?
    इस योजना से देवास, सीहोर, बैरागढ़ और मंडीदीप जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक निवेश बढ़ेगा जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और व्यापारिक अवसर मिलेंगे।
    3. भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन की डीपीआर कब तक तैयार होगी?
    भोपाल रीजन की डीपीआर जून 2025 से तैयार की जाएगी और इसी के आधार पर आगे की विकास योजनाएं तय होंगी।

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